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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने की महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में बाघम्बरी मठ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग की गई.

akhil bharatiya akhara parishad meeting in prayagraj
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक
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Published : Jan 5, 2021, 9:10 PM IST

प्रयागराज : साल के पहले दिन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की एक बैठक बाघम्बरी मठ में आयोजित की गई. इस बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में हरिद्वार में लगने वाले कुंभ मेले के साथ ही यूपी में मठ-मंदिरों के रजिस्ट्रेशन के फैसले पर भी चर्चा की गई. इसके साथ ही राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर महाराष्ट्र की सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की गई.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक

अपने बयान से पलटे महंत नरेंद्र गिरी

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन का अध्यादेश लाने की तैयारी में है, जिसको लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने मंगलवार को विरोध किया था. वहीं आज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने अपने बयान से पलटते हुए मीडिया पर बयान को तोड़ने मरोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद एक मठ के महंत हैं. ऐसे में वह धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन को लेकर जो भी कानून बनाएंगे, उसमें साधु-संतों और मठ-मंदिरों का हित ही होगा. यही वजह है कि सभी अखाड़ों ने आज की बैठक में यूपी सरकार के इस फैसले पर सहमति जताते हुए सरकार के साथ खड़े होने का एलान किया है.

सीएम योगी के फैसले का समर्थन

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि वह सीएम योगी के फैसले के साथ हैं और उन्होंने पहले भी जो बयान दिया था, उसमें इस फैसले का विरोध नहीं किया था, बल्कि उन्होंने अपनी राय जाहिर की थी.

akhil bharatiya akhara parishad meeting in prayagraj
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक
महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग

बैठक में महाराष्ट्र में लगातार हो रही साधु-संतों की हत्या पर नाराजगी जताई गई. इसके साथ ही बैठक में प्रस्ताव पास हुआ कि साधु-संतों का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली जाकर राष्ट्रपति को ज्ञापन देगा. ज्ञापन के जरिए राष्ट्रपति से मांग की जाएगी कि महाराष्ट्र की सरकार को बर्खास्त कर वहां चुनाव करवाया जाए. बैठक में महाराष्ट्र सरकार की साधु-संतों ने जमकर निंदा की.

पढ़ें: बलरामपुर में श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान की शुरुआत

संस्था के रजिस्ट्रेशन में अखाड़ा लिखने पर रोक लगाने की मांग

प्रयागराज में हुई अखाड़ा परिषद की इस बैठक में एक और अहम मुद्दे पर चर्चा हुई. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों ने यह फैसला लिया कि देश भर में जितनी भी धार्मिक संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन होता है, उनके नाम में रजिस्ट्रेशन के दौरान अखाड़ा शब्द का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई जाए. कुछ लोग मिलकर खुद अखाड़ा बना लेते हैं और उसके नाम से धार्मिक संस्था रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. इसलिए साधु-संतों ने सरकार से मांग की है कि अखाड़ा के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवाने पर पाबंदी लगाई जाए.

अखाड़ा शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग

महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि वह सरकार से मांग करेंगे कि संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन के दौरान अखाड़ा शब्द का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई जाए. साथ ही पहले से जिन लोगों ने अखाड़ा शब्द का इस्तेमाल कर धार्मिक संस्था रजिस्टर्ड करवाई है, उनके नाम से अखाड़ा शब्द हटाया जाए, जिससे कि देश में अखाड़ों की गरिमा बनी रहे और आए दिन अपनी मनमर्जी से कोई भी व्यक्ति अखाड़ा का गठन करके धार्मिक संस्था के रूप में उसका रजिस्ट्रेशन न करवा सके. क्योंकि अखाड़ा के नाम से संस्था रजिस्टर्ड कराने के बाद कुंभ मेला, माघ मेला के साथ ही अन्य धार्मिक आयोजनों में गलत लोग पहुंचकर अखाड़ों का नाम बदनाम करते हैं.

akhil bharatiya akhara parishad meeting in prayagraj
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक
हरिद्वार में लगने वाले कुम्भ पर हुई चर्चा

बाघम्बरी मठ में अखाड़ा परिषद की बैठक में सबसे पहले हरिद्वार में लगने वाले कुंभ मेले को लेकर चर्चा की गई, जिसमें सभी साधु-संतों ने हरिद्वार के मुख्यमंत्री से मांग की है कि जिस तरह से प्रयागराज में कोरोना महामारी के बावजूद सीएम योगी आदित्यनाथ माघ मेले का भव्य आयोजन करवा रहे हैं, उसी तरह से उत्तराखंड सरकार भी वहां लगने वाले कुंभ मेले के आयोजन को भव्य बनाने का कार्य करे. इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार के अफसरों को निर्देश दें कि अफसर अखाड़ों को जमीन समेत दूसरी सुविधाएं जल्द से जल्द आवंटित करें, जिससे अखाड़े अपनी तैयारियों को समय से पूरा कर सकें.

