रायगढ़: सारंगढ़ अनुविभाग के अंतर्गत आने वाला प्रसिद्ध टिमरलगा गांव, गुडेली और बरमकेला तहसील के अंतगर्त कटंगपाली-सल्हेओना और बोंदा क्षेत्र में खनन माफिया अवैध कार्यों से शासन-प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं. बिना रॉयल्टी धड़ल्ले से पत्थरों का परिवहन किया जा रहा है. ओवरलोडेड डंपर के कारण सड़कों का हाल बेहाल हो गया है. खनन माफियाओं पर इन दिनों माइनिंग विभाग सख्त है और लगातार कार्रवाई की जा रही है.
28 अक्टूबर को सल्हेओना के रायगढ़ मिनरल्स और गुडेली के चूना भट्ठे में माइनिंग विभाग ने कार्रवाई की. जिससे खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया है.
पढ़ें: रायगढ़: अवैध रेत उत्खनन और परिवहन करते वाहनों के साथ मुंशी गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक, रायगढ़ जिले के टिमरलगा और सल्हेओना में बहुत सारी अवैध खदान और चूना भट्ठा होने की सूचना माइनिंग विभाग को लगातार मिल रही थी. इसी कड़ी में खनिज निरीक्षक उमेश भार्गव ने टिमरलगा, गुडेली और सल्हेओना में 28 और 29 अक्टूबर की कार्रवाई की, जिसमें तीन डम्पर और हाईवा जब्त किए गए हैं. इन्हें चंद्रपुर थाने में रखा गया है, साथ ही चूना भट्ठे को नोटिस देकर तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में छाया रहा अवैध खनन का मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन अवैध उत्खनन का मामला गूंजा था. पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अवैध उत्खनन का मुद्दा उठाया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब में कहा था कि उत्खनन में पर्यावरण के सभी नियमों का पालन हो रहा है.
सीएम भूपेश बघेल ने पूर्व की बीजेपी सरकार पर साधा था निशाना
सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि रेत और अन्य उत्खनन मामले में 6 महीने में 2300 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. इस दौरान सीएम ने पिछली भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि उस वक्त रेत खनन में ज्यादा अव्यवस्था थी. तत्कालीन सरकार में रेत रॉयल्टी अधिकतम 13 करोड़ रुपए मिली थी. इसके अलावा सीएम बघेल ने जिलेवार प्रति हाईवा रेत की कीमतों की जानकारी भी दी थी.