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वायरल वीडियो: डांस और गाने के जरिए बच्चे दे रहे स्वच्छता का संदेश - सवच्छता अभियान

प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है. शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने और लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए कसैया प्राथमिक शाला के बच्चे वीडियो के जरिए लोगों को इससे होने वाली समस्याओं के बारे में समझा रहे हैं.

डांस करते बच्चे
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Published : Nov 14, 2019, 1:46 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 2:35 PM IST

रायगढ़: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के स्कूली बच्चों ने पॉलीथिन के खिलाफ एक नई और सराहनीय पहल की है. बच्चों का ये वीडियो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बच्चे डांस, गाना और मस्ती के माध्यम से लोगों को प्लास्टिक बंद करने के लिए जागरूक कर रहे हैं.

डांस और गाने के जरिए बच्चे दे रहे स्वच्छता का संदेश

प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है. शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने और लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए कसैया प्राथमिक शाला के बच्चों ने लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर दो वीडियो बनाए हैं. पहले वीडियो में छह बच्चों ने डांस की प्रस्तुति दी है.

सफाई का दे रहे संदेश
बच्चे गाना और डांस के माध्यम से यह बता रहे हैं कि प्लास्टिक से नालियां जाम होती हैं, जो लोगों में बीमारी फैलने का कारण है. इसके अलावा जहां-तहां बिखरे प्लास्टिक को खाने से मवेशियों की भी मौत होती है. बच्चों की ओर से प्लास्टिक छोड़ कपड़े का थैला उपयोग करने का संदेश दिया जा रहा है. वहीं दूसरे वीडियो में बच्चे स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं. बच्चे वीडियो के माध्यम से आसपास सफाई रखे जाने की बात कह रहे हैं.

देश को प्लास्टिक मुक्त करने का दे रहे संदेश
इस वीडियो में डांस करने के लिए बच्चों को तैयार करने में स्कूल की शिक्षिका सपना एक्का ने भी खास मेहनत की है. सपना बताती हैं कि 'वे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से कल तक यहां के बच्चे बात तक करने में हिचकते थे, लेकिन आज ये बच्चे लोगों को स्वच्छता और देश को प्लास्टिक मुक्त करने का संदेश दे रहे हैं.

ये हैंआंकड़े
सिंगल यूज प्लास्टिक सिर्फ इंसानों और पर्यावरण के लिए ही नहीं पशुओं के लिए भी घातक है. एक अध्य्यन के मुताबिक प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देश में प्रतिदिन लगभग 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है. इसमें महज 20 फीसदी ही रिसाइकिल हो पाता है. वहीं 39 फीसदी प्लास्टिक कचरे को जमीन के अंदर दबाकर नष्ट करने की कोशिश होती है जबकि 15 फीसदी को जला दिया जाता है.

रायगढ़: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के स्कूली बच्चों ने पॉलीथिन के खिलाफ एक नई और सराहनीय पहल की है. बच्चों का ये वीडियो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बच्चे डांस, गाना और मस्ती के माध्यम से लोगों को प्लास्टिक बंद करने के लिए जागरूक कर रहे हैं.

डांस और गाने के जरिए बच्चे दे रहे स्वच्छता का संदेश

प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है. शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने और लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए कसैया प्राथमिक शाला के बच्चों ने लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर दो वीडियो बनाए हैं. पहले वीडियो में छह बच्चों ने डांस की प्रस्तुति दी है.

सफाई का दे रहे संदेश
बच्चे गाना और डांस के माध्यम से यह बता रहे हैं कि प्लास्टिक से नालियां जाम होती हैं, जो लोगों में बीमारी फैलने का कारण है. इसके अलावा जहां-तहां बिखरे प्लास्टिक को खाने से मवेशियों की भी मौत होती है. बच्चों की ओर से प्लास्टिक छोड़ कपड़े का थैला उपयोग करने का संदेश दिया जा रहा है. वहीं दूसरे वीडियो में बच्चे स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं. बच्चे वीडियो के माध्यम से आसपास सफाई रखे जाने की बात कह रहे हैं.

देश को प्लास्टिक मुक्त करने का दे रहे संदेश
इस वीडियो में डांस करने के लिए बच्चों को तैयार करने में स्कूल की शिक्षिका सपना एक्का ने भी खास मेहनत की है. सपना बताती हैं कि 'वे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से कल तक यहां के बच्चे बात तक करने में हिचकते थे, लेकिन आज ये बच्चे लोगों को स्वच्छता और देश को प्लास्टिक मुक्त करने का संदेश दे रहे हैं.

ये हैंआंकड़े
सिंगल यूज प्लास्टिक सिर्फ इंसानों और पर्यावरण के लिए ही नहीं पशुओं के लिए भी घातक है. एक अध्य्यन के मुताबिक प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देश में प्रतिदिन लगभग 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है. इसमें महज 20 फीसदी ही रिसाइकिल हो पाता है. वहीं 39 फीसदी प्लास्टिक कचरे को जमीन के अंदर दबाकर नष्ट करने की कोशिश होती है जबकि 15 फीसदी को जला दिया जाता है.

