रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की गिनती हमारे सबसे प्राचीन समाज में होती है. छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की आदिम संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए हरसंभव पहल की जा रही है. साथ ही उनके उत्थान और भलाई के लिए शासन कई कल्याणकारी कार्यक्रमों का संचालन कर रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में आदिवासियों और वनवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. इनमें लघु वनोपजों की खरीदी का दायरा बढ़ाकर 31 तक कर दिया गया है.
सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य में इससे पहले साल 2018 तक मात्र 7 लघु वनोपजों की ही खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी. राज्य में लघु वनोपजों की खरीदी का दायरा बढ़ने से अब आदिवासियों और वनवासियों को ज्यादा से ज्यादा लघु वनोपजों के संग्रहण का लाभ मिल रहा है. यही वजह है कि वर्तमान में कोरोना संकट के दौर में भी राज्य में आदिवासियों और वनवासियों को रोजगार के साथ-साथ आय के लिए कोई दिक्कत नहीं हुई और उनका जीवनयापन सुगम बना रहा.
लघु वनोपजों के संग्रहण में छत्तीसगढ़ अव्वल
गौरतलब है कि चालू सीजन के दौरान छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण के मामले में पूरे देश में लगातार पहले नंबर पर बना हुआ है. इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में सुरेश कुमार उरांव, एसआर प्रधान, अनिल भगत उपस्थित रहे. छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व समाज के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे ने किया.