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रायगढ़ : विस्थापितों ने नौकरी की मांग को लेकर SECL के सामने दिया धरना - विस्थापितों

रायगढ़ : जिले के तमनार स्थित एसईसीएल कंपनी में बरौद के मुख्य गेट पर ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने विस्थापित परिवारों को नौकरी नहीं दिए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

लोगों ने की हड़ताल
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Published : Feb 21, 2019, 9:32 PM IST

बरौद सरपंच ने बताया कि, 'साल 2010 में कंपनी लगने से 350 परिवार विस्थापित हुए थे, जिन्हें कोल इंडिया पुनर्वास नीति के तहत 2012 में नौकरी सृजित है, लेकिन अभी तक इन लोगों को नौकरी नहीं दी गई है'.

वीडियो


उन्होंने कहा कि, 'प्रबंधक द्वारा दस्तावेज जमा करवाकर पोस्टिंग रोक दी गई है. प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों की जमीन लेते समय जिले के अंतर्गत नौकरी पर रखने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं दी गई है, लिहाजा ग्रामीण 3 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

बरौद सरपंच ने बताया कि, 'साल 2010 में कंपनी लगने से 350 परिवार विस्थापित हुए थे, जिन्हें कोल इंडिया पुनर्वास नीति के तहत 2012 में नौकरी सृजित है, लेकिन अभी तक इन लोगों को नौकरी नहीं दी गई है'.

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उन्होंने कहा कि, 'प्रबंधक द्वारा दस्तावेज जमा करवाकर पोस्टिंग रोक दी गई है. प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों की जमीन लेते समय जिले के अंतर्गत नौकरी पर रखने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं दी गई है, लिहाजा ग्रामीण 3 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

Intro:एसईसीएल बरौद में भू प्रभावितों ने किया नाकेबंदी कर हड़ताल। ग्राम सरपंच का आरोप कंपनी के द्वारा नौकरी देने के नाम पर लोगों को ठगा। नौकरी नही तो कम नही के नारे। सैकड़ो गग्रामीणों ने किया हड़ताल। एसईसीएल के मुख्य द्वार पर जब तक नौकरी नहीं देंगे तब तक काम नहीं के नारे लगाते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल। एसईसीएल का काम हो रहा प्रभावित

byte01 मालती राठिया, सरपंच बरौद।

खबर की फ़ीड मेल में है कृपया देख लीजिए।



byte- मालती सरपंच,


Body:
रायगढ़ जिले के तमनार स्थित एसईसीएल कंपनी में बरौद के ग्रामीणों ने मुख्य गेट पर हड़ताल कर दिया और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दरअसल सरपंच बरोद ने बताया कि वर्ष 2010 में कंपनी लगने से 350 परिवार विस्थापित हुए जिन्हें कोल इंडिया पुनर्वास नीति के तहत 2012 के में नौकरी सृजित हैं। परंतु अभी तक इन लोगों को नौकरी नहीं दी गई है प्रबंधक द्वारा दस्तावेज जमा करा कर पोस्टिंग रोक दी गई है प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों की जमीन लेते समय जिले के अंतर्गत नौकरी पर रखने की बात कही लेकिन अभी तक नौकरी नहीं दिया गया जिससे ग्रामीण अपनी 3 सूत्री मांग लेकर स्थानीय कोल माइंस में नौकरी देने की समय निश्चित एवं स्थानीय जिले को ओपन कोल माइंस में नौकरी की प्राथमिकता हो। अब 2010 से अब तक नौकरीनही दी गयी इसलिए नौकरी नहीं देने की स्थिति में सभी गांव वासियों ने आक्रोशित होकर एसईसीएल कंपनी के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया है।


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