रायगढ़: घरघोड़ा नगर पंचायत के वार्ड-11 स्थित वन परिक्षेत्र में एक महिला की पेड़ पर लटकती लाश मिली है. परिजनों की सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को उतारा और जांच शुरू की. पुलिस ने बताया कि परिजनों के बयान लिए गए हैं. मृत महिला वार्ड नं.- 3 उरांव मोहल्ले की बताई जा रही है, जिसका नाम पुष्पा उरांव है. 45 वर्षीय पुष्पा कुछ महीने पहले घर से दूर रहकर काम कर रही थी. एक दिन पहले ही वो अपने घर वापस आई थी. उसकी लाश बुधवार को फांसी पर लटकती पाई गई है.
फिलहाल घरघोड़ा पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. घरघोड़ा पुलिस का कहना है कि जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कुछ भी कहना सही नहीं होगा. रिपोर्ट के बाद ही मौत की असल वजह का पता चलेगा.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़े
भारत में 2018 के मुकाबले 2019 में आत्महत्या के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2019 में भारत में 1,39,123 आत्महत्याएं हुईं, जबकि 2018 में 1,34,516 आत्महत्या के मामले सामने आए थे. आंकड़ों के मुताबिक, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आत्महत्या दर (10.4) की तुलना में शहरों में आत्महत्या दर (13.9) अधिक है. पारिवारिक समस्या (शादी से संबंधित समस्याओं के अलावा) (32.4%), विवाह संबंधी समस्या (5.5%) और बीमारी (17.1%) के कारण वर्ष 2019 में देश में कुल 55 प्रतिशत मामले आत्महत्याओं के हैं. पुरुष और महिला आत्महत्या का अनुपात 70.2: 29.8 था.
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आत्महत्या करने वाले लगभग 68.4 प्रतिशत पुरुष विवाहित थे, जबकि महिला पीड़ितों में 62.5 प्रतिशत विवाहित थीं. आत्महत्या करने वालों में से 12.6 प्रतिशत अशिक्षित (illiterate) थे, 16.3 प्रतिशत प्राथमिक स्तर तक शिक्षित थे, 19.6 प्रतिशत मध्यम स्तर तक शिक्षित थे और 23.3 प्रतिशत हाईस्कूल तक शिक्षित थे. कुल आत्महत्या करने वालों में से केवल 3.7 प्रतिशत स्नातक और उससे अधिक शिक्षित थे. 53.6 प्रतिशत लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की, 25.8 प्रतिशत ने जहर खाकर, 5.2 प्रतिशत ने पानी में डूबकर और 3.8 प्रतिशत ने हथियार के जरिए आत्महत्या की.
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में आत्महत्याएं
केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में सबसे अधिक आत्महत्या के मामले (2,526) दर्ज किए गए, इसके बाद पुडुचेरी (493) का नंबर आता है. अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में देश में आत्महत्या के कुल मामलों में से 2.2% केस सामने आए. 2019 में देश के 53 बड़े शहरों में 22,390 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए.