रायगढ़: जिले के कोसीर थाना के गांव उच्चभिट्टी से नाबालिग युवक लक्षेंद्र उर्फ लक्की खुंटे के फर्जी अपहरण के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने बताया कि नाबालिग को ऑनलाइन गेम खेलने का शौक था. जिसकी वजह से वो आए दिन अपने दोस्तों से कर्ज लेता रहता था. नाबालिग ने अपने दोस्त से 75 हजार रुपये का कर्ज लिया था. जिसे वह नहीं चुका पा रहा था. इसी कारण उसके दोस्त ने उसकी हत्या कर दी और पुलिस को गुमराह करने अपहरण का खेल खेला.
10 मार्च को हुई थी नाबालिग की हत्या, दोस्त ने ही मार डाला
दरअसल कोसीर थाना में 10 मार्च को नाबालिग के लापता होने की FIR कार्रवाई की गई. परिजनों ने बताया कि उनके बेटे के मोबाइल से लगातार बेटे का अपहरण करने और उसके एवज में पैसों की डिमांड की जा रही है. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नाबालिग की खोज शुरू की. 5 दिन के बाद भी युवक का कोई सुराग नहीं मिला.
ऑनलाइन गेम खेलने 75 हजार रुपये लिया था उधार
मामले में जांच तेज करते हुए पुलिस ने करीबी दोस्तों से पूछताछ शुरू की. जिसमें उसका करीबी दोस्त चवन खुटे भी था. आरोपी चवन खुटे ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि दोनों ने 10 मार्च को शराब पार्टी की. इस दौरान आरोपी ने नाबालिग से अपने 75 हजार रुपये लौटाने का दबाव बनाया. इसी दौरान झूमा-झटकी में आरोपी चवन खुटे ने ब्लेड से उसकी गर्दन पर वार कर दिया. जिससे मौके पर ही नाबालिग की मौत हो गई.
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आरोपी ने रची साजिश
पकड़े जाने के डर से आरोपी ने शव को खेत में ही सुनसान जगह पर पैरा में छिपा दिया. आरोपी को जब नाबालिग के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज होने की सूचना मिली तो उसने अपहरण की साजिश रची. मृतक नाबालिग के मोबाइल से घर वालों को और खुद को फोन लगाया और रुपयों की मांग की. ताकि पुलिस का ध्यान उस पर ना जाए. आरोपी ने दो दिनों तक पुलिस के साथ मिलकर नाबालिग दोस्त को ढूंढने का नाटक भी किया.
हालांकि पूरे मामले का खुलासा उस समय हो गया जब एक स्थानीय ने वारदात के दिन नाबालिग और मृतक को एक साथ आते-जाते देखा. CCTV में भी दोनों के वीडियो फुटेज मिले. पूरे मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.