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रायगढ़: यहां डंडे से पिटने वाला विजेता ही करता है रावण का दहन, अजब है ये परंपरा

मंगलवार को सारंगढ़ के रावणभाठा मैदान में गढ़ विच्छेदन के बाद रावण दहन किया गया.

विजयादशमी की अनोखी परंपरा
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Published : Oct 9, 2019, 9:11 AM IST

Updated : Oct 9, 2019, 1:46 PM IST

रायगढ़: विजयादशमी पर हर जगह रावण का दहन किया जाता है, लेकिन सारंगढ़ के रावणभाठा मैदान में रावण दहन के पहले ऐतिहासिक गढ़ विच्छेदन का आयोजन किया जाता है. मंगलवार को यहां गढ़ तोड़ने के बाद रावण दहन किया गया. गढ़वी चेतन को देखने के लिए आस-पास के हजारों लोग पहुंचे.

यहां डंडे से पिटने वाला विजेता शख्स ही करता है रावण का दहन, अजब की है ये परंपरा

यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. राजपरिवार के जमाने से ही यहां दशहरे के दिन गढ़ विच्छेदन होता है और इस प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागी ही रावण का दहन करता है. गढ़ के पास में ही रावण का पुतला खड़ा किया गया और परंपरा के अनुसार सारंगढ़ राज परिवार की अनुमति के बाद गढ़ विच्छेदन हुआ.

पढ़ें- रायगढ़: नवंबर से शुरू होगा छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी

जानें, कैसे किया जाता है गढ़ विच्छेदन

  • इस गढ़ विच्छेदन में लगभग 50 फीट लंबा किलानुमा गढ़ ठीक मैदान के बीच में मिट्टी से बनाया जाता है.
  • गढ़ पर कई प्रतियोगी चढ़कर गढ़ विच्छेदन में भाग लेते हैं.
  • प्रतियोगियों के गढ़ के ऊपर पहुंचने से रोकने के लिए गढ़ के ऊपर चार-पांच लोग डंडे लेकर बैठे रहते हैं.
  • जैसे ही ये लोग ऊपर पहुंचने का प्रयास करते हैं उन पर डंडे से हमला किया जाता है. हालंकि ये हमला काफी सुरक्षित तरीके से किया जाता है. इन लोगों को उस गढ़ पर चढ़ने से रोका जाता है और जीतने वाले को रावण दहन करने का मौका मिलता है.

रायगढ़: विजयादशमी पर हर जगह रावण का दहन किया जाता है, लेकिन सारंगढ़ के रावणभाठा मैदान में रावण दहन के पहले ऐतिहासिक गढ़ विच्छेदन का आयोजन किया जाता है. मंगलवार को यहां गढ़ तोड़ने के बाद रावण दहन किया गया. गढ़वी चेतन को देखने के लिए आस-पास के हजारों लोग पहुंचे.

यहां डंडे से पिटने वाला विजेता शख्स ही करता है रावण का दहन, अजब की है ये परंपरा

यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. राजपरिवार के जमाने से ही यहां दशहरे के दिन गढ़ विच्छेदन होता है और इस प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागी ही रावण का दहन करता है. गढ़ के पास में ही रावण का पुतला खड़ा किया गया और परंपरा के अनुसार सारंगढ़ राज परिवार की अनुमति के बाद गढ़ विच्छेदन हुआ.

पढ़ें- रायगढ़: नवंबर से शुरू होगा छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी

जानें, कैसे किया जाता है गढ़ विच्छेदन

  • इस गढ़ विच्छेदन में लगभग 50 फीट लंबा किलानुमा गढ़ ठीक मैदान के बीच में मिट्टी से बनाया जाता है.
  • गढ़ पर कई प्रतियोगी चढ़कर गढ़ विच्छेदन में भाग लेते हैं.
  • प्रतियोगियों के गढ़ के ऊपर पहुंचने से रोकने के लिए गढ़ के ऊपर चार-पांच लोग डंडे लेकर बैठे रहते हैं.
  • जैसे ही ये लोग ऊपर पहुंचने का प्रयास करते हैं उन पर डंडे से हमला किया जाता है. हालंकि ये हमला काफी सुरक्षित तरीके से किया जाता है. इन लोगों को उस गढ़ पर चढ़ने से रोका जाता है और जीतने वाले को रावण दहन करने का मौका मिलता है.
Intro:
विजयादशमी के अवसर पर हर जगह रावण का दहन किया जाता है। लेकिन रायगढ़ के सारंगढ़ में रावण दहन के पहले ऐतिहासिक गढ़ विच्छेदन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गढ़ तोड़ने के बाद यहां रावण दहन किया गया। गढ़वी चेतन को देखने के लिए आसपास के हजारों लोग सारंगढ़ पहुंचते हैं। यह प्रथम वर्षों से चली आ रही है राज परिवार के जमाने से ही यहां दशहरा के दिन गढ़ विच्छेदन का कार्यक्रम होता है और इस प्रतियोगिता में विजई प्रतिभागी ही रावण दहन करता है।Body:पूरा कार्यक्रम रावणभाठा मैदान में किया जाता है जहां गढ़ के पास में ही रावण का विशाल पुतला खड़ा किया गया था। परंपरा के अनुसार सारंगढ़ राज परिवार की अनुमति के बाद गढ़ विच्छेदन का कार्यक्रम आरंभ हुआ।
इसके बाद जो विजेता रहा उसके हाथों रावण का दहन करवाया गया। नगर के ऐतिहासिक गढ़ विच्छेदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके लिए लगभग पचास फुट लंबा किलानुमा गढ़ ठीक मैदान के बीच में मिट्टी से बनाया गया। इसी गढ़ पर कई प्रतियोगी चढ़ें और गढ़ विच्छेदन में भाग लेने लेते हैं। गढ़ के ऊपर चार-पांच लोग डंडे लेकर बैठे थें, जो इन प्रतियोगियों को गढ़ के ऊपर पहुंचने से रोकते हैं।
जैसे ही ये ऊपर पहुंचने का प्रयास करते हैं उनपर डंडे से हमला किया जाता है। हालंकि ये हमला काफी स्वस्थ्य तरीके से किया जाता है पर इन लोगों को उस गढ़ पर चढऩे से रोका जाता है। यह परम्परा सारंगढ की बरसों पुरानी परम्परा है। इसके बाद गढ़ विजेता के हाथों रावण के पुतले का दहन करवाया गयाConclusion:
Last Updated : Oct 9, 2019, 1:46 PM IST
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