रायगढ़: जिले में तालाबों की हालत बदतर होती जा रही है. बढ़ती जनसंख्या के साथ ही तालाबों के पास अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से शहर के आधे से ज्यादा तालाबों का अस्तित्व खत्म हो गया है. वहीं प्रशासन की अनदेखी की वजह से जो तालाब बच गए हैं वह भी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. शहर के छोटे-बड़े लगभग 2 दर्जन से ज्यादा तालाब उपयोग के लायक नहीं बचे है.
केलो नदी को रायगढ़ की जीवनदायिनी मानी जाती है, लेकिन इस नदी पर भी अतिक्रमण की वजह से अस्तित्व का खतरा बना हुआ है. शहर में पानी की कमी होने पर लोग केलो नदी का उपयोग करते थे, लेकिन वर्तमान स्थिति में ये नदी प्रदूषण की मार झेल रही है. इसी तरह रायगढ़ के कई तालाब ऐसे है जो वर्षो से साफ नहीं हुए है. इन तालाबों के गहरीकरण की मांग स्थानीय निवासी लगातार कर रहे हैं. वहीं इस मामले में नवनिर्वाचित महापौर का कहना है कि अब तालाबों के सौंदर्यकरण और उत्थान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जल्द ही शहरवासियों को इसका लाभ मिल सकेगा.