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रायगढ़ः 2019-20 अपराध में आई कमी, लेकिन साइबर क्राइम रोकने में फिसड्डी रही पुलिस

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Published : Jan 10, 2020, 3:06 PM IST

रायगढ़ में पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने साल भर के अपराध और उनकी जांच को लेकर विभाग के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने बताया कि 'हत्या, लूट जैसे मामले में पुलिस ने अपराधियों पर लगाम कसी है, लेकिन साइबर क्राइम के मामले में कमजोर रही'.

Meeting on crime and investigation of year
साल भर के अपराधों और जांच को लेकर मीटिंग

रायगढ़ः जिला पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने साल 2019-20 में पुलिस के काम को लेकर विभागीय बैठक ली. जिसमें जिले में हुए अपराधों और उनकी जांच को लेकर चर्चा हुई.

एसपी के मुताबिक साल 2018-19 की तुलना में 2019-20 में अपराध में कमी आई है. उन्होंने कहा कि 'साइबर अपराध के मामले में पुलिस थोड़ी कमजोर साबित हुई है'.

कम समय में मामले का खुलासा
एसपी ने मीटिंग में जिले में साल भर के भीतर पुलिस के सुलझाए सभी अपराधों की जानकारी दी. इस दौरान एसपी ने बताया कि हत्या, लूट और चोरी के घटनाओं में बेहद ही कम समय में पुलिस ने अपराधियों तक पहुंचा है और मामले का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि 'बीते साल कई तरह के गंभीर अपराध हुए, जिसमें कोतरा रोड थाना क्षेत्र में हुए दहला देने वाले हत्याकांड और लैलूंगा में वृद्ध दंपति की निर्मम हत्या जैसी घटना शामिल है'.

112 की सुविधा से हजारों को मिली मदद
पुलिस अधिक्षक का कहना है कि 'अपराधियों में पुलिस का खौफ बना रहे इसके लिए लोगों का सहयोग भी बेहद जरूरी है'. उन्होंने बताया कि 'लोगों तक फौरन सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से 112 का भी बेहतर उपयोग किया जा रहा है. साल भर के भीतर लगभग 52 हजार मामलों में 112 से लोगों को मदद मिली है'.

साइबर क्राइम में कसेंगे लगाम
पुलिस अधिक्षक ने बताया कि 'साइबर क्राइम के मामले में पुलिस की कार्रवाई थोड़ी धीमी रही. इस वजह से जिले में एटीएम से क्लोनिंग और ऑनलाइन शॉपिंग के बहाने ठगी करने के ज्यादातर मामले लंबित है. उन्होंने कहा कि 'नए साल में पुलिस पूरी तरह से तैयार है और पहले से भी बेहतर काम करेगी'.

रायगढ़ः जिला पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने साल 2019-20 में पुलिस के काम को लेकर विभागीय बैठक ली. जिसमें जिले में हुए अपराधों और उनकी जांच को लेकर चर्चा हुई.

एसपी के मुताबिक साल 2018-19 की तुलना में 2019-20 में अपराध में कमी आई है. उन्होंने कहा कि 'साइबर अपराध के मामले में पुलिस थोड़ी कमजोर साबित हुई है'.

कम समय में मामले का खुलासा
एसपी ने मीटिंग में जिले में साल भर के भीतर पुलिस के सुलझाए सभी अपराधों की जानकारी दी. इस दौरान एसपी ने बताया कि हत्या, लूट और चोरी के घटनाओं में बेहद ही कम समय में पुलिस ने अपराधियों तक पहुंचा है और मामले का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि 'बीते साल कई तरह के गंभीर अपराध हुए, जिसमें कोतरा रोड थाना क्षेत्र में हुए दहला देने वाले हत्याकांड और लैलूंगा में वृद्ध दंपति की निर्मम हत्या जैसी घटना शामिल है'.

112 की सुविधा से हजारों को मिली मदद
पुलिस अधिक्षक का कहना है कि 'अपराधियों में पुलिस का खौफ बना रहे इसके लिए लोगों का सहयोग भी बेहद जरूरी है'. उन्होंने बताया कि 'लोगों तक फौरन सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से 112 का भी बेहतर उपयोग किया जा रहा है. साल भर के भीतर लगभग 52 हजार मामलों में 112 से लोगों को मदद मिली है'.

साइबर क्राइम में कसेंगे लगाम
पुलिस अधिक्षक ने बताया कि 'साइबर क्राइम के मामले में पुलिस की कार्रवाई थोड़ी धीमी रही. इस वजह से जिले में एटीएम से क्लोनिंग और ऑनलाइन शॉपिंग के बहाने ठगी करने के ज्यादातर मामले लंबित है. उन्होंने कहा कि 'नए साल में पुलिस पूरी तरह से तैयार है और पहले से भी बेहतर काम करेगी'.

Intro: रायगढ़ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने साल 2019-20 में पुलिस के काम को लेकर बैठक की जिसमें जिले के घटित सभी अपराध और उनके जांच को लेकर चर्चा हुई। रायगढ़ पुलिस अधीक्षक का कहना है कि 2018-19 की तुलना में 2019-20 में अपराध में कमी आई है जबकि साइबर अपराध के मामले में पुलिस थोड़ी कमजोर साबित हुई। byte01 संतोष कुमार सिंह, एसपी रायगढ़।


Body: बता दे रायगढ़ जिले के साल भर के भीतर पुलिस के द्वारा सुलझाए गए सभी अपराधों की जानकारी रायगढ़ एसपी ने दिया। इस दौरान एसपी ने बताया कि हत्या लूट और चोरी के घटनाओं में बेहद ही कम समय में पुलिस ने अपराधियों तक पहुंचकर मामले का खुलासा किए है। बीते साल कई तरह के जघन्य अपराध भी हुए जिसमें कोतरा रोड थाना क्षेत्र का दिल दहला देने वाला हत्याकांड और लैलूंगा थाना क्षेत्र के वृद्ध दंपतियों की निर्मम हत्या जैसे घटना शामिल रहे है। पुलिस का कहना है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ बना रहे इसके लिए लोगों का सहयोग भी होना बेहद जरूरी है। लोगों तक त्वरित सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से 112 कभी बेहतर प्रयोग हो रहा है साल भर के भीतर लगभग 52000 मामलों में 112 ने लोगों को मदद पहुंचाया है।


Conclusion: साइबर क्राइम के मामले में पुलिसिया कार्रवाई थोड़ी धीमी पड़ गई। चाहे वह एटीएम से क्लोनिंग करने का मामला हो या ऑनलाइन शॉपिंग के बहाने ठगी करने का मामला हो इस तरह के अपराधों में ज्यादातर मामले लंबित ही पड़े हैं। अब नए वर्ष को लेकर पुलिस पूरी तरह से तैयार है और पहले से भी बेहतर काम करने की बात कह रही है।
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