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भ्रष्टाचार के विरोध में रायगढ़ अधिवक्ता संघ का हड़ताल जारी - raigarh advocates association strike

अधिवक्ताओं के आंदोलन को लेकर चल रहे स्थगन की खबरों पर लगाम लगाते हुए रायगढ़ अधिवक्ता संघ ने यह साफ कहा कि आंदोलन स्थगित नहीं किया गया है.

raigarh advocates association
रायगढ़ अधिवक्ता संघ
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Published : Mar 8, 2022, 9:22 PM IST

रायगढ़: अधिवक्ताओं के आंदोलन को लेकर चल रहे स्थगन की खबरों पर लगाम लगाते हुए रायगढ़ अधिवक्ता संघ ने यह साफ कर दिया है कि अधिवक्ताओं का यह आंदोलन स्थगित नहीं किया गया है, बल्कि यह अनवरत चलता रहेगा. साथ ही प्रदेश भर के सभी राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार भी अनिश्चित काल तक के लिए जारी रहेगा. कुछ मीडिया में अधिवक्ताओं के आंदोलन को 15 दिन के लिए स्थगित करने संबंधी खबरें प्रकाशित की गई थी. जिसका अधिवक्ता संघ ने खंडन किया है.

यह भी पढ़ें: चिटफंड आवेदनों की जांच में निकली कमियां, अब बनाया गया नया वेब लिंक

अधिवक्ता संघ का भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन 11 फरवरी से चल रहा है. रायगढ़ से शुरू हुआ यह आंदोलन अब प्रदेशव्यापी हो चुका है. प्रदेश के प्रत्येक जिला एवं तहसील स्तर पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध में धरना प्रदर्शन और रैली आयोजित की जा रही है. इस संबंध में कुछ समाचार पत्रों एवं अन्य मीडिया अथवा सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी प्रसारित की गई थी. जानकारी यह थी कि अधिवक्ता संघ मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगों को पूरा करने के लिए समय मिलेगा. इसके लिए 15 दिनों तक के लिए आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है. इस बात में अब कोई सत्यतता नहीं है.

भ्रम की स्थिति हुई थी निर्मित
रायगढ़ अधिवक्ता संघ की मंगलवार को हुई आवश्यक बैठक में इन खबरों का खंडन कर दिया गया है. साथ ही यह खेद प्रकट किया है कि रायगढ़ अधिवक्ता संघ के कुछ साथी सोमवार को बिलासपुर हाईकोर्ट गए हुए थे, जहां एटार्नी जनरल से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री से मिलने की रूपरेखा बना रहे थे. इस दौरान अटॉर्नी जनरल के इस प्रस्ताव पर उनकी ओर से यह कहा गया कि आंदोलन को 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया जाए. उस पर अपनी सहमति व्यक्त कर दी थी. लेकिन सदस्य गणों की इस सहमति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए रायगढ़ अधिवक्ता संघ ने आंदोलन को पूर्ववत अनिश्चित काल तक के लिए रखने का निर्णय पारित कर दिया है.

संघर्ष समिति में होगा बड़ा बदलाव
रायगढ़ अधिवक्ता संघ की ओर से इस आंदोलन को चलाते रहने के लिए एवं इसकी रूपरेखा तय करने के लिए संघर्ष समिति का गठन किया गया था. जिसमें संघर्ष समिति का अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट विष्णु सेवक गुप्ता को बनाया गया था. लेकिन उनके नेतृत्व में आंदोलन को स्थगित करने संबंधी निर्णय लिए जाने के बाद रायगढ़ अधिवक्ता संघ काफी आक्रोशित है. आम सभा आहूत कर उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. साथ ही अब नए सिरे से बुधवार 9 मार्च को संघर्ष समिति का दोबारा गठन किया जाएगा. यह संघर्ष समिति अब नए सिरे से नई ऊर्जा के साथ अधिवक्ताओं की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व करेगी. साथ ही प्रदेश भर में चल रहे आंदोलन की रूपरेखा वहां के संघों से संपर्क कर निर्धारित करेगी.

काफी हंगामेदार रही अधिवक्ता संघ की आम सभा
मंगलवार को रायगढ़ अधिवक्ता संघ की ओर से बुलाई गई सभा काफी हंगामेदार रही. आंदोलनरत अधिवक्ताओं ने भारी विरोध के साथ संघर्ष समिति को बदलने का निर्णय लिया. अधिवक्ताओं की ओर से अपने-अपने सुझाव रखे गए. अधिवक्ताओं को धोखे में रखकर संघर्ष समिति के कुछ सदस्यों द्वारा 15 दिन के आंदोलन स्थगन की सहमति दे दी गई है. अधिवक्ताओं के इस आंदोलन को अब दोगुनी गति से आगे चलाया जाएगा.

