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मध्य प्रदेश में फंसे छत्तीसगढ़ के 40 मजदूर, हरदा नगर पालिका अध्यक्ष ने की मदद

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Published : Apr 7, 2020, 10:52 PM IST

छत्तीसगढ़ के 40 मजदूर मध्य प्रदेश के हरदा में फंसे हुए हैं, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले मकानों का निर्माण करने आये थे. फिलहाल तो इनको नगर पालिका मदद कर रही है, लेकिन इन्हें सरकार से भी मदद की आस है.

chhattisgarh labours stuck in madhyapradesh
मध्यप्रदेश में फंसे हैं छत्तीसगढ़ के 40 मजदूर

हरदा/मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के हरदा नगर पालिका के अंतर्गत पीलियाखाल के पास 5.41 एकड़ भूमि पर गरीबों के लिए मकान बनाए जा रहे हैं. इन मकानों को बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के करीब 13 परिवार के 40 लोगों को लाया गया था, जो अब लॉकडाउन की वजह से यहां फंसे हुए हैं. इसके साथ ही अब उन्हें राशन-पानी और कई जरूरी चीजों के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने वाले ठेकेदार ने छत्तीसगढ़ से लाए गए इन मजदूरों को एक-एक हजार रुपये मजदूरी की एंडवांस के रूप में दिया है. वहीं लॉकडाउन होने से इनका काम बंद हो गया है और अब इनके लिए जीवन गुजारना कठिन हो गया है. एक हजार रुपये में घर चलाना इनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है.

मजदूरों को है मदद की आस

मजदूरों का कहना है कि, 'अब तक उनकी सुध लेने न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंच पाया है और न ही ठेकेदार. इसकी वजह से हम परेशान हैं. हम बच्चों की दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें भी नहीं ले पा रहे हैं.' मजदूरों का कहना है कि, 'रविवार को किसी सामाजिक संगठन ने उनके एक वक्त के भोजन की व्यवस्था की थी, लेकिन इसके पहले उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई है.' उन्होंने मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है.

नगर पालिका अध्यक्ष ने की मदद

छत्तीसगढ़ के इन मजदूर परिवारों की समस्या से जब नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन को अवगत कराया गया तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर इन परिवारों को 10 मोदी किट दिए. जिसमें इन परिवारों के 7 दिनों के लिए भोजन की व्यवस्था का जरूरी सामान उपलब्ध है. साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष जैन ने मकान निर्माण करने वाले ठेकेदार से चर्चा कर सभी मजदूरों की उचित व्यवस्था करने और खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने को लेकर निर्देशित किया है. वहीं सर्व ब्राह्मण समाज संगठन ने इन मजदूर परिवारों को ताजा भोजन उपलब्ध कराया है.

हरदा/मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के हरदा नगर पालिका के अंतर्गत पीलियाखाल के पास 5.41 एकड़ भूमि पर गरीबों के लिए मकान बनाए जा रहे हैं. इन मकानों को बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के करीब 13 परिवार के 40 लोगों को लाया गया था, जो अब लॉकडाउन की वजह से यहां फंसे हुए हैं. इसके साथ ही अब उन्हें राशन-पानी और कई जरूरी चीजों के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने वाले ठेकेदार ने छत्तीसगढ़ से लाए गए इन मजदूरों को एक-एक हजार रुपये मजदूरी की एंडवांस के रूप में दिया है. वहीं लॉकडाउन होने से इनका काम बंद हो गया है और अब इनके लिए जीवन गुजारना कठिन हो गया है. एक हजार रुपये में घर चलाना इनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है.

मजदूरों को है मदद की आस

मजदूरों का कहना है कि, 'अब तक उनकी सुध लेने न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंच पाया है और न ही ठेकेदार. इसकी वजह से हम परेशान हैं. हम बच्चों की दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें भी नहीं ले पा रहे हैं.' मजदूरों का कहना है कि, 'रविवार को किसी सामाजिक संगठन ने उनके एक वक्त के भोजन की व्यवस्था की थी, लेकिन इसके पहले उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई है.' उन्होंने मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है.

नगर पालिका अध्यक्ष ने की मदद

छत्तीसगढ़ के इन मजदूर परिवारों की समस्या से जब नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन को अवगत कराया गया तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर इन परिवारों को 10 मोदी किट दिए. जिसमें इन परिवारों के 7 दिनों के लिए भोजन की व्यवस्था का जरूरी सामान उपलब्ध है. साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष जैन ने मकान निर्माण करने वाले ठेकेदार से चर्चा कर सभी मजदूरों की उचित व्यवस्था करने और खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने को लेकर निर्देशित किया है. वहीं सर्व ब्राह्मण समाज संगठन ने इन मजदूर परिवारों को ताजा भोजन उपलब्ध कराया है.

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