रायगढ़: प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ की वजह से ठंड में जिलेवासियों को ज्यादा परेशानी हो रही है. लोगों के घरों के छत, कपड़े और फूल-पौधों पर काली परत जम जा रही है. उद्योगों की चिमनी से निकलने वाले धुएं से ही यह काली परत बन रही है. ऐसे में लोग सांस संबंधी गंभीर बीमारियों के साथ-साथ त्वचा रोग से ग्रसित हो रहे हैं. ETV भारत ने इस समस्या को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित की. जिसके बाद पर्यावरण विभाग ने इसपर संज्ञान लिया है. अधिकारियों ने कहा कि प्रदूषण की जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.
क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्र से लगे दर्जनों उद्योग है. जहां चिमनी से निकलने वाले धुएं से रायगढ़ शहर प्रदूषित हो सकता है, लेकिन उनके नियंत्रण के लिए यंत्र लगाए गए हैं. जिसकी लगातार मॉनिटरिंग होती है. ठंड के दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है और लोगों की छतों पर काली राख की समस्याएं आ रही है. इसके नियंत्रण और उद्योग प्रबंधन के खिलाफ जांच के लिए टीम गठित की जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. वर्तमान में शहरी क्षेत्र में ज्यादातर उद्योगों के चिमनी का धुआं ठंड के साथ नमी की वजह से वापस जमीन पर गिर रहा है. जिससे लोगों को समस्या हो रही है.
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खराब सड़कें और कोयले से भरी गाड़ियां भी जिम्मेदार
उद्योगों को चलाने के लिए ईंधन के तौर पर कोयला का उपयोग किया जाता है और जब इन कोयले को शहर से होते हुए सड़कों से गुजारा जाता है. तब खराब सड़कों की वजह से कोयले भी गिर जाते हैं. जो धूल में मिलकर प्रदूषण का कारण बनते हैं. प्रदूषण में खराब सड़कों का भी योगदान रहा है, यहीं वजह है कि शहर के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए खराब सड़कों के मरम्मत और ओवरलोड गाड़ियों को रोकने की जरूरत है.