रायपुर: छत्तीसगढ़ के लिए से राहत भरी खबर आई है, यहां कोरोना से संक्रमित 3 और मरीज स्वस्थ हो गए हैं. लगातार मरीजों के पॉजिटिव आने से प्रदेश में हड़कंप मच गया था लेकिन स्वास्थ्य विभाग की मेहनत रंग ला रही है. एम्स प्रबंधन ने इसके लिए स्टाफ का आभार जताया है.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर से रविवार को कोरोना वायरस के तीन और मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है. ये तीनों रोगी रायपुर के हैं. अब कोरोना वायरस से पीड़ित कोरबा के दो मरीज ही एम्स में इलाज के लिए एडमिट हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 10 कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसमें से 7 को एम्स के डॉक्टर्स ने इलाज कर ठीक कर दिया है. अब छत्तसीगढ़ में कोरोना वायरस से संक्रमित 3 ही मरीज शेष रह गए हैं, जो वो भी जल्द ठीक हो जाएंगे. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर से सभी को जल्द इलाज कर डिस्चार्ज किया जा सकता है.
14 दिन के क्वारेंटाइन में रहने के निर्देश
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर के निदेशक प्रो. डॉ. नितिन एम. नागरकर ने बताया कि 'एम्स में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने पर इन तीनों रोगियों को भर्ती कराया गया था. जहां आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के अनुरूप तीनों का इलाज किया गया. लगातार दो दिनों से इनके कोरोना वायरस के टेस्ट नेगेटिव आ रहे थे, जिसके बाद डॉक्टर्स की कमेटी ने इन्हें डिस्चार्ज करने का निर्णय लिया. रविवार को सुबह 10 बजे तीनों को डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन 14 दिन के क्वारेंटाइन रहना होगा'.
आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए 2 मरीज एडमिट
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर से अब तक 7 मरीजों को डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. अब सिर्फ दो रोगी ही कोरोना वायरस के आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए एडमिट हैं. ये दोनों रोगी कोरबा के हैं. प्रो. नागरकर ने इस सफलता के लिए डॉक्टर्स, अधिकारियों, नर्सिंग स्टॉफ और तकनीकी कर्मचारियों को दी है.
नितिन एम नागरकर ने स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद दिया
उन्होंने कहा है कि 'टीम भावना से कार्य करने के कारण रायपुर को कोरोना वायरस से मुक्त कर दिया गया है. यदि शहर और प्रदेश के निवासी इसी प्रकार सजगता और सावधानी बरतेंगे, तो कोरोना वायरस से बचाव संभव है. इसकी जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है. उन्होंने एम्स की सफलता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि निरंतर सहयोग और संसाधन की उपलब्धता से एम्स यह परिणाम प्राप्त कर पाया है.