रायपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक लाने के लिए विशेष विमानों कि व्यवस्था कराई जाए. इसके साथ ही उन्होंने इसके फायदे भी बताए हैं.
- एयरलाइंस को दिया जाने वाला पैसा उनके नकदी प्रवाह को बढ़ा देगा और उन्हें लंबी अवधि तक अर्थव्यवस्था में बने रहने में मदद करेगा.
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- उन राज्यों से जो गृह राज्य से हजारोंं किलोमीटर से अधिक दूरी पर हैं. ट्रेनों से मजदूरों को लाने में काफी समय लग सकता. जिससे मजदूर कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं. ऐसे राज्यों के प्रवासी मजदूरों के लिए विमानसेवा ही अधिक सुविधाजनक होगी.
- हवाई अड्डों पर मजदूरों को स्क्रीन (जांच) करना आसान है. क्योंकि विमानतल शहर के केंद्र से कुछ दूरी पर स्थित है. जबकि इसके विपरीत रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र में स्थित है.
- मजदूरों को भीषण गर्मी में लू और नौतपा से राहत मिलेगी जो, उनके स्वास्थ्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकते हैं. पहले ही पारा 42 डिग्री तक पहुंच गया है और इससे भी अधिक तापमान बढ़ने की उम्मीद है.
- हवाई अड्डे पर पुलिस कर्मियों के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग बनाए रखना आसान होगा. जिससे प्रति विमान आने वाले मजदूरों की संख्या कम होगा. ठीक इसके विपरीत ट्रेनों के मामले में हर ट्रेन में हजार मजदूर से भी अधिक का आगमन होगा. इससे सोशल डिस्टेन्सिंग और क्वॉरेंटाइन का प्रबंधन करने वाले अधिकारियों पर काफी दबाव बढ़ेगा.
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अब देखने वाली बात ये होगी की अजीत जोगी के लिखे इस पत्र पर केंद्र सरकार क्या फैसला लेती है. बता दें कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर प्रवासी मजदूरों को उनके घर लाने के लिए कड़ी मश्क्कत कर रहें हैं. फिलहाल अभी देश के कई हिस्सों में ट्रेन से मजदूरों को उनके मंजिल तक पहुंचाया है.