रायपुर: छत्तीसगढ़ को गर्व करने का एक और मौका मिला है. प्रदेश में बने बायो फ्यूल से भारतीय वायु सेना के विमान AN 32 ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी है. प्रदेश में बायो फ्यूल बनाने की दिशा में लंबे समय से काम हो रहा था. बायोफ्यूल छत्तीसगढ़ में उत्पादित रतनजोत और करंज के बीज से बनाया गया है, जो अब आसमान में वायु सेना को नई 'उड़ान' देगा.
बता दें कि दुनिया के सबसे दुर्गम हवाई पट्टियों में से एक लेह से वायु सेना के AN 32 विमान ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी है. यह न केवल छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है कि हमारी वायुसेना का लड़ाकू विमान हमारे देश में ही बने फ्यूल से उड़ान भर रहे हैं.
![Air Force aircraft AN 32 flies from Chhattisgarh made bio fuel](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6063219_takat-2.jpg)
छत्तीसगढ़ में बने बायो फ्यूल से उड़ान भरा विमान
सीबीडीए के परियोजना अधिकारी सुमित सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण यानी सीबीडीए और आईआईपी देहरादून के संयुक्त प्रयास से यह काम हो पाया है. वे कहते हैं कि ये गर्व की बात है कि देश का विमान, देश में बने बायो फ्यूल से उड़ान भर रहा है.
![Air Force aircraft AN 32 flies from Chhattisgarh made bio fuel](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6063219_1.jpg)
रतनजोत और करंज के बीज से बन रहा बायो फ्यूल
गौरतलब है देश के 4 राज्यों में बायोफ्यूल्स के दिशा में साल 2005 से काम चल रहा है ,छत्तीसगढ़ में भी इसी योजना के तहत बड़े पैमाने पर जेट्रोफा (रतनजोत) के प्लांट लगाए गए. इसी जेट्रोफा के बीज और करंज आदि को मिलाकर सीबीडीए अपने लैब में सेमी फिनिश्ड बायो फ्यूल का उत्पादन करता है.
सीबीडीए का प्रयास एक सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा
ETV भारत ने सीबीडीए के लैब में जाकर इस पूरी पद्धति को काफी करीब से देखा. इसी सेमी फिनिश्ड बायोफ्यूल को सीबीडीए, आईआईपी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम) देहरादून भेजता है, जिसे वहां रफाइनमेंट के बाद बायो जेट फ्यूल का उत्पादन किया जाता. इसी बायो जेट फ्यूल से विमानों का परिचालन किया जाता है. दुर्गम इलाके में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग करना इस बात को साबित करता है कि सीबीडीए का प्रयास एक सकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है.