रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों और दूसरे लोगों को लाने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में गुरुवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से छत्तीसगढ़ के कुल 661 मजदूरों को रायपुर स्टेशन पर उतारा गया. जिसमें रैपुड़ा से 500, पुणे से 84, अमृतसर से 5 और दिल्ली से 72 श्रमिक रायपुर स्टेशन पर उतरे. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी का चेकअप किया.
दूसरे राज्यों से गृह राज्य पहुंचे प्रवासी मजदूर
- रैपुड़ा से रायपुर जिले के 13, कांकेर जिले के 40, कवर्धा के 9, जगदलपुर के 268, गरियाबंद के 58, महासमुंद के 25, कोंडागांव के 22, बलौदाबाजार के 40, बीजापुर के 16, दंतेवाड़ा के 1, सुकमा के 8 श्रमिक शामिल हैं.
- पुणे से रायपुर जिले के 60, बलौदाबाजार का 1, महासमुंद के 12, दुर्ग के 3, धमतरी के 4 और ओडिशा के 4 श्रमिक उतरे.
- अमृतसर से चली ट्रेन से रायपुर जिले के 5 श्रमिक उतरे.
- इसी तरह देर रात दिल्ली से चली ट्रेन से रायपुर जिले के 47, दुर्ग के 2, महासमुंद के 14, बेमेतरा का 1, दंतेवाड़ा का 1, धमतरी के 2, बालोद के 2 और बलौदाबाजार के 3 श्रमिक रायपुर रेलवे स्टेशन पर उतरे.
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आपको बता दें कि श्रमिकों की ट्रेन के आने से पहले पूरे रायपुर स्टेशन को सैनिटाइनज किया गया. श्रमिकों के रायपुर स्टेशन पहुंचने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्हें दो-दो बोगियों से बारी-बारी से उतारा गया. यहां सभी के स्वास्थ्य की जांच की गई. उनके तापमान के साथ पल्स और ऑक्सीजन सांद्रता की भी जांच की गई. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर उन्हें पैक्ड भोजन भी दिया गया. श्रमिक लाइन में लगकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाहर निकले, जिन्हें 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने और कोरोना वायरस से बचाव के लिए हिदायत दी गई. इसके बाद उन्हें स्पेशल बस से उनके जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटर रवाना किया गया.