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मार्केट से गायब हो रहा 10 रुपए का सिक्का, मंदिरों की दानपेटी में मिली जगह

राजधानी रायपुर में 10 रुपये के सिक्के पूरी तरह चलन से बाहर हो गए हैं. ना दुकानदार इन्हें लेता है और न भिक्षा मांगने वाले. कहीं भी नहीं चलने के कारण लोग अब इन सिक्कों को मंदिरों की दान-पेटी में डालने लगे हैं.

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रायपुर में नहीं चल रहा 10 रुपये का सिक्का
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Published : Jul 24, 2021, 10:10 AM IST

Updated : Jul 24, 2021, 2:44 PM IST

रायपुर: 10 रुपये का सिक्का जिस तरह से मार्केट में नहीं चल रहा है, उससे तो यही लग रहा है कि दो धातुओं से मिलकर बना ये सिक्का अफवाह का शिकार हो गया है. भारत सरकार की तरफ से जारी किया गया 10 का सिक्का राजधानी रायपुर में बिल्कुल भी प्रचलन में नहीं है. यहां के ज्यादातर दुकानदारों ने इन सिक्कों को लेना बंद कर दिया है. इसके चलते कई बार दुकानदार और ग्राहक के बीच विवाद की स्थिति भी बन जाती है. भिक्षा लेने वाले भी 10 का सिक्का लेने से मना कर देते हैं. इसके बावजूद प्रशासन इसे फिर से प्रचलन में लाने के लिए कोई ठोस पहल करता नजर नहीं आ रहा है.

रायपुर में नहीं चल रहा 10 रुपये का सिक्का

भिखारी भी नहीं ले रहे 10 रुपये का सिक्का

10 के सिक्कों को लेकर ETV भारत ने जब स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि 1, 2 और 5 का सिक्का ही बाजार में देखने को मिल रहा है. दुकानदार भी इन्हीं सिक्कों के बदले सामान देते हैं. स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि 10 के कई सिक्के उनके घरों में रखे हुए हैं. कई बार इन्हें वे मंदिर में दान कर देते हैं. बाजार में न चलने की वजह से लोग ये सिक्के भिक्षा में लेना भी पसंद नहीं करते हैं. लोगों का कहना है कि इस भ्रांति को दूर करने के लिए प्रशासन को जरूरी कदम उठाने चाहिए.

10 के सिक्कों पर पड़ी नोटबंदी की मार!

दुकानदारों ने बताया कि राजधानी रायपुर में 10 के सिक्के नोटबंदी के दौरान बंद हो गए हैं. जिसके कारण दुकानदार भी ग्राहकों से सिक्के नहीं ले रहे हैं. दुकानदार ग्राहकों को 10 के सिक्के देते हैं लेकिन ग्राहक भी लेने से मना कर देते हैं. हालांकि रायपुर के चंगोराभाठा के एक किराना व्यापारी पुरुषोत्तम चंद्राकर का कहना है कि यह सरकार की तरफ से जारी किया गया है. इसलिए वे हर ग्राहकों से 10 का सिक्का लेकर उन्हें सामान भी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब तक सरकार इसे बंद करने का आदेश नहीं जारी करती. तब तक वे ग्राहकों से लेते रहेंगे.

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मंदिर की दानपेटी में 10 के सिक्के को मिल रही जगह

बाजार में कहीं भी 10 रुपये का सिक्का नहीं चलने को लेकर लोग अब मंदिरों में इन सिक्कों का दान कर रहे हैं. लोग गुप्त रूप से इन सिक्कों को दान पेटी में डालकर जा रहे हैं. शीतला मंदिर के पुजारी पंडित नीरज सैनी ने बताया कि '10 के सिक्के राजधानी में प्रचलन से बाहर हो गए हैं. ऐसी स्थिति में स्थानीय लोग इन सिक्कों को मंदिर के दान पेटी में गोपनीय रूप से डालकर चले जाते हैं. प्रचलन से बाहर हुई वस्तुओं का मंदिर में दान करने से पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है'.

