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रायगढ़ की आठों विधानसभा सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा, क्या लोकसभा चुनाव में भी चलेगा 'जादू' ? - जशपुर

रायगढ़ और जशपुर जिले की 8 विधानसभाओं से रायगढ़ लोकसभा सीट मिलकर बनी है. इसमें रायगढ़ जिले के रायगढ़, सारंगढ़, धर्मजयगढ़, लैलूंगा, खरसिया विधानसभा, जशपुर के जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव विधानसभा आते हैं.

लालजीत सिंह राठिया से खास बातचीत
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Published : Mar 17, 2019, 7:27 PM IST

रायगढ़: रायगढ़ लोकसभा सीट इसलिए खास मानी जाती है क्योंकि इस पर रायगढ़ राज परिवार, सारंगढ़ राज परिवार और जशपुर के जूदेव परिवार का खासा दबदबा है. इस बार स्थितियां बदली हुई हैं, आठों विधानसभाओं में कांग्रेस का कब्जा है.
रायगढ़ और जशपुर जिले की 8 विधानसभाओं से रायगढ़ लोकसभा सीट मिलकर बनी है. इसमें रायगढ़ जिले के रायगढ़, सारंगढ़, धर्मजयगढ़, लैलूंगा, खरसिया विधानसभा, जशपुर के जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव विधानसभा आते हैं.

वीडियो.


भाजपा का रहा है दबदबा
⦁ बीते चार लोकसभा चुनाव से रायगढ़ सीट से भाजपा के विषय व्यवसाय सांसद काबिज हैं.
⦁ साल 1999 के लोकसभा चुनाव में विष्णुदेव साय ने कांग्रेस की पुष्पा सिंह को 58 हजार वोट से हराया था.
⦁ साल 2004 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रामपुकार सिंह को बीजेपी ने 57 हजार वोट से हराया था.
⦁ साल 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हृदयराम राठिया को बीजेपी के विष्णुदेव साय ने 75 हजार वोट से हराया.
⦁ साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मंत्री रामपाल सिंह की बेटी कांग्रेस की आरती सिंह को बीजेपी ने 2,19,000 वोट से हराया था.


रायगढ़ लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार लालजीत सिंह राठिया ने टिकट मिलने पर खुशी जाहिर की और अपने शीर्ष नेताओं का धन्यवाद दिया है. बता दें कि राठिया दूसरी बार विधायक बने हैं. वे दूसरी बार ओमप्रकाश राठिया की बहू नीलव राठिया को हराकर विधायक बने.


ऐसा रहा है समीकरण
धरमजयगढ़ विधानसभा में राठिया परिवार के इर्द-गिर्द ही राजनीति धूमती रहती है. साल 2003 और 2008 में लालजीत राठिया के पिता चनेश राठिया कांग्रेस के उम्मीदवार थे, जिनको भाजपा के ओमप्रकाश राठिया ने हराया था.
साल 2013 में कांग्रेस से लालजीत राठिया को टिकट मिला फिर उन्होंने भाजपा के ओमप्रकाश राठिया को हराकर पहली बार विधायक बने थे.


दूसरी बार साल 2018 में भाजपा ने ओमप्रकाश राठिया की बहू लीनव राठिया को टिकट दिया और इस बार भी कांग्रेस ने लालजीत पर भरोसा जताया, जिसमें लालजीत सिंह राठिया ने फिर से जीत हासिल की.


हमसे बातचीत में क्या रहा खास
क्षेत्र में लालजीत सिंह राठिया का खासा नाम है. लोग उनके मिलनसार प्रवृत्ति और सभी से समान व्यवहार के कारण जाने जाते हैं. हमसे बातचीत के दौरान लालजी सिंह ने कहा कि वर्तमान में आठों विधानसभाओं पर कांग्रेस काबिज है, जिसमें से धरमजयगढ़ से वे खुद विधायक थे. अब लोगों में कांग्रेस को लेकर विश्वास है और क्षेत्र में कांग्रेस की लहर है, जिससे उनको लाभ मिलेगा और वह भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगे.


प्राथमिक मुद्दों की बात पर लालजीत सिंह राठिया ने हमसे कहा कि क्षेत्र का विकास जैसे आम जनता चाहेगी. मैं उनकी मुद्दों को केंद्र तक लेकर जाऊंगा.

रायगढ़: रायगढ़ लोकसभा सीट इसलिए खास मानी जाती है क्योंकि इस पर रायगढ़ राज परिवार, सारंगढ़ राज परिवार और जशपुर के जूदेव परिवार का खासा दबदबा है. इस बार स्थितियां बदली हुई हैं, आठों विधानसभाओं में कांग्रेस का कब्जा है.
रायगढ़ और जशपुर जिले की 8 विधानसभाओं से रायगढ़ लोकसभा सीट मिलकर बनी है. इसमें रायगढ़ जिले के रायगढ़, सारंगढ़, धर्मजयगढ़, लैलूंगा, खरसिया विधानसभा, जशपुर के जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव विधानसभा आते हैं.

वीडियो.


भाजपा का रहा है दबदबा
⦁ बीते चार लोकसभा चुनाव से रायगढ़ सीट से भाजपा के विषय व्यवसाय सांसद काबिज हैं.
⦁ साल 1999 के लोकसभा चुनाव में विष्णुदेव साय ने कांग्रेस की पुष्पा सिंह को 58 हजार वोट से हराया था.
⦁ साल 2004 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रामपुकार सिंह को बीजेपी ने 57 हजार वोट से हराया था.
⦁ साल 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हृदयराम राठिया को बीजेपी के विष्णुदेव साय ने 75 हजार वोट से हराया.
⦁ साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मंत्री रामपाल सिंह की बेटी कांग्रेस की आरती सिंह को बीजेपी ने 2,19,000 वोट से हराया था.


