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रायगढ़: भू स्वामित्व देने के लिए गरीबों को मिल रहा लाखों का नोटिस, कैसे करें भरपाई?

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Published : Oct 31, 2020, 6:17 PM IST

Updated : Oct 31, 2020, 7:48 PM IST

रायगढ़ में नजूल भूमि पर अतिक्रमण कर रह रहे लोगों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर बाजार मूल्य से जमीन का 150 प्रतिशत की दर से राशि भुगतान करने का आदेश दिया है. ये गरीब परिवार इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ हैं, जिसके चलते उनके सामने बेघर होने की स्थिति पैदा हो गई है. वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी करार दिया है.

raigarh administration issued notice
रायगढ़ प्रशासन ने जारी किया नोटिस

रायगढ़: शहरी क्षेत्र के नजूल भूमि में अतिक्रमण कर रह रहे लगभग 2,890 लोगों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है. इन लोगों से बाजार मूल्य से जमीन का 150 प्रतिशत ज्यादा की दर से राशि भुगतान करके भू स्वामित्व देने के लिए कहा गया है. ऐसे में दशकों से घर बनाकर रह रहे लोगों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे नजूल पट्टा पाने के लिए मुआवजा भरने को तैयार हैं लेकिन इतनी बड़ी रकम वह देने में असमर्थ हैं. वहीं बीजेपी भी इसे कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी बता रही है.

भू स्वामित्व देने के लिए गरीबों को मिल रहा लाखों का नोटिस

इस वैश्विक महामारी के दौर में लोगों के पास बेरोजगारी और आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसी बीच जिले में नजूल भूमि पर अतिक्रमण कर बीते 40-50 साल से रहने वाले लोगों को बाजार कीमत से 150 प्रतिशत ज्यादा राशि मांगी जा रही है. इसके बाद कब्जा धारकों को जमीन का स्वामित्व दे दिया जाएगा. लेकिन यह कम आय वाले और गरीब लोगों के लिए परेशानी बन गई है. उनके लिए घर बचाना मुश्किल हो गया है.

10 से 20 लाख तक राशि की मांग

रायगढ़ के नगरीय निकाय क्षेत्रों में 2 हजार 890 लोगों को नोटिस देकर उनसे बाजार मूल्य से 150 प्रतिशत ज्यादा दर से राशि देने का नोटिस दिया गया है. रायगढ़ शहर के रियापारा, चांदमारी, इंदिरानगर जैसे कई मोहल्ले नजूलभूमि पर काबिज हैं. इन लोगों को 10 लाख से 20 लाख रुपए तो कहीं उससे भी अधिक का नोटिस मिला है. लोग नोटिस मिलने के बाद बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. बड़ा आय का साधन नहीं होने के चलते इन्हें बैंक से लोन भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में गरीब मजदूर वर्ग प्रशासन से राहत की गुहार लगा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये लोग पट्टे के लिए रुपए नहीं देना चाहते, लेकिन जमीन की कीमत से 150 प्रतिशत ज्यादा की भारी भरकम रकम उनके लिए पहाड़ साबित हो रही है.

ईटीवी भारत ने जाना लोगों का हाल

लोगों को नोटिस मिलने के बाद ईटीवी भारत ने ग्राउंड पर जाकर जब लोगों से उनकी राय जानी, तब उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग मजदूरी, पेंशन तो कई प्राइवेट नौकरियों के सहारे अपना परिवार चला रहे हैं, जिनके पास कोई जमा पूंजी नहीं बची है. ऐसे में इन लोगों से लाखों रुपए का नोटिस भरवाना लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रही है. ज्यादातर लोगों का कहना है कि सरकार उनसे घर छीन ले और बेघर सड़कों पर छोड़ दे, क्योंकि इतनी बड़ी रकम वे लोग जमा नहीं करा सकते.

विपक्ष लगा रही है वादाखिलाफी का आरोप

विपक्ष राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है और चुनाव से पहले घोषणा पत्र को याद करने की बात कह रही है. बीजेपी नेता सुरेश गोयल ने कहा कि चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा था कि हर गरीब को भू पट्टा दिया जाएगा, लेकिन कितने रुपए में दिया जाएगा, कौन सी शर्तों पर दिया जाएगा इसका कोई जिक्र नहीं था और आज कांग्रेस अपने उसी वायदे को पूरा करने के लिए लोगों से 150 प्रतिशत ज्यादा की दर से नजूल पट्टा लेने के लिए दबाव बना रही है जो गरीबों के साथ अन्याय है.

