रायगढ़: तराईमाल में स्थित NRTMT इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की जनसुनवाई बुधवार को आयोजित की गई. बंजारी मंदिर प्रांगण में ये जनसुनवाई आयोजित हुई. पर्यावरण विदों और स्थानीय लोगों ने जनसुनवाई का जमकर विरोध किया.
जिले में पर्यावरण संरक्षण और उद्योग प्रभावित लोगों के लिए लगातार काम कर रही संस्था जनचेतना ने बताया कि जिला प्रशासन के निरंकुश अधिकारियों की आड़ में सम्पन्न हुई एन आर इस्पात की पर्यावरणीय जनसुनवाई पूरी तरह से फर्जी है. प्रशासन, पर्यावरण विभाग और कंपनी प्रबंधन ने NGT के नियमों का खुला उल्लंघन किया है.
NRTMT के उद्योग विस्तार से 45 गांव प्रभावित
राजेश त्रिपाठी ने बताया कि NRTMT के उद्योग विस्तार से करीब 45 गांव प्रभावित हो रहे हैं. जबकि प्रबन्धन ने महज 10 गांवों में EIA (एनवायरंमेंटल इमपेक्ट एसेसमेंट) रिपोर्ट की कॉपी पढ़ने भेजी है. उन्होंने EIA की रिपोर्ट को भी फर्जी बताया. पेश की गई EIA रिपोर्ट में पूंजीपथरा के उद्योग विस्तार क्षेत्र को जंगल विहीन बताया गया है. जबकि यह पूरी तरह से घने जंगल वाला हाथी प्रभावित क्षेत्र है. पर्यावरण की लगातार बिगड़ती हालत को देखकर जब NGT ने जिले को रेड जोन में रखा है तब यहां बिना पर्यावरणीय जांच के नए उद्योगों अथवा पुराने उद्योगों के विस्तार को अनुमति दिए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.
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'EIA की फर्जी रिपोर्ट दिखाई'
जनचेतना की तरफ से कहा गया कि पेश की गई EIA की रिपोर्ट पुराने रिपोर्ट की कॉपी है. जिसमें क्षेत्र की वास्तविकता को छुपाया गया है. यहां औद्योगिक प्रदूषण की वजह से प्रदूषित हो चुके प्राकृतिक और कृत्रिम जलस्रोतों की संख्या नहीं बताई गई है. ना ही उद्योग विस्तार से प्रभावित होने वाले गांवों की सही संख्या बताई गई है. रिपोर्ट में क्षेत्र के प्राथमिक और सेकेंडरी स्कूलों की संख्या सहित जेआईटी कॉलेज का उल्लेख भी नहीं है.यही वजह रही है कि स्थानीय लोगों ने जनसुनवाई का विरोध किया.