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कोरोना संकट: मां कंकाली मठ में विजयादशमी के दिन टूटेगी 600 साल पुरानी परंपरा - रायपुर न्यूज

600 साल में ऐसा पहली बार होगा जब रायपुर में कंकाली मां के अस्त्र-शस्त्र और श्रृंगार सामान का दर्शन,भक्तों को 15 फीट की दूरी से करना होगा. कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार भक्तों को गर्भगृह तक जाने की अनुमति नहीं दी गई है.

kankali maa raipur
टूटेगी 600 साल पुरानी परंपरा
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Published : Oct 24, 2020, 6:57 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक कंकाली देवी के कंकाली मठ में दशहरा के दिन इस बार भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. कंकाली माता के अस्त्र-शस्त्र और श्रृंगार सामान के दर्शन का मौका भक्तों को 15 फीट की दूरी से करने को मिलेगा. कंकाली मठ का यह द्वार साल में एक बार दशहरा के दिन भक्तों के लिए खोला जाता है. 25 अक्टूबर रविवार विजयादशमी के दिन मठ का यह द्वार खुलेगा. लेकिन भक्त कोरोना गाइडलाइन के तहत दर्शन कर पाएंगे. इससे पहले भक्त गर्भ गृह तक जाकर दर्शन प्राप्त करते थे.

टूटेगी 600 साल पुरानी परंपरा

कंकाली मठ में नागा संन्यासी करते थे निवास

यह परंपरा लगभग 600 साल से चली आ रही है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण भक्तों को दूर से ही देवी के दर्शन करने होंगे. इसके लिए कंकाली मठ के महंत ने तैयारी पूरी कर ली है. महंत का कहना है कंकाली मठ में नागा संन्यासी रहते थे और इसी मठ में 6 नागा संन्यासी की समाधि भी बनी हुई है.

पढ़ें-कोरोना का असर: इस बार प्रोजेक्टर पर ही मां दंतेश्वरी के दर्शन, मंदिर में जाने की मनाही

दशहरा के दिन पहुंचते हैं सैकड़ों श्रद्धालु

कंकाली मठ के द्वार खुलने पर दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस बार मठ में बैरिकेटिंग करने के साथ ही पुलिस जवान भी तैनात रहेंगे. ताकि मंदिर पहुंचने वाले भक्त दूर से ही सही लेकिन कंकाली मां के अस्त्र-शस्त्र और श्रृंगार सामान का दर्शन कर सकें.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक कंकाली देवी के कंकाली मठ में दशहरा के दिन इस बार भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. कंकाली माता के अस्त्र-शस्त्र और श्रृंगार सामान के दर्शन का मौका भक्तों को 15 फीट की दूरी से करने को मिलेगा. कंकाली मठ का यह द्वार साल में एक बार दशहरा के दिन भक्तों के लिए खोला जाता है. 25 अक्टूबर रविवार विजयादशमी के दिन मठ का यह द्वार खुलेगा. लेकिन भक्त कोरोना गाइडलाइन के तहत दर्शन कर पाएंगे. इससे पहले भक्त गर्भ गृह तक जाकर दर्शन प्राप्त करते थे.

टूटेगी 600 साल पुरानी परंपरा

कंकाली मठ में नागा संन्यासी करते थे निवास

यह परंपरा लगभग 600 साल से चली आ रही है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण भक्तों को दूर से ही देवी के दर्शन करने होंगे. इसके लिए कंकाली मठ के महंत ने तैयारी पूरी कर ली है. महंत का कहना है कंकाली मठ में नागा संन्यासी रहते थे और इसी मठ में 6 नागा संन्यासी की समाधि भी बनी हुई है.

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दशहरा के दिन पहुंचते हैं सैकड़ों श्रद्धालु

कंकाली मठ के द्वार खुलने पर दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस बार मठ में बैरिकेटिंग करने के साथ ही पुलिस जवान भी तैनात रहेंगे. ताकि मंदिर पहुंचने वाले भक्त दूर से ही सही लेकिन कंकाली मां के अस्त्र-शस्त्र और श्रृंगार सामान का दर्शन कर सकें.

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