रायपुर/ बेंगलुरु: कोरोना संकट के बीच इंसानियत निभाते लोग हमेशा याद रखे जाएंगे. छत्तीसगढ़ के 180 प्रवासी मजदूर चार्टर्ड प्लेन से बेंगलुरु से रायपुर पहुंचेंगे. प्रवासी मजदूर गुरुवार 4 जून को रात 8.30 बजे तक छत्तीसगढ़ वापस लौटेंगे.
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बंगलूरु और हैदराबाद लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों के सहयोग से क्रमश: 100 और 174 श्रमिक भाई-बहन विशेष विमान से रायपुर पहुंचेंगे।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
इस सहयोग के लिए हम आभारी हैं।
हम सभी को उनके गृह ज़िलों के क्वारेंटीन सेंटर तक पहुंचाने का इंतज़ाम कर रहे हैं।
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इस सहयोग के लिए हम आभारी हैं।
हम सभी को उनके गृह ज़िलों के क्वारेंटीन सेंटर तक पहुंचाने का इंतज़ाम कर रहे हैं।बंगलूरु और हैदराबाद लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों के सहयोग से क्रमश: 100 और 174 श्रमिक भाई-बहन विशेष विमान से रायपुर पहुंचेंगे।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 3, 2020
इस सहयोग के लिए हम आभारी हैं।
हम सभी को उनके गृह ज़िलों के क्वारेंटीन सेंटर तक पहुंचाने का इंतज़ाम कर रहे हैं।
बेंगलुरु और कर्नाटक के अन्य शहरों में फंसे इन प्रवासी मजदूरों की मदद की है अजय बहल ने, जो एक कानूनी फर्म के सह संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर हैं. बेंगलुरु और हैदराबाद की लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों की मदद से ये मजदूर अपने प्रदेश वापस लौटेंगे.
सीएम ने छात्रों का जताया आभार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए बेंगलुरु और हैदराबाद की लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों का आभार जताया है. साथी ही कहा कि सरकार श्रमिकों को उनके गृह जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने का इंतजाम कर रही है.
छात्रों की मदद से लौटेंगे घर
लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों की पहल पर छत्तीसगढ़ के श्रमिकों की मदद हो पा रही है. क्योंकि यहां से छत्तीसगढ़ पहुंचने के लिए कोई भी श्रमिक ट्रेन नहीं है, ऐसे में ये मदद इन मजदूरों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
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अरविंद नरैन, आरती चेलप्पा, श्रेयस जयसिम्हा, सीके नंदकुमार, शीहान वर्गीस और तल्हा सलारिया ने कुछ वॉलिंटियर ग्रुप्स के साथ कॉर्डिनेट किया और सुनिश्चित किया कि श्रमिक अपने घर वापस लौट जाएं.