रायपुर : लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोग अपनी प्रतिभाओं को निखारने समय निकाल रहे हैं. कोई संगीत सीख रहा है तो कोई अपनी कलाओं को निखारने में समय बिता रहा है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी इस समय का भरपूर लाभ उठा रहे हैं. वे इस दौरान अपनी आत्मकथा लिख रहे हैं.
अजीत जोगी ने बताया कि 'बहुत समय से शुभचिंतक कह रहे थे कि मेरा जीवन कुछ ऐसा रहा है कि मुझे अपने जीवन के बारे में लिखना चाहिए'. उन्होंने बीती बातों को याद करते हुए कहा कि गरीबी के हालतों से होकर मुख्यमंत्री बनने तक का सफर आसान नहीं था. मैं आईएएस रहा, आईपीएस बना, राजनीति में लंबा समय व्यतीत किया. अपने जीवन में बड़े उतार-चढ़ाव देखें, बाद में मेरा एक्सीडेंट हो गया, उसके बाद ही मैं वीलचेयर पर हूं लेकिन फिर भी मेरी राजनीति नहीं रुकी है. एक अलग सा मेरा जीवन रहा है'.
उन्होंने कहा कि 'इन सारी चीजों को लिखने के लिए समय ही नहीं मिल रहा था, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन ने समय दे दिया और उसका भरपूर उपयोग कर रहा हूं. अभी लंबा लिखना है लगभग आधा इस पर लिख चुका हूं. मैं उम्मीद कर रहा हूं कि लॉकडाउन खत्म होने तक इसे मैं पूरा कर सकू. मैं चाऊंगा की इसे एक साथ हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित करवाऊ'
पढ़ें-भारत में लॉकडाउन : कई राज्यों में आज से आंशिक राहत, जानें कहां-कहां मिली है छूट
बात दें कि अजीत जोगी ने अब तक ये किताबें लिखी हैं-
- दृष्टिकोण
- मोर मांदर के थाप
- स्वर्ण कण जन (मेरे प्रेरणा स्त्रोत)
- सदी के मोड़ पर
अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने भी किताब लिखी हैं
अजीत जोगी, अनकही कहानी
फूल कुंवर (राइटर अजीत जोगी - रेणु जोगी)