रायपुर: छत्तीसगढ़ में कप्तान बदलने को लेकर लगातार चर्चा जारी है. पिछले दिनों भी कप्तान के बदलाव को लेकर छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक राजनीतिक सरगर्मी जोरों पर रही. आलम यह था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक सहित पार्टी के तमाम पदाधिकारिओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा था. इस दौरान कयास लगाया जा रहा था कि हो ना हो इस बार जरूर प्रदेश का कप्तान बदल जाएगा. लेकिन इस बार भी पिछली बार की तरह ही मामला ठंडा पड़ गया और वर्तमान परिस्थिति में भी प्रदेश की कमान भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के हाथों में रही. लेकिन इस बीच रायपुर से दिल्ली ओर दिल्ली से रायपुर में जो नजारा देखने को मिला. वह अब से पहले शायद छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहले कभी देखने को नहीं मिला. आखिर ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश के तमाम मंत्री, विधायक और नेता दिल्ली की ओर कूच कर गए.
इस विषय पर मनेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल (Congress MLA Vinay Jaiswal) से ईटीवी भारत ने विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि आखिर बिना हाईकमान के बुलावे के तमाम मंत्री, विधायक और नेता क्यों दिल्ली पहुंचे थे. आप भी सुनिए कि उन्होंने रायपुर से दिल्ली और दिल्ली से रायपुर की यात्रा को लेकर क्या कहा.
सवाल: आखिर ऐसी क्या वजह थी कि सभी मंत्री विधायक एक साथ दिल्ली पहुंचे?
जवाब: जब इस तरह की बात आती है तो सभी सोचते हैं कि वे जाकर अपने नेता से मिले और इसी सिलसिले में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से हम मिले और पार्टी के राष्ट्रीय नेता को छत्तीसगढ़ के ढाई साल के विकास को देखने के लिए आमंत्रित किया. सरकार द्वारा प्रदेश में ढाई सालों में किए गए कामों की जानकारी पार्टी के नेताओं को दी गई. हमने पीएल पुनिया ने कहा कि हमारे नेता को लेकर छत्तीसगढ़ आएं इससे यहां विधायक और पार्टी का मनोबल बढ़ेगा.
सवाल: कांग्रेस प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष ने साफ कहा हाईकमान ने किसी भी मंत्री, विधायक को दिल्ली नहीं बुलाया है इसके बावजूद सभी मंत्री और विधायक दिल्ली पहुंचे आखिर ऐसी क्या वजह थी?
जवाब: यह सही है कि पार्टी हाईकमान की तरफ से कोई बुलावा नहीं आया था जो विधायक गए थे. अपनी स्वेच्छा से गए थे जो वर्तमान परिस्थिति में लगातार अस्थिरता की बात आ रही थी. जबकि सरकार अच्छा काम कर रही है. मीडिया के द्वारा बार-बार इस तरह की बातें आती है या विपक्ष के द्वारा यह बातें कही जाती है.
सवाल: आखिर इस मामले में अस्थिरता कौन ला रहा है. बाहर के लोग तो ऐसा कुछ नहीं कह रहे हैं. पार्टी के अंदर के ही दो नेता बार-बार इस तरह के बयान दे रहे हैं.
जवाब: यदि भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव की बात की जाए तो इन दोनों नेताओं ने कभी ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर कोई बयान दिया हो ऐसा मैंने नहीं सुना. अगर बार-बार ऐसी कोई बात आ रही है, तो इसे भी पूछने का अधिकार सभी विधायकों को है.
सवाल: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव (Health Minister TS Singh Deo) ने कहा है कि निर्णय राहुल गांधी के पास सुरक्षित है आखिर यह बात उनके द्वारा क्यों कहीं जा रही है?
जवाब: यह स्वास्थ्य मंत्री का विषय है कि उन्होंने क्या बोला है और कौन सा निर्णय राहुल गांधी के पास सुरक्षित है. इस बारे में वही ज्यादा बेहतर बता सकते हैं. लेकिन जहां तक सरकार की बात है. आज छत्तीसगढ़ का मान सम्मान और गौरव बढ़ा है.
सवाल: आप सभी लोग रायपुर से दिल्ली पहुंचे तो वहां पर किन नेताओं से मुलाकात हुई और किन विषयों पर चर्चा की गई.