Intro:एंकर - डांस के माध्यम से स्वच्छता का संदेश फैला रहे प्राथमिक शाला कसैया के बच्चे

Body:वीओ 1 - छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले के कसैया प्राथमिक शाला के बच्चे डांस, गाना और मस्ती के बीच प्लास्टिक मुक्त करने के लिए लोगों में अलख जगा रहे हैं जिसमें बच्चे गाने और नाटक के माध्यम से प्लास्टिक बंद का संदेश देते हुए दिखायी दे रहे हैं। पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया फेसबुक और व्हाट्सप्प में छत्तीसगढ़ के एक प्राथमिक विद्यालय के बच्चों का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बच्चे गाने और नाटक के माध्यम से प्लास्टिक बंद का संदेश देते हुए दिखायी दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कसैया प्राथमिक शाला के बच्चे डांस, गाना और मस्ती के बीच प्लास्टिक मुक्त करने के लिए लोगों को जागरूक करते नजर आ रहे हैं। डांस और गाने के बीच लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। बच्चो को डांस के लिए तैयार करने में स्कूल की शिक्षिका सपना एक्का ने खास मेहनत किया है और वो बताती हैं की "वे साल 2012 से ही स्कूल को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं, यहां के बच्चे पहले बहुत झिझकते थे और संकोची थे उनको आगे बढ़ाने के लिए हमने बहुत प्रयास किए अब ये बच्चे तुरंत जवाब देते हैं और कोई भी काम दिया जाए तो बड़ी खुशी से करते हैं।" इसके अलावा लोगों को स्वच्छता व प्लास्टिक मुक्त करने का संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं।

वीओ 2 - 2016 में कसैया स्कूल को अब्दुल कलाम गुणवत्ता शिक्षा अभियान के तहत गोद लिया गया था। "यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र जहां से ये बच्चे आते हैं शायद ही वहां पर किसी की नजर पड़ती हो, पर अब फेसबुक और व्हाट्सएप पर इन बच्चों का वीडियो वायरल हो रहा है। ये यही संदेश दे रहे हैं कि सभी प्लास्टिक बंद करें। हर व्यक्ति इनका संदेश समझे, जब बच्चे ऐसी बातें समझ रहे हैं और बच्चे हर जो बात समझते हैं उसको कर के भी दिखाते हैं। साल 2016 में यहां के बच्चे बात तक करने में हिचकते थे लेकिन अब ये देखकर खुशी महसूस होती है और टीचरों की मेहनत पर गर्व भी होता है कि ये बच्चे आज स्टेट लेवल पर कई पुरस्कार जीत चुके हैं। स्कूल प्रबंधन की ओर से इसका वीडियो भी सोसल मीडिया में वायरल किया गया है। लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर स्कूल के प्राथमिक शाला के बच्चों का दो वीडियो बनाया गया है। एक वीडियो में छह बच्चों ने डांस की प्रस्तुति दी है। इसमें बच्चे गाना और डांस के माध्यम से यह बता रहे हैं कि प्लास्टिक से नालियां जाम होती है, जो लोगों में बीमारी फैलने का कारण है। इसके अलावा जहां-तहां बिखरे प्लास्टिक को खाने से मवेशियों की भी असमय मौत होती है। साथ ही प्लास्टिक पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहा हैं। इससे प्लास्टिक के अपेक्षा कपड़े का थैला उपयोग में लाने का संदेश दिया जा रहा है। वहीं दूसरे वीडियो में बच्चे स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। इस वीडियो के माध्यम से आसपास सफाई रखे जाने की बात कही जा रही है।

वीओ 3 सिंगल यूज प्लास्टिक सिर्फ इंसानों और पर्यावरण के लिए ही नहीं पशुओं के लिए भी घातक है। सड़कों पर बिखरे प्लास्टिक को खाकर गाय, भैंस और कुत्ते बीमार होते हैं। कई बार इन पशुओं के पेट से किलो के हिसाब से प्लास्टिक निकलता है वहीं समुद्र में फैल रहे प्लास्टिक कचरे से समुद्र के जीव और मछलियां प्रभावित हो रहे हैं। एक अध्य्यन के मुताबिक प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देश में प्रतिदिन लगभग 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इसमें महज 20 फीसदी ही रिसाइकिल हो पाता है। वहीं 39 फीसदी प्लास्टिक कचरे को जमीन के अंदर दबाकर नष्ट करने की कोशिश होती है जबकि 15 फीसदी को जला दिया जाता है।Conclusion:बाइट - 1 सपना एक्का (नीली साड़ी में)
2 कमला पटेल (गुलाबी साड़ी)

वायरल वीडियो
Last Updated : Nov 14, 2019, 2:35 PM IST
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