रायगढ़: मानसून के आते ही मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. सामान्य सर्दी जुखाम के साथ डेंगू और मलेरिया का खतरा सबसे घातक होता है. मच्छरों से फैलने वाली यह बीमारी बरसात के दिनों में ज्यादा होने का खतरा रहता है. इस बीमारी के फैलने के कारण नालियों में गंदगी, नाले में जमा हुआ पानी और नमी है क्योंकि मच्छर यहीं पनपते हैं.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बताते हैं कि, 2019 के अप्रैल में डेंगू का एक मरीज सामने आया था, जिसके बाद से मई और जून में कोई मरीज नहीं मिला है, लेकिन जुलाई में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिले में कुल डेंगू मरीजों की संख्या 269 है. वहीं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि मलेरिया ने खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपना कहर बरसाया है. अब स्वास्थ्य विभाग के सामने कोरोना के साथ डेंगू और मलेरिया से लड़ने की जिम्मेदारी दोगुनी हो गई है.
पढ़ें:मुख्यमंत्री ने हरदेव की पत्नी से की बात, हर संभव मदद का दिया आश्वासन
साफ-सफाई की कमी
डॉक्टर केसरी का कहना है कि, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है, लेकिन सभी को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे विषम परिस्थिति में भी बेहतर इलाज कर सकें. वहीं जिले में कोरोना के आंकड़े की बात करें तो अभी मरीजों की संख्या 74 पहुंची है, जिनमें 55 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौटे हैं. इनमें सभी प्रवासी मजदूर हैं. साफ-सफाई और दवा छिड़काव के अभाव में शहर में डेंगू की स्थिति विकराल हो जाती है. बीते साल निगम प्रशासन की ओर से सफाई के अभाव और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण जून महीने के बाद ही मरीजों की संख्या 269 हो गई थी.