रायगढ़: 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के मौके पर राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में राज्य अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया है. इस समारोह में छत्तीसगढ़ पुलिस के 7 ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को 'छत्तीसगढ़ शौर्य पदक वर्ष 2020' से सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपने क्षेत्र में बेहतर काम किया है. शौर्य पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों में रायगढ़ के उप निरीक्षक जितेंद्र एसैया भी शामिल हैं. जितेंद्र घरघोड़ा थाने में पदस्थ हैं.
SI जितेंद्र एसैया इसके पूर्व नक्सल प्रभावित जिला सुकमा में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) प्रभारी थे. उन्होंने ETV भारत से बात करते हुए बताया कि साल 2019 में चिंतागुफा थाना के अंतर्गत ग्राम डब्बाकोंटा गांव के जंगल में मुठभेड़ में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. दोनों तरफ से गोलीबारी के बाद नक्सली फरार हो गए.
4 सालों से अलग-अलग थानों में पदस्थ रहे
जितेंद्र ने बताया कि पुलिस पार्टी ने जब घटनास्थल की तलाशी ली, तो वहां एक वर्दीधारी महिला नक्सली का शव, एक इंसास राइफल और शिविर में रखा सामान बरामद किया गया. पुलिस पार्टी ने नक्सली शिविर को ध्वस्त किया था. उन्होंने बताया कि वे 4 सालों तक विभिन्न थानों में पदस्थ रहे और अपने कर्तव्य का निर्वहन बड़ी ईमानदारी से करते रहे.
इसी मुठभेड़ में शामिल तत्कालीन डीआरजी प्रभारी एसआई जितेंद्र एसैया को उनके शौर्य के लिये वर्ष 2020 का 'छत्तीसगढ़ शौर्य पदक' प्रदान किया जा रहा है. जिले के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों ने उपनिरीक्षक जितेंद्र एसैया को इस पुरस्कार के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.