रायगढ़: जीवनदायिनी केलो नदी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. केलो उद्धार समिति के द्वारा नदी को बचाने के लिए बीते 3 साल से महाआरती का आयोजन किया जा रहा है. इस बार भी केलो नदी के तट पर महाआरती का आयोजन होना है. इस आरती में शामिल होने के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ते हैं. मकर सक्रांति के दिन होने वाले इस कार्यक्रम के लिए तैयारियां अभी से शुरू कर ली गई हैं.
इस महा आरती में समिति के सदस्य और स्थानीय युवा साफ-सफाई व तैयारी में जुटे हुए हैं. इस साफ-सफाई में रायगढ़ नगर निगम भी अपना दायित्व निभा रहा है और नगर निगम के सफाईकर्मी भी नदी की सफाई में लगे हुए हैं. केलो महाआरती का आयोजन 14 जनवरी यानी मकर सक्रांति के दिन किया गया है.
कोरोना के बीच सम्पन्न होगी महाआरती
हर साल नदी के उद्धार के लिए महाआरती का आयोजन किया जाता है. यह चौथी बार होगा जब भव्य आयोजन समिति के द्वारा आयोजन किया जाएगा. संक्रांति की शाम को मेयर, कमिश्नर और नगर निगम के सभी पार्षद इस महाआरती में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं. इस बार कोरोना की वजह से बचाव के लिए जारी नियमों के बीच महाआरती सम्पन्न की जाएगी.
केलो नदी है सबसे प्रदूषित
केलो नदी लैलूंगा से निकलती है और ओडिशा में जाकर महानदी से मिल जाती है. इस नदी के प्रदूषित रहने का सबसे मुख्य कारण है शहर के किनारे बसे बड़े उद्योगों के गंदे पानी का नदी में छोड़ना. केलो उद्धार समिति के द्वारा महाआरती के लिए नदी की साफ-सफाई तो की जाती है लेकिन महाआरती के बाद साल भर यही स्थिति बनी रहती है.