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आपके सांसद: इस सांसद को उस गांव के लोगों ने देखा तक नहीं, जिस गांव को उन्होंने गोद लिया था

केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ जिले भकुर्रा गांव को गोद लिया था. जब गांव को गोद लिया गया था, उस वक्त टीवी और स्थानीय अखबारों में जमकर इसका प्रचार-प्रसार किया गया था, लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि, गांव गोद लेने के बाद उनके सांसद कभी गांव में दिखे ही नहीं.

सांसद आदर्श ग्राम भकुर्रा
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Published : Apr 1, 2019, 9:01 PM IST

Updated : Apr 2, 2019, 12:00 AM IST

लोगों ने अपने सांसद को देखा तक नहीं
रायगढ़: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में सांसदों को अपने क्षेत्र के कम से कम एक गांव को पूरी तरह विकसित करना था. इसी के तहत केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ जिले भकुर्रा गांव को गोद लिया था. इस गांव में 700 के करीब लोग रहते हैं. जब गांव को गोद लिया गया था, उस वक्त टीवी और स्थानीय अखबारों में जमकर इसका प्रचार-प्रसार किया गया था. सांसदों को गोद लिए गांव को 2016 तक विकसित करना था, लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि, गांव गोद लेने के बाद उनके सांसद कभी गांव में दिखे ही नहीं.

केंद्रीय मंत्री और रायगढ़ सांसद के गोद लिए गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. एक गांव को आदर्श बनाने के लिए गांव में जनभागीदारी से विकास उसके लिए सांसद निधि से राशि का प्रावधान, अंत्योदय योजना का ठीक से क्रियान्वयन, महिलाओं का सम्मान जैसी कुछ मूलभूत जरूरतें होती है. जब ईटीवी भारत की टीम गांव पहुंची तो दिखा, गांव में उच्च शिक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गांव में एक भी अस्पताल नहीं है. पीने के पानी के लिए हैंडपंप तो हैं, लेकिन पानी कभी-कभी ही आता है. प्राथमिक स्कूल है, जिसकी बाउंड्री बांस की बल्लियों से बंधी हुई है. स्कूल के ऊपर से ही बिजली के जर्जर तार गुजर रहे हैं. बरसात में प्राथमिक स्कूल में दीवारों में करंट आ जाता है, इसके कारण परिजन बच्चों को स्कूल नहीं भेजते. गांव में एक पंचायत भवन भी है जो जर्जर हो चुका है. सांसद ने स्कूल, अस्पताल के लिए तो कुछ नहीं किया, हां पंचायत भवन की बाहर से मरम्मत जरूर करा दी गई है.

ग्रामीणों की शिकायत सिर्फ बुनियादी सुविधाओं तक नहीं है. उनका कहना है कि, मनरेगा के तहत गांव में एक तालाब के गहरीकरण के साथ डबरी खुदवाने का काम उनसे कराया गया था, लेकिन साल बीत गए आज तक उनके मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. सांसद तो गांव आते नहीं हैं और जब वे लोग खुद अपनी समस्या को लेकर उनके पास जाते हैं, तो आश्वासन के सिवा और कुछ नहीं मिलता है. गांव की ज्यादातर आबादी अपने सांसद को पहचानती भी नहीं है. पहचानेगी भी कैसे उनके सांसद तो सिर्फ सरस्वती पूजा में हवन करने आते हैं. बाकी दिन तो उनका दिल्ली में गुजरता है.

लोगों ने अपने सांसद को देखा तक नहीं
रायगढ़: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में सांसदों को अपने क्षेत्र के कम से कम एक गांव को पूरी तरह विकसित करना था. इसी के तहत केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ जिले भकुर्रा गांव को गोद लिया था. इस गांव में 700 के करीब लोग रहते हैं. जब गांव को गोद लिया गया था, उस वक्त टीवी और स्थानीय अखबारों में जमकर इसका प्रचार-प्रसार किया गया था. सांसदों को गोद लिए गांव को 2016 तक विकसित करना था, लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि, गांव गोद लेने के बाद उनके सांसद कभी गांव में दिखे ही नहीं.