रायगढ़: अधिवक्ताओं के आंदोलन को लेकर चल रहे स्थगन की खबरों पर लगाम लगाते हुए रायगढ़ अधिवक्ता संघ ने यह साफ कर दिया है कि अधिवक्ताओं का यह आंदोलन स्थगित नहीं किया गया है, बल्कि यह अनवरत चलता रहेगा. साथ ही प्रदेश भर के सभी राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार भी अनिश्चित काल तक के लिए जारी रहेगा. कुछ मीडिया में अधिवक्ताओं के आंदोलन को 15 दिन के लिए स्थगित करने संबंधी खबरें प्रकाशित की गई थी. जिसका अधिवक्ता संघ ने खंडन किया है.

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अधिवक्ता संघ का भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन 11 फरवरी से चल रहा है. रायगढ़ से शुरू हुआ यह आंदोलन अब प्रदेशव्यापी हो चुका है. प्रदेश के प्रत्येक जिला एवं तहसील स्तर पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध में धरना प्रदर्शन और रैली आयोजित की जा रही है. इस संबंध में कुछ समाचार पत्रों एवं अन्य मीडिया अथवा सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी प्रसारित की गई थी. जानकारी यह थी कि अधिवक्ता संघ मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगों को पूरा करने के लिए समय मिलेगा. इसके लिए 15 दिनों तक के लिए आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है. इस बात में अब कोई सत्यतता नहीं है.

भ्रम की स्थिति हुई थी निर्मित
रायगढ़ अधिवक्ता संघ की मंगलवार को हुई आवश्यक बैठक में इन खबरों का खंडन कर दिया गया है. साथ ही यह खेद प्रकट किया है कि रायगढ़ अधिवक्ता संघ के कुछ साथी सोमवार को बिलासपुर हाईकोर्ट गए हुए थे, जहां एटार्नी जनरल से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री से मिलने की रूपरेखा बना रहे थे. इस दौरान अटॉर्नी जनरल के इस प्रस्ताव पर उनकी ओर से यह कहा गया कि आंदोलन को 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया जाए. उस पर अपनी सहमति व्यक्त कर दी थी. लेकिन सदस्य गणों की इस सहमति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए रायगढ़ अधिवक्ता संघ ने आंदोलन को पूर्ववत अनिश्चित काल तक के लिए रखने का निर्णय पारित कर दिया है.

संघर्ष समिति में होगा बड़ा बदलाव
रायगढ़ अधिवक्ता संघ की ओर से इस आंदोलन को चलाते रहने के लिए एवं इसकी रूपरेखा तय करने के लिए संघर्ष समिति का गठन किया गया था. जिसमें संघर्ष समिति का अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट विष्णु सेवक गुप्ता को बनाया गया था. लेकिन उनके नेतृत्व में आंदोलन को स्थगित करने संबंधी निर्णय लिए जाने के बाद रायगढ़ अधिवक्ता संघ काफी आक्रोशित है. आम सभा आहूत कर उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. साथ ही अब नए सिरे से बुधवार 9 मार्च को संघर्ष समिति का दोबारा गठन किया जाएगा. यह संघर्ष समिति अब नए सिरे से नई ऊर्जा के साथ अधिवक्ताओं की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व करेगी. साथ ही प्रदेश भर में चल रहे आंदोलन की रूपरेखा वहां के संघों से संपर्क कर निर्धारित करेगी.

काफी हंगामेदार रही अधिवक्ता संघ की आम सभा
मंगलवार को रायगढ़ अधिवक्ता संघ की ओर से बुलाई गई सभा काफी हंगामेदार रही. आंदोलनरत अधिवक्ताओं ने भारी विरोध के साथ संघर्ष समिति को बदलने का निर्णय लिया. अधिवक्ताओं की ओर से अपने-अपने सुझाव रखे गए. अधिवक्ताओं को धोखे में रखकर संघर्ष समिति के कुछ सदस्यों द्वारा 15 दिन के आंदोलन स्थगन की सहमति दे दी गई है. अधिवक्ताओं के इस आंदोलन को अब दोगुनी गति से आगे चलाया जाएगा.

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