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जाति मामले पर फैसले को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे: जोगी

अजीत जोगी के जाति मामले पर जोगी ने कहा कि इस फैसले को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे.

अजीत जोगी
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Published : Aug 27, 2019, 1:00 PM IST

Updated : Aug 27, 2019, 2:45 PM IST

रायपुर: जाति मामले पर बनी छानबीन समिति ने अजीत जोगी की जाति को निरस्त करने का फैसला सुनाया है. समिति ने कहा है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं. जोगी का कहना है कि उन्हें इसकी विधिवत जानकारी नहीं मिली है. वे 20 अगस्त को छानबीन समिति के सामने पेश हुए थे.

अजीत जोगी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

अजीत जोगी ने कहा कि, 'भूपेश की उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने फैसला दिया है कि मैं आदिवासी नहीं हूं.' जोगी ने कहा कि वो इस फैसले उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे.

  • जोगी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मीडिया के जरिए मिली है.
  • जोगाी ने कहा कि भूपेश उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने फैसला दिया है कि मैं आदिवासी नहीं हूं.
  • जोगी ने कहा कि ये कोई मधुर पाटिल की हाई पावर समिति नहीं थी, इसमें भूपेश बघेल के हस्ताक्षर पर फैसला लिया गया.
  • साल 1986 में शासकीय सेवा के दौरान जाति मामले में कुछ नहीं हुआ. जैसे ही मैं राज्यसभा में आया 1987 में इंदौर में मनहोरा दलाल ने याचिका लगाई थी: जोगी
  • इंदौर हाईकोर्ट (बेंच), जबलपुर हाईकोर्ट, बिलासपुर हाईकोर्ट, 1987 से न्यायालय पालिका ने मेरे पक्ष में निर्णय दिया: जोगी

कब, क्या हुआ-

  • HC के निर्देश पर भूपेश सरकार ने जोगी की जाति के मामले में डीडी सिंह की अध्यक्षता में छानबीन समिति बनाई थी.
  • रमन सिंह के कार्यकाल में भी अजीत जोगी की जाति को लेकर छानबीन समिति बनी थी.
  • हालांकि तब रीना बाबा साहब कंगाले के नेतृत्व में बनी कमेटी को अजीत जोगी ने ये कहकर चुनौती हाईकोर्ट में दे दी थी कि रीना बाबा कंगाले की समिति कोरम नहीं पूरा करती.
  • दरअसल रिपोर्ट में कई जगहों पर रीना बाबा ने खुद ही हस्ताक्षर किया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने नई कमेटी बनाने का निर्देश दिया था.

गृह मंत्री ने कुछ कहने से किया इनकार-
इस मामले पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. इस मामले पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू कहा है कि यह अजीत जोगी और अदालत के बीच का मामला है इसलिए वो इसपर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

रायपुर: जाति मामले पर बनी छानबीन समिति ने अजीत जोगी की जाति को निरस्त करने का फैसला सुनाया है. समिति ने कहा है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं. जोगी का कहना है कि उन्हें इसकी विधिवत जानकारी नहीं मिली है. वे 20 अगस्त को छानबीन समिति के सामने पेश हुए थे.

अजीत जोगी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

अजीत जोगी ने कहा कि, 'भूपेश की उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने फैसला दिया है कि मैं आदिवासी नहीं हूं.' जोगी ने कहा कि वो इस फैसले उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे.

