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SPECIAL: अब रायगढ़ नगर निगम भी होगा स्वच्छ, स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की तैयारी शुरू - रायगढ़ में कचरा कलेक्शन की व्यवस्था

अंबिकापुर की तर्ज पर अब रायगढ़ को सफाई में नंबर एक पर लाने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए रायगढ़ नगर निगम ने तैयारी शुरू कर दी है.

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स्वच्छता की दौड़
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Published : Oct 19, 2020, 11:01 PM IST

रायगढ़: 48 वार्ड वाले रायगढ़ नगर निगम में साफ-सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में रायगढ़ शहर की गिनती उन नगरों में हुई जिनकी जनसंख्या 10 लाख के करीब है. सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद है. अब नगर निगम की टीम ने इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर तैयारियां तेज कर दी है. इसके लिए रायगढ़ नगर निगम की 25 सदस्यीय टीम को कमिश्नर के साथ अंबिकापुर नगर निगम ट्रेनिंग के भेजा गया था. अब ट्रेनिंग के बाद रायगढ़ ने भी नंबर एक पर अपनी जगह बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.

स्वच्छता की दौड़

स्थानीय लोगों का कहना है कि जनभागीदारी से ही रायगढ़ शहर स्वच्छ हो पाएगा. इसके लिए लोगों को पहले खुद जागरूक होना होगा. क्योंकि घरों से निकलने वाले कचरे का सही तरीके से निपटारा होना बहुत जरुरी है. शहर के साफ सफाई का जिम्मा सफाई दीदियों के साथ आम लोगों को भी लेना होगा. तभी रायगढ़ भी एक बाकी शहरों के लिए एक उदाहरण बन पाएगा.

गीला और सूखा कचरा एक साथ करने पर होता है चालान

स्वच्छता दीदियों का कहना है कि कुछ लोग गिला और सूखा कचरा को अलग नहीं करते हैं. इस वजह से उनको दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है. साथ ही कुछ लोग घर के बाहर भी कचरा नहीं रखते इसलिए कई घरों में कचरे का उठाव नहीं हो पाता. बाद में वही शिकायत करते हैं. स्वच्छता दीदियों का कहना है कि उन्होंने अंबिकापुर नगर निगम में देखा है कि स्वच्छता दीदियों को अगर कोई कचरा नहीं देता है तो उन्हें जुर्माना देना होता है. साथ ही गीला और सूखा कचरा को मिक्स करने पर भी उनको फाइन भरना पड़ता है. लेकिन रायगढ़ शहर में इस तरह की सुविधा नहीं है. अगर इस तरह की सुविधा रायगढ़ में भी हो जाएगी तो कचरा का उठाव और दोनों कचरे को अलग करने की झंझट खत्म हो जाएगी.

SPECIAL: औद्योगीकरण से रायगढ़ की फिजा हुई जहरीली, बढ़ते प्रदूषण से लोगों की जान पर खतरा !

सेटअप में अंतर

ट्रेनिंग के लिए गई सुपरवाइजर ने बताया कि रायगढ़ और अंबिकापुर के सेटअप में काफी अंतर है. वहां सफाई दीदियों पर बोझ नहीं होता. साथ ही वहां ज्यादातर काम बेहतर मशीनों में भी होता है. रायगढ़ में कुछ मशीन लगी हैं, जिनमें धीरे-धीरे काम सीख रहे हैं. जब काम पूरी तरह से सीख जाएंगे तब रायगढ़ में भी ज्यादा परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अभी प्लास्टिक और कागजों को इकट्ठा करके कंप्रेस कर उसे गठरी बनाने के लिए मशीन की व्यवस्था है. जिसके बाद से कागज और प्लास्टिक को समेटने में ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है.

होगी चालानी कार्रवाई: कमिश्नर

रायगढ़ नगर निगम कमिश्नर आशुतोष पांडेय ने बताया कि नगर निगम के साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर परिणाम मिले इसके लिए अंबिकापुर में भी 25 सदस्यों की अंबिकापुर में ट्रेनिंग हुई है. जहां पर स्मार्ट वर्क के बारे में बताया गया. सबसे पहले मैन पावर को बढ़ाया जाएगा, मैन पावर को बढ़ाने के साथ ही मशीनरी भी लगाई जाएंगी. इसके अलावा जहां पर समझाने से काम नहीं हो रहा है, वहां पर चालानी कार्रवाई भी की जाएगी. जिसके बाद से कचरा कलेक्शन और उनके निपटारे के लिए ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. शहर में जो अस्थाई डंपिंग यार्ड है उनको भी हटाए जाएंगे. सीधे घरों से कचरे का कलेक्शन करके उनको एसएलआरएम (SLRM) सेंटर तक लाया जाएगा.

