ETV Bharat / state

रायगढ़: कोरोना संकट काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे पान दुकान संचालक - पान दुकान संचालक और कोरोना संकट

कोरोना संकट काल में बस स्टैंड में संचालित पान दुकान संचालकों की स्थिति बेहद खराब है. बस संचालक भी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं.

Pan shop operators
कोरोना की मार
author img

By

Published : Oct 18, 2020, 10:46 AM IST

Updated : Oct 18, 2020, 12:06 PM IST

रायगढ़: कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूर परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अनलॉक के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं. आलम यह है कि 6 महीने बाद भी जिंदगी पटरी पर नहीं लौटी है. घरघोड़ा के बस स्टैंड में स्थित दुकानदारों और बस एजेंट आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. बस स्टैंड कभी यात्रियों से भरा रहता था. दुकानों में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण बसें बंद रहीं और दुकानों को भी बंद करना पड़ा. जिससे यहां के दुकानदारों का रोजगार छिन गया.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पान दुकान संचालक

बता दें कि बस स्टैंड में पान दुकान का संचालन करने वाले लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं. वहीं बस एजेंट का काम करने वाले लोग भी मुश्किल में है. ये लोग जैसे-तैसे अपना गुजारा कर रहे है.

Corona crisis and bus operators
बस स्टैंड पड़ा वीरान

पान दुकान संचालक भी बेहाल

कुछ ऐसे ही हालात बस संचालकों के भी हैं. सरकार ने भले ही बसों के संचालन की इजाजत दे दी है. लेकिन पेट्रोल,डीजल के बढ़ते दाम, सख्त गाइडलाइन और सवारियों के ना मिलने से बसों के पहिए थमे हुए हैं. बस स्टाफ के ड्राइवर, कंडक्टर, क्लीनर और एजेंट बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. वहीं बस स्टैंड में संचालित गुमटी ठेले के संचालक भी आपदा काल में दाने-दाने को मोहताज हैं.

पढ़ें-SPECIAL: कोरोना संकट और कर्ज की मार, दाने-दाने को मोहताज हुए ई-रिक्शा चालक

घरघोड़ा में लॉकडाउन के पहले तक करीब 60 से ज्यादा बसों का संचालन होता था. लेकिन अब अनलॉक होने के बाद भी बस संचालक बसों के संचालन से कतरा रहे हैं. क्योंकि उन्हें सवारी यात्री पर्याप्त संख्या में नहीं मिल पा रही है और ना ही डीजल और स्टाफ का खर्चा निकल रहा है.

रायगढ़: कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूर परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अनलॉक के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं. आलम यह है कि 6 महीने बाद भी जिंदगी पटरी पर नहीं लौटी है. घरघोड़ा के बस स्टैंड में स्थित दुकानदारों और बस एजेंट आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. बस स्टैंड कभी यात्रियों से भरा रहता था. दुकानों में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण बसें बंद रहीं और दुकानों को भी बंद करना पड़ा. जिससे यहां के दुकानदारों का रोजगार छिन गया.

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पान दुकान संचालक

बता दें कि बस स्टैंड में पान दुकान का संचालन करने वाले लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं. वहीं बस एजेंट का काम करने वाले लोग भी मुश्किल में है. ये लोग जैसे-तैसे अपना गुजारा कर रहे है.

Corona crisis and bus operators
बस स्टैंड पड़ा वीरान

पान दुकान संचालक भी बेहाल

कुछ ऐसे ही हालात बस संचालकों के भी हैं. सरकार ने भले ही बसों के संचालन की इजाजत दे दी है. लेकिन पेट्रोल,डीजल के बढ़ते दाम, सख्त गाइडलाइन और सवारियों के ना मिलने से बसों के पहिए थमे हुए हैं. बस स्टाफ के ड्राइवर, कंडक्टर, क्लीनर और एजेंट बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. वहीं बस स्टैंड में संचालित गुमटी ठेले के संचालक भी आपदा काल में दाने-दाने को मोहताज हैं.

पढ़ें-SPECIAL: कोरोना संकट और कर्ज की मार, दाने-दाने को मोहताज हुए ई-रिक्शा चालक

घरघोड़ा में लॉकडाउन के पहले तक करीब 60 से ज्यादा बसों का संचालन होता था. लेकिन अब अनलॉक होने के बाद भी बस संचालक बसों के संचालन से कतरा रहे हैं. क्योंकि उन्हें सवारी यात्री पर्याप्त संख्या में नहीं मिल पा रही है और ना ही डीजल और स्टाफ का खर्चा निकल रहा है.

Last Updated : Oct 18, 2020, 12:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.