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नया भवन बनकर तैयार, अभी तक शिफ्ट नहीं हुआ मेडिकल कॉलेज अस्पताल

रायगढ़ में नया अस्पताल भवन बनकर तैयार हो गया है. लेकिन अब तक यहां जिला चिकित्सालय का स्टाफ शिफ्ट नहीं किया है.

मेडिकल कॉलेज के लिए बना नया भवन
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Published : Nov 8, 2019, 11:58 AM IST

Updated : Nov 8, 2019, 1:12 PM IST

रायगढ़: जिले में मातृ और शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मदर चाइल्ड हॉस्पिटल की प्लानिंग की है. वहीं दूसरे मरीजों के लिए भी मेडिकल कॉलेज बनाया गया है. अस्पताल भवन बनकर तैयार होने के बाद भी जिला चिकित्सालय से मेडिकल कॉलेज अस्पताल को नए भवन में नहीं लाया गया है.

मेडिकल कॉलेज के लिए बना नया भवन

शहर से बाहर 13 करोड़ की बिल्डिंग और 15 करोड़ का सेटअप तैयार किया गया है. लेकिन इतने बड़े सेटअप के बाद भी हास्पिटल की OPD तक मरीज नहीं पहुंच पा रहे हैं. इस हॉस्पिटल में एक साल में केवल 540 मरीजों का ही इलाज हुआ है. इतना ही नहीं मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी कोई कमी दर्ज नहीं की गई है. जबकि मेडिकल स्टाफ के वेतन से लेकर अन्य खर्चों को मिलाकर हर महीने स्वास्थ्य विभाग 15 लाख रुपए हास्पिटल पर खर्च कर रहा है. नया भवन बनने के बावजूद भी जिला चिकित्सालय का स्टाफ अब तक यहां शिफ्ट नहीं हुआ है.

रायगढ़: जिले में मातृ और शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मदर चाइल्ड हॉस्पिटल की प्लानिंग की है. वहीं दूसरे मरीजों के लिए भी मेडिकल कॉलेज बनाया गया है. अस्पताल भवन बनकर तैयार होने के बाद भी जिला चिकित्सालय से मेडिकल कॉलेज अस्पताल को नए भवन में नहीं लाया गया है.

मेडिकल कॉलेज के लिए बना नया भवन

शहर से बाहर 13 करोड़ की बिल्डिंग और 15 करोड़ का सेटअप तैयार किया गया है. लेकिन इतने बड़े सेटअप के बाद भी हास्पिटल की OPD तक मरीज नहीं पहुंच पा रहे हैं. इस हॉस्पिटल में एक साल में केवल 540 मरीजों का ही इलाज हुआ है. इतना ही नहीं मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी कोई कमी दर्ज नहीं की गई है. जबकि मेडिकल स्टाफ के वेतन से लेकर अन्य खर्चों को मिलाकर हर महीने स्वास्थ्य विभाग 15 लाख रुपए हास्पिटल पर खर्च कर रहा है. नया भवन बनने के बावजूद भी जिला चिकित्सालय का स्टाफ अब तक यहां शिफ्ट नहीं हुआ है.

Intro:रायगढ़ जिले में मातृ और शिशु मृत्यु दर के आंकड़े चिंताजनक रहें हैं। जिले में मातृ मृत्यु दर जहां औसतन 180 प्रति दस हजार थी वहीं शिशु मृत्युदर भी 165 प्रति दस हजार दर्ज की गई है। आंकडों को देखते हुए स्वासथ्य विभाग ने मदर चाइल्ड हास्पिटल की प्लानिंग की तथा अन्य मरीजों के लिए भी नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए। अब अस्पताल बन के तैयार होने के बाद भी जिला चिकित्सालय से मेडिकल कॉलेज अस्पताल को नए भवन में नही लेजाया गया है

Byte01 डॉक्टर एसएन केसरी सीएचएमओBody:
शहर से बाहर 13 करोड़ की बिल्डिंग और 15 करोड़ का सेटअप तैयार किया। लेकिन इतने बड़े सेटअप के बाद भी हास्पिटल की ओपीडी तक मरीज नहीं पहुंच पा रहे हैं। जानकर हैरत होगी कि एक साल में 540 मरीजों का ही इलाज इस हास्पिटल में हुआ है। जबकि मेडिकल स्टाफ के वेतन से लेकर अन्य खर्चों को मिलाकर हर महीने स्वास्थ्य विभाग 15 लाख रुपए हास्पिटल पर खर्च कर रहा है। इतना ही नहीं मातृ व शिशु मृत्यु दर में भी कोई कमी दर्ज नही की गई। Conclusion:
Last Updated : Nov 8, 2019, 1:12 PM IST
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