रायपुर: 8 अक्टूबर को हर साल वायुसेना दिवस (Air Force Day) मनाया जाता है. इस बार 90 वां वायसेना दिवस मनाने जा रहा है. इस दिन भारतीय वायुसेना अपना दमखम दिखाएगी, जिसके लिए वायुसेना ने विशेष तैयारी की है. वायुसेना दिवस को देखते हुए चंडीगढ़ में एयर शो का आयोजन ( Air show organized in Chandigarh ) किया जा रहा है. इस एयर शो में 83 एयरक्राफ्ट शामिल होंगे. एयर शो में शामिल होने वाले एयरक्राफ्ट में से 44 फाइटर एयरक्राफ्ट, 7 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 20 हेलिकॉप्टर और 7 विंटेज एयरक्राफ्ट शामिल होंगे. वहीं, 9 एयरक्राफ्ट स्टैंडबाय पर रखे जाएंगे. इस बार एयर शो की खास बात यह रहेगी कि इसमें नए लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर भी शामिल होंगे.
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फ्लाई-पास्ट कहां हो रही है?: अभी तक वायुसेना दिवस की परेड और फ्लाई-पास्ट राजधानी दिल्ली से सटे हिंडन एयर बेस पर होती आई थी. हिंडन एयर बेस पर परेड और फ्लाई-पास्ट दोनों एक साथ होते आए थे, लेकिन इस साल से फ्लाई पास एयर बेस से बाहर करने का फैसला लिया गया है. इस बार ये फ्लाई पास्ट चंड़ीगढ़ की सुकना लेक (Sukna Lake of Chandigarh) पर आयोजित किया जाएगा. इस दौरान वायुसेना प्रमुख के साथ साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) भी मौजूद रहेंगे. वायुसेना के मुताबिक, इस साल फ्लाई पास्ट दोपहर 2.45 से शुरू होकर 4.44 यानी करीब-करीब पूरे दो घंटे चलेगा.
जानें भारतीय वायुसेना को: भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है. गाजियाबाद स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा एयरबेस है. भारतीय वायुसेना के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक यह अपने ध्येय वाक्य 'नभ: स्पृशं दीप्तम्' के मार्ग पर चल रहा है. इसका अर्थ है 'गर्व के साथ आकाश को छूना.' वायु सेना के इस ध्येय वाक्य को भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है. भारतीय वायुसेना का रंग नीला, आसमानी नीला और सफेद है.
भारतीय वायुसेना का इतिहास: भारतीय वायु सेना का गठन 8 अक्टूबर, 1932 को हुआ था. भारतीय वायु सेना की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई. जानकारी के अनुसार, इंडियन एयरफोर्स के वायुयान ने अपनी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को भरी थी. उस समय इसमें RAF द्वारा प्रशिक्षित 6 अफसर और 19 हवाई सिपाही (शताब्दिक तौर पर वायुयोद्धा) थे. बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की वायु सेना की एक इकाई के तौर पर हुई थी. दि्तीय विश्व युद्ध के दौरान इसके नाम में रॉयल शब्द जोड़ा गया था. लेकिन स्वतंत्रता मिलने के बाद 1950 में हटा दिया गया था.