बरौद सरपंच ने बताया कि, 'साल 2010 में कंपनी लगने से 350 परिवार विस्थापित हुए थे, जिन्हें कोल इंडिया पुनर्वास नीति के तहत 2012 में नौकरी सृजित है, लेकिन अभी तक इन लोगों को नौकरी नहीं दी गई है'.
उन्होंने कहा कि, 'प्रबंधक द्वारा दस्तावेज जमा करवाकर पोस्टिंग रोक दी गई है. प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों की जमीन लेते समय जिले के अंतर्गत नौकरी पर रखने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं दी गई है, लिहाजा ग्रामीण 3 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.