  • जोगी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मीडिया के जरिए मिली है.
  • जोगाी ने कहा कि भूपेश उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने फैसला दिया है कि मैं आदिवासी नहीं हूं.
  • जोगी ने कहा कि ये कोई मधुर पाटिल की हाई पावर समिति नहीं थी, इसमें भूपेश बघेल के हस्ताक्षर पर फैसला लिया गया.
  • साल 1986 में शासकीय सेवा के दौरान जाति मामले में कुछ नहीं हुआ. जैसे ही मैं राज्यसभा में आया 1987 में इंदौर में मनहोरा दलाल ने याचिका लगाई थी: जोगी
  • इंदौर हाईकोर्ट (बेंच), जबलपुर हाईकोर्ट, बिलासपुर हाईकोर्ट, 1987 से न्यायालय पालिका ने मेरे पक्ष में निर्णय दिया: जोगी

कब, क्या हुआ-

  • HC के निर्देश पर भूपेश सरकार ने जोगी की जाति के मामले में डीडी सिंह की अध्यक्षता में छानबीन समिति बनाई थी.
  • रमन सिंह के कार्यकाल में भी अजीत जोगी की जाति को लेकर छानबीन समिति बनी थी.
  • हालांकि तब रीना बाबा साहब कंगाले के नेतृत्व में बनी कमेटी को अजीत जोगी ने ये कहकर चुनौती हाईकोर्ट में दे दी थी कि रीना बाबा कंगाले की समिति कोरम नहीं पूरा करती.
  • दरअसल रिपोर्ट में कई जगहों पर रीना बाबा ने खुद ही हस्ताक्षर किया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने नई कमेटी बनाने का निर्देश दिया था.

गृह मंत्री ने कुछ कहने से किया इनकार-
इस मामले पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. इस मामले पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू कहा है कि यह अजीत जोगी और अदालत के बीच का मामला है इसलिए वो इसपर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

Intro: विधिवत आदेश प्राप्त नही हुआ है।।
मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलि है।।भूपेश उच्चस्तरीय छानबीन कमिटि ने फैसला दिया है कि मैं आदिवासी नही हूँ।।
ये कोई मधुर पाटिल की हाईपावर कमिटि नही थी इसमे भूपेश बघेल की हस्ताक्षर प रफैसल किया गया था।।
[सन 1986 में शासकीय सेवा के दौरान जाति मामले में कुछ नही हुआ जैसे ही मैं राज्यसभा में आया 1987 में इंदौर में मनहोरा दलाल ने याचिका लगाई थी।।

इंदौर हाईकोर्ट ,जबलपुर हाईकोर्ट,, बिलासपुर हाईकोर्ट 1987 से न्यायालय पालिका ने मेरे पक्ष में निर्णय दिया
हाईकोट और सुप्रीम में चुनौती देंगे।।

20 तारिक को कहा गया था के मुझे फिर स बुलागे। लेकिन भूपेश बघेल को इतनी जल्दी के मुझे नही बुलाया।।


मैं भी कांग्रेस में रह हूँ वे कांग्रेस के है मैं भी कांग्रेस का रहा हूँ राजिव गाँधी, सोनिया, राहुल गांधी ने 15 साल तक
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटि का आदिवासी अध्यक्ष बनाया था।।

किसी भी प्रदेश में आदिवासी सम्मेलन

सीएम को ये भी परवाह नही है कि खुद की पार्टी के अध्यक्ष ने मुझे आदिवासी माना लेकिन भूपेश मुझे आदिवासी नही मैन रहे है।।


4 बार मरवाही की आदिवासी जनता ने मुझे जिताया।। मैं कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ा

Body:जहा मैं लिखा पढ़ा ,जहा से मैं चुनाव लड़ता हूँ मेरी जाति के बारे में वो ज्यादा जानते है या भुवेश बघेल
देश मे मैं अकेला व्यक्ति हूँ कि मेरी जाति नही है।।इन्होंने बताया नकी मैं आदिवासी नही हूँ लेकिन मेरी जाति क्या है इन्होंने नही बताई।।
बिलासपुर हाईकोर्ट के समीरा पैकरा द्वरा अमित जोगी के आदिवासी नही है याचिका लगाई थू। वही hc ने अमित को कवर आदिवासी और मुढ़ी गोत्र का बताया , यह बिलासपुर हाईकोर्ट ने निर्णय दिया था।। जब मेरा बेटा आदिवासी है तो उसका बाप आदिवासी कैसे नही हुआ।।Conclusion:
Last Updated : Aug 27, 2019, 2:45 PM IST
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