रायपुर: बूढ़ा तलाब धरना स्थल पर ABVP ने धरना प्रदर्शन किया. कवर्धा में नाबालिग छात्रा से हुए बलात्कार और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों को गिरफ्तार करने के विरोध में ABVP के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए बूढ़ा तालाब से रैली निकाली. पुलिस ने रैली को सप्रे शाला में बैरिकेडिंग लगाकर रोका. जिसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और पुलिस जवानों के बीच हल्की नोकझोक भी हुई है. घटना के बाद कलेक्टर ने पुलिस को कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के आदेश दिए. गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को बाद में रिहा कर दिया गया.
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क्या है पूरा मामला ?
कुछ दिनों पहले होलीक्रॉस स्कूल की सिस्टर मध्य प्रदेश के मोतीलाल क्षेत्र की एक आदिवासी नाबालिग को अपने साथ कवर्धा ले गई थी. जहां उसके साथ गैंगरेप को अंजाम दिया गया. इसके बाद बिना किसी को कुछ बताए सिस्टर नाबालिग को लेकर आंध्र प्रदेश चली गई. वहां नाबालिग को डराया और धमकाया गया. इसके बाद मौका पाकर बच्ची ने खुद के साथ हुए दुष्कर्म की जानकारी घरवालों को दी. कवर्धा में 22 नवंबर को उसके साथ कुछ लड़कों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. लेकिन पुलिस सामूहिक दुष्कर्म को केवल दुष्कर्म बता रही थी. लड़की के प्रेमी को ही आरोपी बनाया गया था. जिसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कवर्धा में बड़ी रैली निकाली. इस बीच पुलिस और ABVP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई. पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके खिलाफ प्रदेश के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हुआ है.
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दोबारा शुरू हुई जांच
कवर्धा क्षेत्र के सांसद ने भी मामले में गड़बड़ी की बात कही थी. सड़क पर उतर कर फिर से जांच की मांग की थी. वारदात के लगभग 14 दिन बाद सिटी कोतवाली पुलिस ने तीन नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार किया. सामूहिक दुष्कर्म का मामला कायम कर लड़की का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया गया. पूरे मामले को सामूहिक दुष्कर्म मानकर दोबारा जांच की जा रही है.
पुलिस पर उठाए सवाल
महानगर मंत्री विभोर ठाकुर ने बताया कि जिस प्रकार से कवर्धा में 14 साल की नाबालिग बालिका का रेप कर दिया जाता है और जब वह पुलिस प्रशासन के पास जाती है तो वहां के एसपी यह कहते हैं कि बालिका झूठ बोल रही है. कौन बच्ची ऐसा चाहती है कि उसके साथ 14 साल की उम्र में बलात्कार हो और वो गलत रिपोर्ट लिखवाए. कवर्धा में कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन करने के बाद जब संघ कार्यालय में सभी कार्यकर्ता खाना खा रहे थे. तभी पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया. उसी के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से यह मांग कर रह हैं कि 14 साल की नाबालिग बालिका को न्याय दो और हमारे कार्यकर्ताओं को रिहा करो.