रायगढ़: आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के स्कूली बच्चों ने पॉलीथिन के खिलाफ एक नई और सराहनीय पहल की है. बच्चों का ये वीडियो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बच्चे डांस, गाना और मस्ती के माध्यम से लोगों को प्लास्टिक बंद करने के लिए जागरूक कर रहे हैं.
प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है. शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने और लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए कसैया प्राथमिक शाला के बच्चों ने लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को लेकर दो वीडियो बनाए हैं. पहले वीडियो में छह बच्चों ने डांस की प्रस्तुति दी है.
सफाई का दे रहे संदेश
बच्चे गाना और डांस के माध्यम से यह बता रहे हैं कि प्लास्टिक से नालियां जाम होती हैं, जो लोगों में बीमारी फैलने का कारण है. इसके अलावा जहां-तहां बिखरे प्लास्टिक को खाने से मवेशियों की भी मौत होती है. बच्चों की ओर से प्लास्टिक छोड़ कपड़े का थैला उपयोग करने का संदेश दिया जा रहा है. वहीं दूसरे वीडियो में बच्चे स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं. बच्चे वीडियो के माध्यम से आसपास सफाई रखे जाने की बात कह रहे हैं.
देश को प्लास्टिक मुक्त करने का दे रहे संदेश
इस वीडियो में डांस करने के लिए बच्चों को तैयार करने में स्कूल की शिक्षिका सपना एक्का ने भी खास मेहनत की है. सपना बताती हैं कि 'वे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से कल तक यहां के बच्चे बात तक करने में हिचकते थे, लेकिन आज ये बच्चे लोगों को स्वच्छता और देश को प्लास्टिक मुक्त करने का संदेश दे रहे हैं.
ये हैंआंकड़े
सिंगल यूज प्लास्टिक सिर्फ इंसानों और पर्यावरण के लिए ही नहीं पशुओं के लिए भी घातक है. एक अध्य्यन के मुताबिक प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देश में प्रतिदिन लगभग 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है. इसमें महज 20 फीसदी ही रिसाइकिल हो पाता है. वहीं 39 फीसदी प्लास्टिक कचरे को जमीन के अंदर दबाकर नष्ट करने की कोशिश होती है जबकि 15 फीसदी को जला दिया जाता है.