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Surya Dev Vrat Katha: रविवार को करें सूर्यदेव का व्रत, सारे संकट हो जाते हैं दूर - सूर्यदेव के व्रत के लाभ

Surya Dev Vrat Katha: रविवार के दिन लोग सूर्यदेव की पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं. सूर्यदेव का व्रत रखने से मान-सम्मान, धन-यश और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. किसी की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो उसे ये व्रत करना चाहिए.

Suryadev fast
सूर्यदेव का व्रत
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Published : Jun 5, 2022, 9:56 AM IST

रायपुर: हिन्दू धर्म में हर दिन का महत्व अलग होता है. हिन्दू धर्म में हर दिन, किसी न किसी भगवान को समर्पित है. मान्यता है कि उस दिन उसी भगवान की पूजा करने से वो जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. इसी तरह से रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है. इस दिन लोग सूर्यदेव की पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं. हिन्दू धर्म में रविवार को सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है. मान्यता है कि अगर रविवार के दिन व्रत किया जाए और सच्चे मन से अराधना की जाए तो व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है. (Surya Dev Vrat Katha)

यह भी पढ़ें: Horoscope Today 5 June 2022: वृषभ, कन्या और मकर राशि को होगा लाभ, पढ़ें राशिफल

सूर्यदेव के व्रत के लाभ: शास्त्रों के अनुसार लगातार 1 वर्ष तक हर रविवार ये व्रत करने से हर तरह की शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है. 30 या 12 रविवार तक इस व्रत को करने के भी विशेष लाभ है. शास्त्रों में लिखा है कि सूर्य का व्रत करने से काया निरोगी तो होती ही है, साथ ही अशुभ फल भी शुभ फल में बदल जाते है. इस दिन व्रत कथा सुनी जाए तो इससे मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही मान-सम्मान, धन-यश और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति भी होती है. यही नहीं अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो उसे यह व्रत अवश्य करना चाहिए.

व्रत करने की विधि: व्रत को करने से पहले ये संकल्प लेना जरूरी है कि कितने रविवार व्रत किया जाएगा. इसके बाद आने वाले रविवार से इसे शुरू कर सकते है. रविवार सुबह लाल रंग के कपड़े पहनकर सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके बाद सूर्य देव को जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दुर्वा से अर्घ्य देकर पूजन करे. भोजन सूर्यास्त के बाद ही करें और इसमें गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही और घी का उपयोग अवश्य करें.

व्रत रखकर अच्छा भोजन बनाकर खाना चाहिए, जिससे आपके शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है. भोजन में आप इस दिन नमक का प्रयोग ऊपर से न करें और सूर्यास्त के बाद नमक भूलकर भी न खाएं. इस दिन चावल में दूध और गुड़ मिलाकर खाने से सूर्य के बुरे प्रभाव आप पर नहीं पड़ते.

रविवार को ना करें ये काम: रविवार को तेल और नमक का सेवन ना करें. मांस या मदिरा से पूरी तरह दूरी बनाए रखें. रविवार को बाल न कटाएं और तेल की मालिश भी ना करें. तांबे की धातु से बनी वस्तु ना खरीदें और ना ही बेचे. नीला, काला और ग्रे रंग के कपड़े ना पहने, और यदि जरूरी ना हो तो जुते पहनने से भी बचे. ऐसा कोई काम ना करें जिसमें दूध किसी भी प्रकार से जलाया जाए.

रायपुर: हिन्दू धर्म में हर दिन का महत्व अलग होता है. हिन्दू धर्म में हर दिन, किसी न किसी भगवान को समर्पित है. मान्यता है कि उस दिन उसी भगवान की पूजा करने से वो जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. इसी तरह से रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है. इस दिन लोग सूर्यदेव की पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं. हिन्दू धर्म में रविवार को सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है. मान्यता है कि अगर रविवार के दिन व्रत किया जाए और सच्चे मन से अराधना की जाए तो व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है. (Surya Dev Vrat Katha)

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सूर्यदेव के व्रत के लाभ: शास्त्रों के अनुसार लगातार 1 वर्ष तक हर रविवार ये व्रत करने से हर तरह की शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है. 30 या 12 रविवार तक इस व्रत को करने के भी विशेष लाभ है. शास्त्रों में लिखा है कि सूर्य का व्रत करने से काया निरोगी तो होती ही है, साथ ही अशुभ फल भी शुभ फल में बदल जाते है. इस दिन व्रत कथा सुनी जाए तो इससे मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही मान-सम्मान, धन-यश और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति भी होती है. यही नहीं अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो उसे यह व्रत अवश्य करना चाहिए.

व्रत करने की विधि: व्रत को करने से पहले ये संकल्प लेना जरूरी है कि कितने रविवार व्रत किया जाएगा. इसके बाद आने वाले रविवार से इसे शुरू कर सकते है. रविवार सुबह लाल रंग के कपड़े पहनकर सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके बाद सूर्य देव को जल, रक्त चंदन, अक्षत, लाल पुष्प और दुर्वा से अर्घ्य देकर पूजन करे. भोजन सूर्यास्त के बाद ही करें और इसमें गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही और घी का उपयोग अवश्य करें.

व्रत रखकर अच्छा भोजन बनाकर खाना चाहिए, जिससे आपके शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है. भोजन में आप इस दिन नमक का प्रयोग ऊपर से न करें और सूर्यास्त के बाद नमक भूलकर भी न खाएं. इस दिन चावल में दूध और गुड़ मिलाकर खाने से सूर्य के बुरे प्रभाव आप पर नहीं पड़ते.

रविवार को ना करें ये काम: रविवार को तेल और नमक का सेवन ना करें. मांस या मदिरा से पूरी तरह दूरी बनाए रखें. रविवार को बाल न कटाएं और तेल की मालिश भी ना करें. तांबे की धातु से बनी वस्तु ना खरीदें और ना ही बेचे. नीला, काला और ग्रे रंग के कपड़े ना पहने, और यदि जरूरी ना हो तो जुते पहनने से भी बचे. ऐसा कोई काम ना करें जिसमें दूध किसी भी प्रकार से जलाया जाए.

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