रायगढ़: प्रदेश के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट की परीक्षाओं को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने कोरोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए जनरल प्रमोशन का निर्णय लिया था, पर जनरल प्रमोशन के इस रिजल्ट से बहुत से छात्र निराश हैं. छात्रों के निराशा कि वजह उनका रिजल्ट पूरक आ जाना या फैल हो जाना है. छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए छात्रों के हित के लिए इस बार परीक्षा ना करा कर यूजीसी के माध्यम से जनरल प्रमोशन की बात कही थी. लेकिन बहुत से छात्रों का रिजल्ट ऐसा आया कि वे अब जनरल प्रमोशन से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. इसके लिए वे विश्वविद्यालय समेत सरकार को जिम्मेदार मान रहे हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार ने फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के स्टूडेंट्स को जनरल प्रमोशन के आधार पर उत्तीर्ण करने का निर्णय लिया था. इस आदेश से प्रदेश के लगभग 3 लाख 30 हजार छात्र-छात्राएं लाभान्वित होने वाले थे, पर ऐसा हो नहीं पाया. बहुत से छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जो रिजल्ट आने के बाद परीक्षा में फेल और पूरक हो गए हैं. जिससे फेल और पूरक होने वाले छात्रों में आक्रोश है.
छात्रों का कहना है कि परिणाम के सम्बन्ध में उनसे भेदभाव हुआ है. जिससे उनका एक साल बर्बाद हो सकता है. उन्होंने इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय से मांग की है कि या तो उन्हें सामान्य रूप से जनरल प्रमोशन दिया जाय या स्थिति सामान्य होने के बाद उनकी परीक्षा आयोजित की जाए. बहरहाल इस तरह के परिणाम आने के बाद वे विश्वविद्यालय और मुख्यमंत्री को जनरल प्रमोशन के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपने की तैयारी प्रभावित छात्रों के संगठन के माध्यम से कर रहे हैं.
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कोरोना महामारी की वजह से सिर्फ प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था गड़बड़ा गई है. नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हुए कई महीने बीत गए, अब तक कई स्टूडेंट्स को यह भी नहीं पता है कि उनके कोर्स में क्या है. प्रदेश में राज्य सरकार ने स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों को सुविधा देने के लिए कई प्रयास किए, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो, लेकिन छात्र ऐसी तमाम कोशिशों के बाद भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.