रायगढ़ः भारत सरकार ने गरीब परिवार को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ कार्ड दिया है. साथ ही छ्त्तीसगढ़ सरकार ने भी प्रदेशवासियों की स्वास्थ्य की चिंता करते हुए यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम के तहत बीमा कार्ड दिया है. जिसका इस्तमाल कर लोग सरकारी और निजी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं. हालांकि देखा जा रहा है कि सरकारी से अधिक लोग निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं.
जिले में योजनाओं के अंतर्गत लाखों परिवार को फायदा पहुंचाया जा रहा है, लेकिन लोग स्वास्थ्य योजनाओं का इस्तमाल सरकारी अस्पताल की जगह निजी अस्पतालों में ज्यादा कर रहे हैं.
सरकारी अस्पतालों में नहीं करते है स्वास्थ्य कार्ड का इस्तेमाल
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस.एन केसरी ने ETV भारत को बताया कि जिले में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत लगभग 3 लाख से भी ज्यादा हेल्थ कार्ड दिया गया है. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों से ज्यादा बेहतर इलाज मेडिकल कॉलेज और अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में होता है, लेकिन लोग निजी अस्पतालों में स्मार्ट कार्ड का उपयोग ज्यादा कर रहे हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में स्मार्ट कार्ड का उपयोग करने से बच रहे हैं. जिससे सरकारी अस्पताल के पास बीमा कंपनी से पैसा नहीं मिलता.
आंकड़ें के मुताबिक
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए आंकड़े के मुताबिक जिले में लगभग 3 लाख 64 हजार 773 कार्डधारी हैं. जिनमें से लगभग 2 लाख 96 कार्ड आयुष्मान के तहत और 68 हजार कार्ड मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत हैं.
- जिले में कुल 27 निजी अस्पताल और 13 सरकारी अस्पताल हैं, जहां आयुष्मान भारत और स्मार्ट कार्ड का उपयोग किया जाता है. यहां कार्ड धारकों को इलाज के दौरान निशुल्क दवा और इलाज होता है.
- आयुष्मान भारत योजना के कार्ड से ₹5 लाख रुपए तक का इलाज जबकि स्मार्ट कार्ड से ₹50 हजार रुपए तक का इलाज होता है.
- रायगढ़ जिले में 2019 में अब तक 32 हजार 942 मरीजों ने निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराया है और सरकारी अस्पताल में सिर्फ 3 हजार 907 मरीजों ने इलाज कराया है.
- निजी अस्पताल के 32 करोड़ 17 लाख 6 हजार 333 रुपए बकाया हैं जबकि सरकारी अस्पताल में सिर्फ 1 करोड़ 85 लाख 72 हजार 341 रुपए बकाया हैं.