रायपुर : राजधानी रायपुर में बच्चों की मौत (Children Died in Raipur) एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है. ताजा आंकड़ों के अनुसार बात करें तो हर महीने रायपुर के जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों में 26 प्रतिशत बच्चों की मौत (26 Percent of Children Die Every Month in Raipur District Hospital) होती है. ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले 100 बच्चों में कम से कम 26 बच्चों की मौत हो रही है. वहीं विभाग प्रभारी का कहना है क्रिटिकल हालत में बच्चों को रेफर करने की वजह से इतनी ज्यादा मोटिलिटी रेट (Motility Rate) देखने को मिल रही है. लेकिन पिछले सालों के मुकाबले मोटिलिटी रेट हमारे यहां लगातार कम हो रही है. वहीं आंकड़ों की बात करें तो ये भी बड़े भयावह नजर आ रहे हैं.
रायपुर के शिशु रोग विभाग में भर्ती बच्चे
वर्ष | भर्ती बच्चे | मौत |
2018 | 3464 | 307 |
2019 | 3285 | 207 |
2020 | 3738 | 468 |
पिछले 6 महीने में शिशु रोग विभाग में भर्ती बच्चे
महीना | भर्ती बच्चे | मौत |
अप्रैल | 116 | 29 |
मई | 147 | 44 |
जून | 161 | 39 |
जुलाई | 164 | 51 |
अगस्त | 185 | 59 |
सितंबर | 194 | 68 |
गंभीर स्थिति में लाए जाते हैं बच्चे, इसलिए उन्हें बचाना मुश्किल : ओंकार
इस बाबत शिशु रोग विभाग के प्रभारी डॉक्टर ओंकार खंडेलवाल ने बताया कि ग्लोबल स्टैंडर्ड और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड (Global Standard and International Standard) की बात की जाए तो हमारे यहां बच्चों की मौत ज्यादा होती है. लेकिन दूसरे मेडिकल कॉलेजेज की तुलना की जाए तो हमारे यहां बच्चों की मौत कम होती है. जब हमने यह विभाग शुरू किया था तो हर महीने 50 प्रतिशत बच्चों की मौत होती थी, लेकिन नई तकनीकों को अपनाकर और विभाग में इंप्रूवमेंट कर हमने मोटिलिटी रेट को हर साल कम किया है. अभी मौजूदा स्थिति में 26 प्रतिशत बच्चों की मौत हर महीने होती है. कई बार आसपास के क्षेत्र से गंभीर स्थिति में बच्चों को रेफर कर दिया जाता है. कई बार परिजन गंभीर स्थिति में बच्चों को हॉस्पिटल लेकर आते हैं जिस वजह से उन्हें बचाना मुश्किल होता है. इस वजह से भी बच्चों की मोटिलिटी रेट अभी 26 प्रतिशत है.