प्रयागराज : साल के पहले दिन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की एक बैठक बाघम्बरी मठ में आयोजित की गई. इस बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में हरिद्वार में लगने वाले कुंभ मेले के साथ ही यूपी में मठ-मंदिरों के रजिस्ट्रेशन के फैसले पर भी चर्चा की गई. इसके साथ ही राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर महाराष्ट्र की सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की गई.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक

अपने बयान से पलटे महंत नरेंद्र गिरी

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन का अध्यादेश लाने की तैयारी में है, जिसको लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने मंगलवार को विरोध किया था. वहीं आज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने अपने बयान से पलटते हुए मीडिया पर बयान को तोड़ने मरोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद एक मठ के महंत हैं. ऐसे में वह धार्मिक स्थलों के रजिस्ट्रेशन को लेकर जो भी कानून बनाएंगे, उसमें साधु-संतों और मठ-मंदिरों का हित ही होगा. यही वजह है कि सभी अखाड़ों ने आज की बैठक में यूपी सरकार के इस फैसले पर सहमति जताते हुए सरकार के साथ खड़े होने का एलान किया है.

सीएम योगी के फैसले का समर्थन

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि वह सीएम योगी के फैसले के साथ हैं और उन्होंने पहले भी जो बयान दिया था, उसमें इस फैसले का विरोध नहीं किया था, बल्कि उन्होंने अपनी राय जाहिर की थी.

akhil bharatiya akhara parishad meeting in prayagraj
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक
महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग

बैठक में महाराष्ट्र में लगातार हो रही साधु-संतों की हत्या पर नाराजगी जताई गई. इसके साथ ही बैठक में प्रस्ताव पास हुआ कि साधु-संतों का प्रतिनिधि मंडल दिल्ली जाकर राष्ट्रपति को ज्ञापन देगा. ज्ञापन के जरिए राष्ट्रपति से मांग की जाएगी कि महाराष्ट्र की सरकार को बर्खास्त कर वहां चुनाव करवाया जाए. बैठक में महाराष्ट्र सरकार की साधु-संतों ने जमकर निंदा की.

पढ़ें: बलरामपुर में श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान की शुरुआत

संस्था के रजिस्ट्रेशन में अखाड़ा लिखने पर रोक लगाने की मांग

प्रयागराज में हुई अखाड़ा परिषद की इस बैठक में एक और अहम मुद्दे पर चर्चा हुई. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों ने यह फैसला लिया कि देश भर में जितनी भी धार्मिक संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन होता है, उनके नाम में रजिस्ट्रेशन के दौरान अखाड़ा शब्द का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई जाए. कुछ लोग मिलकर खुद अखाड़ा बना लेते हैं और उसके नाम से धार्मिक संस्था रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. इसलिए साधु-संतों ने सरकार से मांग की है कि अखाड़ा के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवाने पर पाबंदी लगाई जाए.

अखाड़ा शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग

महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि वह सरकार से मांग करेंगे कि संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन के दौरान अखाड़ा शब्द का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई जाए. साथ ही पहले से जिन लोगों ने अखाड़ा शब्द का इस्तेमाल कर धार्मिक संस्था रजिस्टर्ड करवाई है, उनके नाम से अखाड़ा शब्द हटाया जाए, जिससे कि देश में अखाड़ों की गरिमा बनी रहे और आए दिन अपनी मनमर्जी से कोई भी व्यक्ति अखाड़ा का गठन करके धार्मिक संस्था के रूप में उसका रजिस्ट्रेशन न करवा सके. क्योंकि अखाड़ा के नाम से संस्था रजिस्टर्ड कराने के बाद कुंभ मेला, माघ मेला के साथ ही अन्य धार्मिक आयोजनों में गलत लोग पहुंचकर अखाड़ों का नाम बदनाम करते हैं.

akhil bharatiya akhara parishad meeting in prayagraj
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक
हरिद्वार में लगने वाले कुम्भ पर हुई चर्चा

बाघम्बरी मठ में अखाड़ा परिषद की बैठक में सबसे पहले हरिद्वार में लगने वाले कुंभ मेले को लेकर चर्चा की गई, जिसमें सभी साधु-संतों ने हरिद्वार के मुख्यमंत्री से मांग की है कि जिस तरह से प्रयागराज में कोरोना महामारी के बावजूद सीएम योगी आदित्यनाथ माघ मेले का भव्य आयोजन करवा रहे हैं, उसी तरह से उत्तराखंड सरकार भी वहां लगने वाले कुंभ मेले के आयोजन को भव्य बनाने का कार्य करे. इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार के अफसरों को निर्देश दें कि अफसर अखाड़ों को जमीन समेत दूसरी सुविधाएं जल्द से जल्द आवंटित करें, जिससे अखाड़े अपनी तैयारियों को समय से पूरा कर सकें.

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