जवाब: हम लोगों ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया (State in-charge PL Punia) से मुलाकात की. सब मंत्री, विधायक वहां मौजूद थे. उनके समक्ष हम लोगों ने अपनी बात रखी थी कि हमारे नेता को एक बार छत्तीसगढ़ बुलाया जाए और यह पूरी बातचीत सद्भावना के साथ हुई है, इसमें कोई विरोध की बात या शक्ति प्रदर्शन की बात नहीं थी.
सवाल: क्या इस मुलाकात के दौरान कप्तान बदलने को लेकर चर्चा नहीं हुई?
जवाब: जब ऐसी कोई बात ही नहीं थी तो चर्चा क्यों होती, जो भाजपा के नेता या अस्थिरता की बात आ रही हैं. इस बारे में भी स्पष्ट रूप से प्रभारी पुनिया ने पहले ही कह दिया कि ढाई-ढाई साल का कोई फॉर्मूला नहीं है. छत्तीसगढ़ की सरकार अच्छा काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी.
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सवाल: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को छत्तीसगढ़ बुलाने निमंत्रण दिया गया है क्या?
जवाब: हम लोगों ने मिलकर प्रभारी पीएल पुनिया से निवेदन किया था हमारे नेता वह छत्तीसगढ़ लेकर आये. जिससे हम सबका मनोबल बढ़ेगा.
सवाल: आप सभी मंत्री, विधायक दिल्ली तो अलग-अलग गए थे लेकिन वापसी एक साथ हुई.
जवाब: हमारे मुखिया जब वहां पर थे. हमें उनके साथ आने का सौभाग्य मिला. यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है.
सवाल: क्या माना जाए कि कप्तान बदलने और ढाई ढाई साल के फार्मूले का मामला समाप्त हो गया ?
जवाब: ऐसी कोई बात ही नहीं है. सरकार अच्छा काम कर रही है. भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए इस तरह की अफवाह फैला रही है. श्रीराम के नाम पर भी भाजपा के द्वारा अभी तक रोटी सेकी जाती थी. लेकिन अब वह भी मुद्दा इनके यहां से चला गया है. छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या का मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. भाजपा के पास अब सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए सरकार को अस्थिर करने के लिए इस तरह के बातों को बीजेपी की ओर से उठाया जाता रहा है.
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी (State in-charge D Purandeshwari) ने भी चिंतन शिविर में यह बात कही थी कि हमारे पास सब कुछ होने के बावजूद किसान नेता नहीं है. आखिर उन्हें कैसे लाया जाए. भूपेश बघेल के सामने हम ऐसा कौन सा चेहरा लाए यह चिंता पार्टी भारतीय जनता पार्टी में है.
सवाल: वर्तमान में जो परिस्थिति पार्टी में निर्मित हुई इससे पार्टी की गुटबाजी खुलकर देखने को मिली.
जवाब: अब कांग्रेस में कहीं भी कोई गुटबाजी नहीं है. 70 सीटों के साथ कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में गुटबाजी की क्या जरूरत है. यदि आज हम भारी बहुमत के साथ नहीं होते तो आप भी जानते हैं कि उपर बैठे भाजपा के लोगों ने कर्नाटक, मध्यप्रदेश में पैसे के दम पर जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या की गई है. वहीं परिस्थिति छत्तीसगढ़ में भी भाजपा निर्मित करना चाहती है लेकिन छत्तीसगढ़ मजबूत है.
सवाल: उन लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे, जो बार-बार छत्तीसगढ़ के कप्तान को बदलने की बात कह रहे हैं.
जवाब: प्रदेश में अभी कप्तान बदलने की स्थिति नहीं है. टीम अच्छा काम कर रही है कप्तान बदलने की बात तब आती है. जब टीम अच्छा काम नहीं करती है. आज भूपेश सरकार के नेतृत्व में टीम अच्छा काम कर रही है. ऐसे में कप्तान बदलने की आवश्यकता नहीं है.
बहरहाल विनय जायसवाल की बातों से तो यही लगता है कि ढाई-ढाई साल का मुद्दा और कप्तान बदलने की बात यहीं समाप्त हो गई है. लेकिन राजनीति के जानकार अभी इन बातों से सरोकार नहीं रखते हैं. उनका दावा है कि इस मामले में पिक्चर अभी बाकी है.