ETV Bharat / state

रायगढ़: महाजेनको की सुनवाई को लोगों ने बताया गैर कानूनी - लोगों का भारी आक्रोश

रायगढ़ के डोलेसरा में महाजेनको की जनसुनवाई में लोगों का भारी आक्रोश देखने को मिला. मेंबर ऑफ सेक्रेटरी की अनुपस्थिति में हो रही जनसुनवाई को लोगों ने गैरकानूनी बताते हुए इसका विरोध किया है और इस जनसुनवाई में लिए गए फैसले को मानने से इंकार कर दिया है.

महाजेनको की सुनवाई
author img

By

Published : Oct 1, 2019, 2:29 PM IST

रायगढ़: डोलेसरा में आयोजित जनसुनवाई को स्थानीय लोगों ने गैरकानूनी बताते हुए इसका विरोध किया है. लोगों का कहना है कि पिछली बार पर्यावरण सचिव के उपस्थित न होने के कारण जनसुनवाई स्थगित कर दी गई थी, लेकिन इस बार पर्यावरण सचिव अनुपस्थित थे, फिर भी जनसुनवाई कैसे आयोजित की गई.

महाजेनको की सुनवाई


मेंबर ऑफ सेक्रेटरी की अनुपस्थिति में आयोजित जनसुवाई से नाराज लोगों ने इस दौरान लिए गए फैसलो को मानने से इनकार कर दिया है. लोगों ने कहा कि जनप्रतिनिधि और क्षेत्र के विधायक, सांसद भी उपस्थित नहीं थे, ऐसे में 13 गांवों के 26000 लोगों पर लिया गया फैसला कैसे सही होगा.


जनसुनवाई में उपस्थित 61 ग्रामीणों में से सिर्फ 5 लोगों ने ही कंपनी के खिलाफ विरोध जताया था, वहीं 56 ग्रामीणों ने कंपनी का समर्थन किया था. जिससे नाराज हजारों ग्रामीण जनसुनवाई के बाद विरोध जता रहे हैं. ग्रामीणों ने महाजेनको की जनसुनवाई के जरिये शासन, प्रशासन और कंपनी पर उनकी जमीन हड़पने की साजिश बताया है.

रायगढ़: डोलेसरा में आयोजित जनसुनवाई को स्थानीय लोगों ने गैरकानूनी बताते हुए इसका विरोध किया है. लोगों का कहना है कि पिछली बार पर्यावरण सचिव के उपस्थित न होने के कारण जनसुनवाई स्थगित कर दी गई थी, लेकिन इस बार पर्यावरण सचिव अनुपस्थित थे, फिर भी जनसुनवाई कैसे आयोजित की गई.

महाजेनको की सुनवाई


मेंबर ऑफ सेक्रेटरी की अनुपस्थिति में आयोजित जनसुवाई से नाराज लोगों ने इस दौरान लिए गए फैसलो को मानने से इनकार कर दिया है. लोगों ने कहा कि जनप्रतिनिधि और क्षेत्र के विधायक, सांसद भी उपस्थित नहीं थे, ऐसे में 13 गांवों के 26000 लोगों पर लिया गया फैसला कैसे सही होगा.


जनसुनवाई में उपस्थित 61 ग्रामीणों में से सिर्फ 5 लोगों ने ही कंपनी के खिलाफ विरोध जताया था, वहीं 56 ग्रामीणों ने कंपनी का समर्थन किया था. जिससे नाराज हजारों ग्रामीण जनसुनवाई के बाद विरोध जता रहे हैं. ग्रामीणों ने महाजेनको की जनसुनवाई के जरिये शासन, प्रशासन और कंपनी पर उनकी जमीन हड़पने की साजिश बताया है.

Intro:एंकर - महाजेनको की जनसुनवाई को लोगों ने बताया तानाशाही। २८ सितंबर को रायगढ़ जिले के डोलेसरा में हुए जनसुनवाई को लोगों ने नियम के विरुद्ध बताया है उनका कहना है की पिछली बार पर्यावरण सचिव के उपस्थित न होने की वजह से जनसुनवाई स्थगित कर दी गयी थी तो इस बार भी जब पर्यावरण सचिव अनुपस्थित थे तो जनसुनवाई कैसे आयोजित हो सकती है इसलिए इस जनसुनवाई को रद्द कर देना चाहिए। ग्रामीणों द्वारा महाजेनको की जनसुनवाई को शासन, प्रशासन और कम्पनी की साजिश बताया जा रहा है जो उन्हें किसी भी हाल में मंजूर नहीं है और वे तमनार ब्लॉक में पर्यावरण और उद्योगों की स्थिति को देखते हुए एक इंच की जमीन किसी कम्पनी को देने के लिए तैयार नहीं हैं।Body:वीओ - २७ सितंबर को अडानी कम्पनी ने महाजेनको की जनसुनवाई आयोजित कराई थी जिसमें लोगों का तीव्र आक्रोश सभी को देखने को मिला था जहाँ महाजेनको की जनसुनवाई आयोजित तो कर दी गयी पर लोगों में अब भी नाराजगी है और लोग विस्थापन के लिए किसी भी स्थिति में तैयार नहीं हैं लोगों की नाराजगी की वजह मेंबर ऑफ़ सेक्रेटरी की अनुपस्थिति में जनसुनवाई का आयोजित होना तो है ही साथ ही जनप्रतिनिधियों जैसे क्षेत्र के विधायक और सांसद का भी अपना मत देने के लिए उपस्थित ना हो पाना भी है। जनसुनवाई में भाग लिए लोगों का कहना है की १३ गाँव के २६००० लोगों का फैसला सिर्फ ६१ लोगों से लेना न्यायपूर्ण नहीं होगा। गौरतलब है की ६१ ग्रामीणों में सिर्फ ५ लोगों ने ही कम्पनी का विरोध जताया था जबकि ५६ ग्रामीण कम्पनी के पक्ष में समर्थन दिए थे जबकि वहां हजारों ग्रामीण जनसुनवाई के खत्म होने तक जनसुनवाई का विरोध कर रहे थे।

Conclusion:बाइट - 1 शिवपाल भगत (प्रभावित ग्रामीण)
2 कन्हैया पटेल (प्रभावित ग्रामीण)
3 जयशंकर प्रसाद (ग्रामीण)

विसुअल - जनसुनवाई
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.