पढ़ें- 1 दिसंबर से छत्तीसगढ़ में की जाएगी धान खरीदी, 85 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य


अधिकारी ने कहा शासन से मिला है आदेश

पूरे मामले में रायगढ़ अतिरिक्त कलेक्टर आरए कुरुवंशी ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार शासन की आय बढ़ाने और गरीबों को उनका भू-स्वामित्व देने के लिए ही नोटिस दिया गया है. जो लोग रुपए का भुगतान करेंगे उनको आबादी पट्टा दिया जाएगा, नहीं तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

रायगढ़: शहरी क्षेत्र के नजूल भूमि में अतिक्रमण कर रह रहे लगभग 2,890 लोगों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है. इन लोगों से बाजार मूल्य से जमीन का 150 प्रतिशत ज्यादा की दर से राशि भुगतान करके भू स्वामित्व देने के लिए कहा गया है. ऐसे में दशकों से घर बनाकर रह रहे लोगों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वे नजूल पट्टा पाने के लिए मुआवजा भरने को तैयार हैं लेकिन इतनी बड़ी रकम वह देने में असमर्थ हैं. वहीं बीजेपी भी इसे कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी बता रही है.

भू स्वामित्व देने के लिए गरीबों को मिल रहा लाखों का नोटिस

इस वैश्विक महामारी के दौर में लोगों के पास बेरोजगारी और आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसी बीच जिले में नजूल भूमि पर अतिक्रमण कर बीते 40-50 साल से रहने वाले लोगों को बाजार कीमत से 150 प्रतिशत ज्यादा राशि मांगी जा रही है. इसके बाद कब्जा धारकों को जमीन का स्वामित्व दे दिया जाएगा. लेकिन यह कम आय वाले और गरीब लोगों के लिए परेशानी बन गई है. उनके लिए घर बचाना मुश्किल हो गया है.

10 से 20 लाख तक राशि की मांग

रायगढ़ के नगरीय निकाय क्षेत्रों में 2 हजार 890 लोगों को नोटिस देकर उनसे बाजार मूल्य से 150 प्रतिशत ज्यादा दर से राशि देने का नोटिस दिया गया है. रायगढ़ शहर के रियापारा, चांदमारी, इंदिरानगर जैसे कई मोहल्ले नजूलभूमि पर काबिज हैं. इन लोगों को 10 लाख से 20 लाख रुपए तो कहीं उससे भी अधिक का नोटिस मिला है. लोग नोटिस मिलने के बाद बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. बड़ा आय का साधन नहीं होने के चलते इन्हें बैंक से लोन भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में गरीब मजदूर वर्ग प्रशासन से राहत की गुहार लगा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये लोग पट्टे के लिए रुपए नहीं देना चाहते, लेकिन जमीन की कीमत से 150 प्रतिशत ज्यादा की भारी भरकम रकम उनके लिए पहाड़ साबित हो रही है.

ईटीवी भारत ने जाना लोगों का हाल

लोगों को नोटिस मिलने के बाद ईटीवी भारत ने ग्राउंड पर जाकर जब लोगों से उनकी राय जानी, तब उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग मजदूरी, पेंशन तो कई प्राइवेट नौकरियों के सहारे अपना परिवार चला रहे हैं, जिनके पास कोई जमा पूंजी नहीं बची है. ऐसे में इन लोगों से लाखों रुपए का नोटिस भरवाना लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रही है. ज्यादातर लोगों का कहना है कि सरकार उनसे घर छीन ले और बेघर सड़कों पर छोड़ दे, क्योंकि इतनी बड़ी रकम वे लोग जमा नहीं करा सकते.

विपक्ष लगा रही है वादाखिलाफी का आरोप

विपक्ष राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है और चुनाव से पहले घोषणा पत्र को याद करने की बात कह रही है. बीजेपी नेता सुरेश गोयल ने कहा कि चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा था कि हर गरीब को भू पट्टा दिया जाएगा, लेकिन कितने रुपए में दिया जाएगा, कौन सी शर्तों पर दिया जाएगा इसका कोई जिक्र नहीं था और आज कांग्रेस अपने उसी वायदे को पूरा करने के लिए लोगों से 150 प्रतिशत ज्यादा की दर से नजूल पट्टा लेने के लिए दबाव बना रही है जो गरीबों के साथ अन्याय है.

पढ़ें- 1 दिसंबर से छत्तीसगढ़ में की जाएगी धान खरीदी, 85 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य


अधिकारी ने कहा शासन से मिला है आदेश

पूरे मामले में रायगढ़ अतिरिक्त कलेक्टर आरए कुरुवंशी ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार शासन की आय बढ़ाने और गरीबों को उनका भू-स्वामित्व देने के लिए ही नोटिस दिया गया है. जो लोग रुपए का भुगतान करेंगे उनको आबादी पट्टा दिया जाएगा, नहीं तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Oct 31, 2020, 7:48 PM IST
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