रायगढ़: 48 वार्ड वाले रायगढ़ नगर निगम में साफ-सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में रायगढ़ शहर की गिनती उन नगरों में हुई जिनकी जनसंख्या 10 लाख के करीब है. सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद है. अब नगर निगम की टीम ने इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर तैयारियां तेज कर दी है. इसके लिए रायगढ़ नगर निगम की 25 सदस्यीय टीम को कमिश्नर के साथ अंबिकापुर नगर निगम ट्रेनिंग के भेजा गया था. अब ट्रेनिंग के बाद रायगढ़ ने भी नंबर एक पर अपनी जगह बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.

स्वच्छता की दौड़

स्थानीय लोगों का कहना है कि जनभागीदारी से ही रायगढ़ शहर स्वच्छ हो पाएगा. इसके लिए लोगों को पहले खुद जागरूक होना होगा. क्योंकि घरों से निकलने वाले कचरे का सही तरीके से निपटारा होना बहुत जरुरी है. शहर के साफ सफाई का जिम्मा सफाई दीदियों के साथ आम लोगों को भी लेना होगा. तभी रायगढ़ भी एक बाकी शहरों के लिए एक उदाहरण बन पाएगा.

गीला और सूखा कचरा एक साथ करने पर होता है चालान

स्वच्छता दीदियों का कहना है कि कुछ लोग गिला और सूखा कचरा को अलग नहीं करते हैं. इस वजह से उनको दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है. साथ ही कुछ लोग घर के बाहर भी कचरा नहीं रखते इसलिए कई घरों में कचरे का उठाव नहीं हो पाता. बाद में वही शिकायत करते हैं. स्वच्छता दीदियों का कहना है कि उन्होंने अंबिकापुर नगर निगम में देखा है कि स्वच्छता दीदियों को अगर कोई कचरा नहीं देता है तो उन्हें जुर्माना देना होता है. साथ ही गीला और सूखा कचरा को मिक्स करने पर भी उनको फाइन भरना पड़ता है. लेकिन रायगढ़ शहर में इस तरह की सुविधा नहीं है. अगर इस तरह की सुविधा रायगढ़ में भी हो जाएगी तो कचरा का उठाव और दोनों कचरे को अलग करने की झंझट खत्म हो जाएगी.

SPECIAL: औद्योगीकरण से रायगढ़ की फिजा हुई जहरीली, बढ़ते प्रदूषण से लोगों की जान पर खतरा !

सेटअप में अंतर

ट्रेनिंग के लिए गई सुपरवाइजर ने बताया कि रायगढ़ और अंबिकापुर के सेटअप में काफी अंतर है. वहां सफाई दीदियों पर बोझ नहीं होता. साथ ही वहां ज्यादातर काम बेहतर मशीनों में भी होता है. रायगढ़ में कुछ मशीन लगी हैं, जिनमें धीरे-धीरे काम सीख रहे हैं. जब काम पूरी तरह से सीख जाएंगे तब रायगढ़ में भी ज्यादा परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अभी प्लास्टिक और कागजों को इकट्ठा करके कंप्रेस कर उसे गठरी बनाने के लिए मशीन की व्यवस्था है. जिसके बाद से कागज और प्लास्टिक को समेटने में ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है.

होगी चालानी कार्रवाई: कमिश्नर

रायगढ़ नगर निगम कमिश्नर आशुतोष पांडेय ने बताया कि नगर निगम के साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर परिणाम मिले इसके लिए अंबिकापुर में भी 25 सदस्यों की अंबिकापुर में ट्रेनिंग हुई है. जहां पर स्मार्ट वर्क के बारे में बताया गया. सबसे पहले मैन पावर को बढ़ाया जाएगा, मैन पावर को बढ़ाने के साथ ही मशीनरी भी लगाई जाएंगी. इसके अलावा जहां पर समझाने से काम नहीं हो रहा है, वहां पर चालानी कार्रवाई भी की जाएगी. जिसके बाद से कचरा कलेक्शन और उनके निपटारे के लिए ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. शहर में जो अस्थाई डंपिंग यार्ड है उनको भी हटाए जाएंगे. सीधे घरों से कचरे का कलेक्शन करके उनको एसएलआरएम (SLRM) सेंटर तक लाया जाएगा.

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