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भूपेश-सिंहदेव के बीच नहीं है 'ऑल इज वेल'

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Published : Aug 24, 2021, 4:45 PM IST

Updated : Aug 24, 2021, 5:09 PM IST

कांग्रेस आलाकमान छत्तीसगढ़ में पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को जल्द खत्म करना चाहता है. दिल्ली में राहुल गांधी ने सीएम भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव के साथ इसी प्रयास के तहत बैठक की है. दोनों के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है. पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुटबाजी ज्यादा नजर आ रही है.

baghel and singhdeo
भूपेश-सिंहदेव

रायपुर: छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से CM भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे है. दिसंबर 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस में उस वक्त सीएम पद के दावेदारों में भूपेश बघेल के अलावा टीएस सिंह देव भी थे, लेकिन भूपेश बघेल को ही सीएम बनाया गया. उस वक्त से ही छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में ढाई-ढाई साल के सीएम की चर्चा है.

अब जब भूपेश बघेल के कार्यकाल के ढाई साल पूरे हो चुके हैं तो ढाई-ढाई साल के सीएम की चर्चा फिर चल पड़ी है. 17 जून को भूपेश बघेल का ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो गया. हालांकि भूपेश बघेल और टी एस सिंह देव यही कहते रहे हैं कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.

भूपेश-सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं!

पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.

नेताओं के बीच तल्खी

मुख्यमंत्री पद के कथित फॉर्मूले की चर्चा के बीच वरिष्ठ नेताओं के बीच तल्खी भी देखी जा रही है. 27 जुलाई को छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सिंहदेव ने यह कहते हुए सदन छोड़ दिया था कि वह सदन की कार्यवाही में तब तक शामिल नहीं होंगे, जब तक राज्य सरकार एक विधायक द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों पर स्पष्ट जवाब नहीं देती है. दरअसल कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके काफिले पर सरगुजा जिले में सिंहदेव के इशारे पर हमला किया गया था. उन्होंने मंत्री से जान को खतरा होने का भी आरोप लगाया था. जब सरकार ने सिंहदेव पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और विधायक सिंह ने खेद जताया तब सिंहदेव विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए.

छत्तीसगढ़ में कुर्सी की जंग: राहुल गांधी से बैठक खत्म, टकराव खत्म होगा या नहीं!

कांग्रेस में गुटबाजी का 'डबल रिबन'!

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता हासिल करने के लिए 15 वर्षों का लंबा इंतजार करना पड़ा. 2018 में पार्टी तमाम मुश्किलों के बाद पार्टी के नेताओं-कार्यकताओं को एकजुट कर पाई थी, लेकिन अब पार्टी में बिखराव देखने को मिल रहा है. पार्टी कई समय से गुटबाजी का शिकार हो रही है. जिसका एक नई तस्वीर सरगुजा में देखने को मिली है.

सरगुजा जिले में कांग्रेस जिला मुख्यालय 'राजीव भवन' का लोकार्पण किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही वरिष्ठ नेता वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे. इसके अलावा लोकार्पण कार्यक्रम में सरगुजा आकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने शिरकत की. भवन का लोकार्पण का फीता पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने काटा, लेकिन थोड़ी देर बाद खाद्यमंत्री वहां पहुंचे और उन्होंने एक बार फिर नया फीता काटकर दूसरी बार भवन का लोकार्पण कर दिया.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से CM भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे है. दिसंबर 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस में उस वक्त सीएम पद के दावेदारों में भूपेश बघेल के अलावा टीएस सिंह देव भी थे, लेकिन भूपेश बघेल को ही सीएम बनाया गया. उस वक्त से ही छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में ढाई-ढाई साल के सीएम की चर्चा है.

अब जब भूपेश बघेल के कार्यकाल के ढाई साल पूरे हो चुके हैं तो ढाई-ढाई साल के सीएम की चर्चा फिर चल पड़ी है. 17 जून को भूपेश बघेल का ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो गया. हालांकि भूपेश बघेल और टी एस सिंह देव यही कहते रहे हैं कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.

भूपेश-सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं!

पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.

नेताओं के बीच तल्खी

मुख्यमंत्री पद के कथित फॉर्मूले की चर्चा के बीच वरिष्ठ नेताओं के बीच तल्खी भी देखी जा रही है. 27 जुलाई को छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सिंहदेव ने यह कहते हुए सदन छोड़ दिया था कि वह सदन की कार्यवाही में तब तक शामिल नहीं होंगे, जब तक राज्य सरकार एक विधायक द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों पर स्पष्ट जवाब नहीं देती है. दरअसल कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके काफिले पर सरगुजा जिले में सिंहदेव के इशारे पर हमला किया गया था. उन्होंने मंत्री से जान को खतरा होने का भी आरोप लगाया था. जब सरकार ने सिंहदेव पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और विधायक सिंह ने खेद जताया तब सिंहदेव विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए.

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कांग्रेस में गुटबाजी का 'डबल रिबन'!

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता हासिल करने के लिए 15 वर्षों का लंबा इंतजार करना पड़ा. 2018 में पार्टी तमाम मुश्किलों के बाद पार्टी के नेताओं-कार्यकताओं को एकजुट कर पाई थी, लेकिन अब पार्टी में बिखराव देखने को मिल रहा है. पार्टी कई समय से गुटबाजी का शिकार हो रही है. जिसका एक नई तस्वीर सरगुजा में देखने को मिली है.

सरगुजा जिले में कांग्रेस जिला मुख्यालय 'राजीव भवन' का लोकार्पण किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही वरिष्ठ नेता वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे. इसके अलावा लोकार्पण कार्यक्रम में सरगुजा आकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने शिरकत की. भवन का लोकार्पण का फीता पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने काटा, लेकिन थोड़ी देर बाद खाद्यमंत्री वहां पहुंचे और उन्होंने एक बार फिर नया फीता काटकर दूसरी बार भवन का लोकार्पण कर दिया.

Last Updated : Aug 24, 2021, 5:09 PM IST
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