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कोरोना महामारी में भी सकारात्मक रहने के लिए राहुल ने लिखी किताब - chhattisgarh updated news

रायगढ़ के सारंगढ़ में रहने वाले राहुल हरिप्रिया ने कोविड-19 महामारी के इस कठिन समय के दौरान खुद को सकारात्मक बनाए रखने के विषय पर एक किताब लिखी है, जिसका शीर्षक उन्होंने 'लॉकडाउन डिस्कवरी' दिया है.

Lockdown discovery book
कोविड 19 महामारी में सकारात्मक रहने पर किताब
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Published : Sep 15, 2020, 1:12 AM IST

Updated : Sep 15, 2020, 6:40 AM IST

रायगढ़: छत्तीसगढ़ के एक छोटे से कस्बे सारंगढ़ के रहने वाले 24 साल के राहुल हरिप्रिया ने कोविड-19 महामारी के कठिन समय के दौरान भी खुद को सकारात्मक बनाए रखने और हिम्मत न हारने के विषय पर एक किताब लिखी है. जिसका शीर्षक है 'लॉकडाउन डिस्कवरी'. ये किताब संदेश देती है कि कोई भी व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी कैसे सकारात्मक रह सकता है. इसके साथ ही जीवन के सबसे बुरे समय को भी अच्छे अवसरों में बदला सकता है.

Lockdown discovery book
कोविड 19 महामारी में सकारात्मक रहने पर किताब

राहुल हरिप्रिया राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के कॉलेज में पढ़ते हैं. राहुल ने अपनी किताब के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी ये किताब जीवन में विभिन्न समय के बारे में बताती है. जब चीजें निराशाजनक हो जाती हैं तब व्यक्ति उस समय में भी खुद को बेहतर बना सकता है, बस खुद पर विश्वास होना चाहिए.

कठिन परिस्थितियों में भी पॉजिटिव रहने की सीख

राहुल ने बताया कि यह किताब एक व्यक्ति को कोविड -19 महामारी के दौरान लॉकडाउन जैसी कठिन परिस्थितियों में भी अपने सर्वश्रेष्ठ संस्करण को खोज निकालने में मदद करने के उद्देश्य से बनाई गई है. इस किताब के जरिए ये बताया गया है कि जीवन का हर अनुभव किसी न किसी कारण से होता है और इसके पीछे हमेशा एक संदेश या सीख होती हैं.

कोरोना काल में हर व्यक्ति के जीवन की कहानी

राहुल ने अपनी किताब के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर हम अपने अनुभवों से सीखने के लिए तैयार हैं तो हम अपना जीवन बेहतर बना सकते है. पुस्तक में एक व्यक्तिगत स्पर्श है, जिसे हर पाठक अपने आप से जोड़ सकता है, क्योंकि इस पुस्तक में विभिन्न घटनाओं और अनुभवों का उल्लेख किया गया है. जिनका हर किसी को अपने जीवन में कम से कम एक बार सामना करना ही पड़ता है. राहुल ने कहा कि यह पुस्तक पेपर बैक के साथ-साथ प्रमुख E-कॉमर्स वेबसाइट्स और E-बुक प्रारूप में भी उपलब्ध है.

पढ़ें: कोविड-19 अस्पतालों में बिस्तर और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के निर्देश

अपने किताब के बारे में वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि इस किताब के माध्यम से प्रस्तुत कहानी एक तरह से अद्वितीय है. क्योंकि यह एक स्वयं सहायता पुस्तक है. जो लोगों को जीवन में सबसे कठिन परिस्थितियों से बाहर लाने के लिए मार्गदर्शन देती है. ध्यान देने की बात यह है कि इस तरह की कोई पुस्तक कोविड -19 महामारी के दौर में पहले जारी नहीं की गई है. इस किताब में कुछ ऐसे अंक शामिल है, जिन्हें पाठक अपने व्यक्तिगत जीवन के साथ बहुत आसानी से जोड़ कर देख सकते हैं.

रायगढ़: छत्तीसगढ़ के एक छोटे से कस्बे सारंगढ़ के रहने वाले 24 साल के राहुल हरिप्रिया ने कोविड-19 महामारी के कठिन समय के दौरान भी खुद को सकारात्मक बनाए रखने और हिम्मत न हारने के विषय पर एक किताब लिखी है. जिसका शीर्षक है 'लॉकडाउन डिस्कवरी'. ये किताब संदेश देती है कि कोई भी व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी कैसे सकारात्मक रह सकता है. इसके साथ ही जीवन के सबसे बुरे समय को भी अच्छे अवसरों में बदला सकता है.

Lockdown discovery book
कोविड 19 महामारी में सकारात्मक रहने पर किताब

राहुल हरिप्रिया राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के कॉलेज में पढ़ते हैं. राहुल ने अपनी किताब के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी ये किताब जीवन में विभिन्न समय के बारे में बताती है. जब चीजें निराशाजनक हो जाती हैं तब व्यक्ति उस समय में भी खुद को बेहतर बना सकता है, बस खुद पर विश्वास होना चाहिए.

कठिन परिस्थितियों में भी पॉजिटिव रहने की सीख

राहुल ने बताया कि यह किताब एक व्यक्ति को कोविड -19 महामारी के दौरान लॉकडाउन जैसी कठिन परिस्थितियों में भी अपने सर्वश्रेष्ठ संस्करण को खोज निकालने में मदद करने के उद्देश्य से बनाई गई है. इस किताब के जरिए ये बताया गया है कि जीवन का हर अनुभव किसी न किसी कारण से होता है और इसके पीछे हमेशा एक संदेश या सीख होती हैं.

कोरोना काल में हर व्यक्ति के जीवन की कहानी

राहुल ने अपनी किताब के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर हम अपने अनुभवों से सीखने के लिए तैयार हैं तो हम अपना जीवन बेहतर बना सकते है. पुस्तक में एक व्यक्तिगत स्पर्श है, जिसे हर पाठक अपने आप से जोड़ सकता है, क्योंकि इस पुस्तक में विभिन्न घटनाओं और अनुभवों का उल्लेख किया गया है. जिनका हर किसी को अपने जीवन में कम से कम एक बार सामना करना ही पड़ता है. राहुल ने कहा कि यह पुस्तक पेपर बैक के साथ-साथ प्रमुख E-कॉमर्स वेबसाइट्स और E-बुक प्रारूप में भी उपलब्ध है.

पढ़ें: कोविड-19 अस्पतालों में बिस्तर और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के निर्देश

अपने किताब के बारे में वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि इस किताब के माध्यम से प्रस्तुत कहानी एक तरह से अद्वितीय है. क्योंकि यह एक स्वयं सहायता पुस्तक है. जो लोगों को जीवन में सबसे कठिन परिस्थितियों से बाहर लाने के लिए मार्गदर्शन देती है. ध्यान देने की बात यह है कि इस तरह की कोई पुस्तक कोविड -19 महामारी के दौर में पहले जारी नहीं की गई है. इस किताब में कुछ ऐसे अंक शामिल है, जिन्हें पाठक अपने व्यक्तिगत जीवन के साथ बहुत आसानी से जोड़ कर देख सकते हैं.

Last Updated : Sep 15, 2020, 6:40 AM IST
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