रायगढ़ः नगर निगम को सुघ्घर रायगढ़ बनाने की परिकल्पना को लेकर प्रशासन पूरी तरह से कड़ाई बरत रही है. इस बीच कई संवेदनशील मुद्दों पर भी अधिकारी अपने कर्मचारियों का सहयोग कर रहे है. निगम में साफ सफाई में कमी दिखती है तो ऐसे में कर्मचारियों की सैलरी रोक दी जाती है. ऐसे में रायगढ़ नगर निगम के कमिश्नर ने संवेदनशीलता दिखाते हुए अपनी सैलरी न लेने की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि छोटे कर्मचारियों और डेली मजदूरों की तनख्वाह न रोकना पड़े इसे देखते हुए वे अपनी सैलरी रोक रहे हैं. उन्होंने कहा है कि वह आर्थिक रूप से सक्षम है. जहां पर भी आर्थिक सहायता की जरूरत पड़ रही है वे स्वयं निजी तौर पर लोगों की मदद कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा रहे और स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के पूरा होने तक सभी पूरी मेहनत से जुटे रहें.
20 स्वच्छ शहरों में अपना नाम दर्ज करा चुका है रायगढ़
नगर निगम कमिश्नर आशुतोष पांडेय ने बताया कि 48 वार्ड वाले रायगढ़ नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में टॉप 20 स्वच्छ शहरों में अपना नाम दर्ज कराया था. उस दौरान भी नगर निगम के कमिश्नर आशुतोष पांडेय ही थे. इस बार भी वे नगर निगम के कमिश्नर हैं और वे चाहते हैं कि रायगढ़ स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर प्रदेर्शन करे.
कोरबा: स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग सुधारने की कवायद शुरू
स्वच्छता सर्वेक्षण बेहतर करने की उम्मीद
स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर स्थान मिले और रायगढ़ सुरक्षित शहरों में अग्रसर रहे, इसके लिए स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में रायगढ़ को 14वां स्थान मिला था. इस बार रैंकिंग बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है. इसलिए कमिश्नर अपनी सैलरी निगम के आर्थिक कोष में दे रहे हैं. शहर को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए चौक चौराहों पर बैनर-पोस्टर हटाकर रंग रोगन किया जा रहा है. सड़कों की मरम्मत, डस्टबिन, नाली निर्माण और कचरा उठाव में तेजी जैसे कई कार्यों को प्रमुखता से किया जा रहा है. स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम एक बार निरीक्षण कर चुकी है. अब दूसरी बार सर्वेक्षण के लिए टीम आएगी और निरीक्षण कर रायगढ़ को भी रैंकिंग देने का काम करेगी.