रायगढ़ लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार लालजीत सिंह राठिया ने टिकट मिलने पर खुशी जाहिर की और अपने शीर्ष नेताओं का धन्यवाद दिया है. बता दें कि राठिया दूसरी बार विधायक बने हैं. वे दूसरी बार ओमप्रकाश राठिया की बहू नीलव राठिया को हराकर विधायक बने.


ऐसा रहा है समीकरण
धरमजयगढ़ विधानसभा में राठिया परिवार के इर्द-गिर्द ही राजनीति धूमती रहती है. साल 2003 और 2008 में लालजीत राठिया के पिता चनेश राठिया कांग्रेस के उम्मीदवार थे, जिनको भाजपा के ओमप्रकाश राठिया ने हराया था.
साल 2013 में कांग्रेस से लालजीत राठिया को टिकट मिला फिर उन्होंने भाजपा के ओमप्रकाश राठिया को हराकर पहली बार विधायक बने थे.


दूसरी बार साल 2018 में भाजपा ने ओमप्रकाश राठिया की बहू लीनव राठिया को टिकट दिया और इस बार भी कांग्रेस ने लालजीत पर भरोसा जताया, जिसमें लालजीत सिंह राठिया ने फिर से जीत हासिल की.


हमसे बातचीत में क्या रहा खास
क्षेत्र में लालजीत सिंह राठिया का खासा नाम है. लोग उनके मिलनसार प्रवृत्ति और सभी से समान व्यवहार के कारण जाने जाते हैं. हमसे बातचीत के दौरान लालजी सिंह ने कहा कि वर्तमान में आठों विधानसभाओं पर कांग्रेस काबिज है, जिसमें से धरमजयगढ़ से वे खुद विधायक थे. अब लोगों में कांग्रेस को लेकर विश्वास है और क्षेत्र में कांग्रेस की लहर है, जिससे उनको लाभ मिलेगा और वह भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगे.


प्राथमिक मुद्दों की बात पर लालजीत सिंह राठिया ने हमसे कहा कि क्षेत्र का विकास जैसे आम जनता चाहेगी. मैं उनकी मुद्दों को केंद्र तक लेकर जाऊंगा.

Intro: रायगढ़ लोकसभा
रायगढ़ और जशपुर जिले के 8 विधानसभाओं से मिलकर बना है रायगढ़ लोकसभा सीट.
रायगढ़ जिले के रायगढ़, सारंगढ़, धर्मजयगढ़, लैलूंगा, खरसिया विधानसभा
जशपुर के जशपुर,कुनकुरी, पत्थलगांव, विधानसभा

रायगढ़ लोकसभा सीट इसलिए खास माना जाता है क्योंकि इसमें रायगढ़ राज परिवार सारंगढ़ राज परिवार और जशपुर के जूदेव परिवार का खासा दबदबा माना जाता है. इस बार आठों विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा है.

विगत चारों लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा की विषय व्यवसाय सांसद काबीज है

1999 से विष्णु देव साय ने कांग्रेस के पुष्पा सिंह को 58000 वोट से हराया था।
2004 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राम पुकार सिंह को 57 हजार वोट से हराया।
2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हृदय राम राठिया को विष्णुदेव साय ने 75 हजार वोट से हराया।
2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मंत्री रामपाल सिंह की बेटी कांग्रेस की आरती सिंह को 2 लाख 19 हजार वोट से हराया था।


Body:रायगढ़ लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार लालजीत सिंह राठिया ने टिकट मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेताओं ने उनपर भरोसा जताते हुए रायगढ़ लोकसभा से टिकट दिया है। इसके लिए वह धन्यवाद देतेहैं। बता दें की लालजीत सिंह राठिया दूसरी बार विधायक बने हैं। 2013 में दो बार विधायक रह चुके ओमप्रकाश राठिया कोहरा कितनी बार विधायक बने और दूसरी बार उनकी बहू नीलव राठिया को हराकर विधायक बने।

धरमजयगढ़ विधानसभा मे राठिया परिवार के इर्द-गिर्द ही राजनीति होती रहती है। 2003 और 2008 में लालजीत राठिया के पिता चनेशराठिया कांग्रेस के उम्मीदवार थे जिनको भाजपा के ओमप्रकाश राठिया ने हराया था। जिसके बाद 2013 में कांग्रेस से लालजीतराठिया को टिकट मिला फिर उन्होंने भाजपा के ओमप्रकाश राठिया को हराकर जीत हासिल किया। तो फिर पहली बार विधायक बने दूसरी बार 2018 में भाजपा ने ओमप्रकाश राठिया की बहू लीनव राठिया को टिकट दिया और इस बार भी कांग्रेस ने लालजीत पर भरोसा जताया जिसमें लालजीत सिंह राठिया ने पुनः जीत हासिल की।

क्षेत्र में लालजीत सिंह राठिया का खासा नाम है लोग उनके मिलनसार प्रवृत्ति और सभी से समान व्यवहार के कारण जाने जाते हैं। एक तरफ भाजपा के सांसद विष्णुदेव साय का नाम है।


Conclusion:हमसे बातचीत के दौरान लालजी सिंह ने कहां की वर्तमान आठों विधानसभा में कांग्रेस काबीज है जिसमें से धरमजयगढ़ के विधायक वह खुद थे अब लोगों में कांग्रेस को लेकर विश्वास है और क्षेत्र में कांग्रेस की लहर है जिससे उनको लाभ मिलेगा और वह भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगे।

जीतने के बाद प्राथमिक मुद्दों की बात पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र का विकास और जैसे आम जनता चाहेगी मैं उनकी मुद्दों को केंद्र तक लेकर जाऊंगा।
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