राजधानी रायपुर में एक, दो और पांच के सिक्के ही बाजार में प्रचलन में है. लेकिन 10 का सिक्का बाजार से गायब हो गया है. ऐसे में 10 के सिक्के को फिर से प्रचलन में लाने के लिए प्रशासन को पहल करनी चाहिए.

रायपुर: 10 रुपये का सिक्का जिस तरह से मार्केट में नहीं चल रहा है, उससे तो यही लग रहा है कि दो धातुओं से मिलकर बना ये सिक्का अफवाह का शिकार हो गया है. भारत सरकार की तरफ से जारी किया गया 10 का सिक्का राजधानी रायपुर में बिल्कुल भी प्रचलन में नहीं है. यहां के ज्यादातर दुकानदारों ने इन सिक्कों को लेना बंद कर दिया है. इसके चलते कई बार दुकानदार और ग्राहक के बीच विवाद की स्थिति भी बन जाती है. भिक्षा लेने वाले भी 10 का सिक्का लेने से मना कर देते हैं. इसके बावजूद प्रशासन इसे फिर से प्रचलन में लाने के लिए कोई ठोस पहल करता नजर नहीं आ रहा है.

रायपुर में नहीं चल रहा 10 रुपये का सिक्का

भिखारी भी नहीं ले रहे 10 रुपये का सिक्का

10 के सिक्कों को लेकर ETV भारत ने जब स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि 1, 2 और 5 का सिक्का ही बाजार में देखने को मिल रहा है. दुकानदार भी इन्हीं सिक्कों के बदले सामान देते हैं. स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि 10 के कई सिक्के उनके घरों में रखे हुए हैं. कई बार इन्हें वे मंदिर में दान कर देते हैं. बाजार में न चलने की वजह से लोग ये सिक्के भिक्षा में लेना भी पसंद नहीं करते हैं. लोगों का कहना है कि इस भ्रांति को दूर करने के लिए प्रशासन को जरूरी कदम उठाने चाहिए.

10 के सिक्कों पर पड़ी नोटबंदी की मार!

दुकानदारों ने बताया कि राजधानी रायपुर में 10 के सिक्के नोटबंदी के दौरान बंद हो गए हैं. जिसके कारण दुकानदार भी ग्राहकों से सिक्के नहीं ले रहे हैं. दुकानदार ग्राहकों को 10 के सिक्के देते हैं लेकिन ग्राहक भी लेने से मना कर देते हैं. हालांकि रायपुर के चंगोराभाठा के एक किराना व्यापारी पुरुषोत्तम चंद्राकर का कहना है कि यह सरकार की तरफ से जारी किया गया है. इसलिए वे हर ग्राहकों से 10 का सिक्का लेकर उन्हें सामान भी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब तक सरकार इसे बंद करने का आदेश नहीं जारी करती. तब तक वे ग्राहकों से लेते रहेंगे.

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मंदिर की दानपेटी में 10 के सिक्के को मिल रही जगह

बाजार में कहीं भी 10 रुपये का सिक्का नहीं चलने को लेकर लोग अब मंदिरों में इन सिक्कों का दान कर रहे हैं. लोग गुप्त रूप से इन सिक्कों को दान पेटी में डालकर जा रहे हैं. शीतला मंदिर के पुजारी पंडित नीरज सैनी ने बताया कि '10 के सिक्के राजधानी में प्रचलन से बाहर हो गए हैं. ऐसी स्थिति में स्थानीय लोग इन सिक्कों को मंदिर के दान पेटी में गोपनीय रूप से डालकर चले जाते हैं. प्रचलन से बाहर हुई वस्तुओं का मंदिर में दान करने से पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है'.

राजधानी रायपुर में एक, दो और पांच के सिक्के ही बाजार में प्रचलन में है. लेकिन 10 का सिक्का बाजार से गायब हो गया है. ऐसे में 10 के सिक्के को फिर से प्रचलन में लाने के लिए प्रशासन को पहल करनी चाहिए.

Last Updated : Jul 24, 2021, 2:44 PM IST
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