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Youth Festival 2023: युवाओं को सर्वधर्म सम्मान का संदेश दे रहे झंडे वाले बाबा - झंडे वाले बाबा की कहानी

आजादी के पहले से ही देश में सर्व धर्म सम्मान का नारा दिया जाता है. लेकिन आज देश में धर्मांतरण को लेकर विवाद और एक दूसरे के धर्म को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है. इन सब के बीच रायपुर के यूथ फेस्टिवल में समाज में भेदभाव को जड़ से खत्म करने का संदेश देने के लिए एक शख्स पहुंचे. लोग उन्हें झंडे वाले बाबा कहते हैं.

Youth Festival 2023
झंडे वाले बाबा का संदेश
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Published : Jan 30, 2023, 11:49 PM IST

झंडे वाले बाबा की बातें

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में युवा महोत्सव 2023 का आयोजन किया गया. जहां समाज में भेदभाव को जड़ से खत्म करने का संदेश लेकर एक बाबा पहुंचे. जिन्होंने सभी धर्मों के सम्मान की बात कही. वह तिरंगा लेकर युवाओं को मानव धर्म सर्वोपरि का संदेश दिया. इस शख्स का नाम अख्तर हुसैन है वह पूरे देश में एकता का संदेश दे रहे हैं. उनके पोशाक और हाव भाव में देश की एकता का संदेश छिपा था.

सर्व धर्म समान का संदेश दे रहे झंडे वाले बाबा: बहुत सी ऐसी पार्टियां हैं जो केवल हिंदू धर्म को सर्वोपरि मानती हैं. वहीं कुछ पार्टियां मुस्लिम धर्म का दर्जा सबसे ऊपर रखती है. जिस वजह से युवाओं के मन ने भी धर्म और जाति को लेकर भेदभाव पैदा होता है. इसे ही खत्म करने का उद्देश्य से अख्तर हुसैन सर्व धर्म सम्मान का संदेश दे रहे हैं. उनकी इस मुहिम को हर जगह समर्थन भी मिल रहा है.

एकता का संदेश: दिखने में सामान्य और साधारण सफेद कुर्ता पहने व्यक्ति छत्तीसगढ़ नेत्र चिकत्सालय में अस्सिटेंट के पद पर काम कर चुके हैं. इनका नाम अख्तर हुसैन है. 62 वर्ष की उम्र में बिना किसी सहारे के संदेश दे रहे हैं. अख्तर हुसैन राजधानी रायपुर के तेलीबांधा निवासी हैं. उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो उनके दोनों हाथ काम नहीं करते इसके बावजूद भी हाथ में झंडा लेकर देश के हर कोने में जाते हैं. वह कोविड काल से लोगों को जागरुक कर रहे हैं.



लोगों को समझाते हैं एकता का महत्व: वैसे कई राजनैतिक पार्टियां और समूह हैं, जो एकता का संदेश देते हैं. लेकिन आम आदमी का जमीनी स्तर पर जाकर हर व्यक्ति को एकता का अर्थ समझाना काफी सराहनीय है. अक्सर व्यक्ति अपने जीवन और घरों की जरूरतें पूरी करने में इतना व्यस्त हो जाता है कि देश के लिए कुछ खास करने के लिए उसके पास समय नहीं होता है. लेकिन अख्तर हुसैन ने 60 साल तक नौकरी कर अपने घर जिम्मेदारी भी निभाई और रिटायर्ड होने के बाद देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रहे हैं.


ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए अख्तर हुसैन ने कहा कि "सबसे पहले तो मैं एक हिंदुस्तानी हूं. 26 मार्च 2019 से मै पूरे रायपुर, ओडिशा, बस्तर, नागपुर, मुंबई, दिल्ली सभी राज्यों में घूम चुका हूं. कोरोना काल के दौरान मैंने लोगों को कोरोना के लिए जागरुक किया. अब मैं लोगों को एकता और भाईचारे का संदेश देता हूं. क्योंकि देश में हिंदु, मुस्लिम, सिख और ईसाई सब आपस में भाई भाई हैं.

झंडे वाले बाबा की बातें

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में युवा महोत्सव 2023 का आयोजन किया गया. जहां समाज में भेदभाव को जड़ से खत्म करने का संदेश लेकर एक बाबा पहुंचे. जिन्होंने सभी धर्मों के सम्मान की बात कही. वह तिरंगा लेकर युवाओं को मानव धर्म सर्वोपरि का संदेश दिया. इस शख्स का नाम अख्तर हुसैन है वह पूरे देश में एकता का संदेश दे रहे हैं. उनके पोशाक और हाव भाव में देश की एकता का संदेश छिपा था.

सर्व धर्म समान का संदेश दे रहे झंडे वाले बाबा: बहुत सी ऐसी पार्टियां हैं जो केवल हिंदू धर्म को सर्वोपरि मानती हैं. वहीं कुछ पार्टियां मुस्लिम धर्म का दर्जा सबसे ऊपर रखती है. जिस वजह से युवाओं के मन ने भी धर्म और जाति को लेकर भेदभाव पैदा होता है. इसे ही खत्म करने का उद्देश्य से अख्तर हुसैन सर्व धर्म सम्मान का संदेश दे रहे हैं. उनकी इस मुहिम को हर जगह समर्थन भी मिल रहा है.

एकता का संदेश: दिखने में सामान्य और साधारण सफेद कुर्ता पहने व्यक्ति छत्तीसगढ़ नेत्र चिकत्सालय में अस्सिटेंट के पद पर काम कर चुके हैं. इनका नाम अख्तर हुसैन है. 62 वर्ष की उम्र में बिना किसी सहारे के संदेश दे रहे हैं. अख्तर हुसैन राजधानी रायपुर के तेलीबांधा निवासी हैं. उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो उनके दोनों हाथ काम नहीं करते इसके बावजूद भी हाथ में झंडा लेकर देश के हर कोने में जाते हैं. वह कोविड काल से लोगों को जागरुक कर रहे हैं.



लोगों को समझाते हैं एकता का महत्व: वैसे कई राजनैतिक पार्टियां और समूह हैं, जो एकता का संदेश देते हैं. लेकिन आम आदमी का जमीनी स्तर पर जाकर हर व्यक्ति को एकता का अर्थ समझाना काफी सराहनीय है. अक्सर व्यक्ति अपने जीवन और घरों की जरूरतें पूरी करने में इतना व्यस्त हो जाता है कि देश के लिए कुछ खास करने के लिए उसके पास समय नहीं होता है. लेकिन अख्तर हुसैन ने 60 साल तक नौकरी कर अपने घर जिम्मेदारी भी निभाई और रिटायर्ड होने के बाद देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रहे हैं.


ईटीवी भारत की टीम से बात करते हुए अख्तर हुसैन ने कहा कि "सबसे पहले तो मैं एक हिंदुस्तानी हूं. 26 मार्च 2019 से मै पूरे रायपुर, ओडिशा, बस्तर, नागपुर, मुंबई, दिल्ली सभी राज्यों में घूम चुका हूं. कोरोना काल के दौरान मैंने लोगों को कोरोना के लिए जागरुक किया. अब मैं लोगों को एकता और भाईचारे का संदेश देता हूं. क्योंकि देश में हिंदु, मुस्लिम, सिख और ईसाई सब आपस में भाई भाई हैं.

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