रायगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों से कई वादे किए हैं. लेकिन सारंगढ़ में किसानों की ऋण पुस्तिका में दर्ज हुआ रकबा राजस्व विभाग के पोर्टल से गायब हो गया है. जिससे किसान परेशान हैं. दरअसल, सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए बी 1,नक्शा, खसरा सहित अन्य राजस्व अभिलेखों को ऑनलाइन दुरुस्त करने के निर्देश जिला कलेक्टरों को दिए हैं.
सारंगढ़ अनुविभाग में सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. भुईंया पोर्टल में रिकॉर्ड दुरुस्त न होने से किसानों की ऋण पुस्तिका में दर्ज खसरा और रकबा ऑनलाइन राजस्व पोर्टल में नही मिल रहे हैं. किसान अपना रकबा सुधरवाने पटवारी, तहसीलदार और सहकारी समितियों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
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छत्तीसगढ़ शासन ने किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने के लिए 17 अगस्त से 31 अक्टूबर तक पंजीयन की तिथि निर्धारित की है. वहीं इस बार समर्थन मूल्य में धान खरीदी भुईंया पोर्टल में दर्ज रकबा के आधार पर किया जाना है. इसके पहले प्रशासन ने पोर्टल में फसल इन्द्राज की सूची का प्रकाशन कर 21 से 28 सितम्बर तक किसानों से दावा आपत्ति मांगी है
खसरा और रकबा पोर्टल से गायब
इस दौरान सैकड़ों किसानों ने पटवारियों के पास लिखित दावा पेश भी किया. लेकिन अब तक रकबा में सुधार नहीं हुआ है. कई किसान ऐसे भी हैं जिनका पिछले साल पंजीयन हो चुका है और उनका खसरा और रकबा पोर्टल से गायब है. किसानों की पुस्तिका में 10 एकड़ का रकबा दिखाई दे रहा है. जिसे राजस्व अधिकारी के द्वारा ही दर्ज किया गया है. इसके हिसाब से किसान प्रत्येक वर्ष धान बेच रहे हैं. लेकिन इस साल राजस्व विभाग के पोर्टल से आधा धान का रकबा गायब हो गया है. जिससे किसान काफी परेशान हैं.