केंद्रीय मंत्री और रायगढ़ सांसद के गोद लिए गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. एक गांव को आदर्श बनाने के लिए गांव में जनभागीदारी से विकास उसके लिए सांसद निधि से राशि का प्रावधान, अंत्योदय योजना का ठीक से क्रियान्वयन, महिलाओं का सम्मान जैसी कुछ मूलभूत जरूरतें होती है. जब ईटीवी भारत की टीम गांव पहुंची तो दिखा, गांव में उच्च शिक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गांव में एक भी अस्पताल नहीं है. पीने के पानी के लिए हैंडपंप तो हैं, लेकिन पानी कभी-कभी ही आता है. प्राथमिक स्कूल है, जिसकी बाउंड्री बांस की बल्लियों से बंधी हुई है. स्कूल के ऊपर से ही बिजली के जर्जर तार गुजर रहे हैं. बरसात में प्राथमिक स्कूल में दीवारों में करंट आ जाता है, इसके कारण परिजन बच्चों को स्कूल नहीं भेजते. गांव में एक पंचायत भवन भी है जो जर्जर हो चुका है. सांसद ने स्कूल, अस्पताल के लिए तो कुछ नहीं किया, हां पंचायत भवन की बाहर से मरम्मत जरूर करा दी गई है.

ग्रामीणों की शिकायत सिर्फ बुनियादी सुविधाओं तक नहीं है. उनका कहना है कि, मनरेगा के तहत गांव में एक तालाब के गहरीकरण के साथ डबरी खुदवाने का काम उनसे कराया गया था, लेकिन साल बीत गए आज तक उनके मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. सांसद तो गांव आते नहीं हैं और जब वे लोग खुद अपनी समस्या को लेकर उनके पास जाते हैं, तो आश्वासन के सिवा और कुछ नहीं मिलता है. गांव की ज्यादातर आबादी अपने सांसद को पहचानती भी नहीं है. पहचानेगी भी कैसे उनके सांसद तो सिर्फ सरस्वती पूजा में हवन करने आते हैं. बाकी दिन तो उनका दिल्ली में गुजरता है.

Intro:रायगढ़ लोकसभा आदिवासी बहुल क्षेत्र है इसमें। 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें से पांच विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।

लगातार 1999 से 2014 तक लोकसभा चुनाव में रायगढ़ क्षेत्र में बीजेपी का ही कब्जा रहा भाजपा के विष्णुदेव साय लगातार चार बार बीजेपी से जीतते रहें है।

2014 के चुनाव में रायगढ़ लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी विष्णु देव साय को 6 लाख 62 हजार 478 वोट मिले थे जो की कुल वोट प्रतिशत का लगभग 54% था। वहीं कांग्रेस के आरती सिंह को 4 लाख 45 हजार 728 वोट मिले थे जो कि कुल वोट का लगभग 36% था।


Body:. रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद विष्णुदेव साय से क्षेत्र की जनता खासा नाराज चल रही है दरअसल इसके पीछे एक खास कारण यह है कि विष्णुदेव साय अपने सांसद निधि के 25 करोड़ में से 22 करोड़ 43 लाख की रकम खर्च हो चुकी है जबकि क्षेत्र की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इन पांच सालों में ना ही कोई बड़ा प्रोजेक्ट आया, नहीं बेरोजगारी कम हुई, ना ही शिक्षा की दसा सुधरी और ना ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खुले और न ही मौजूदा अस्पताल में डॉक्टर पहुंचे।

जब हमने विष्णुदेव साय के 5 साल के कार्यकाल को लेकर क्षेत्र की जनता के पास गए तब जनता ने 1 शब्दों में साय को नकार दिया।

रायगढ़ के महिलाओं का कहना है कि उज्जवला योजना के तहत उनको गैस सिलेंडर नहीं मिला। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला। जिन महिलाओं के नाम उज्जवला योजना के तहत और प्रधानमंत्री आवास में नाम थे काम करने बाहर गए तब उनका नाम भी काट दिया गया। शिकायत करने के लिए नेता जी से मुलाकात करना चाहे तो नेताजी को कभी क्षेत्र में देखे ही नहीं।


ग्रामीण अंचल के लोगों का कहना है कि शिक्षा स्वास्थ्य के लिए कोई सुविधाएं नहीं दी गई केंद्रीय राज्य मंत्री होने के बावजूद भी रायगढ़ जैसे औद्योगिक जिले में युवा बेरोजगार भटक रहे हैं।


Conclusion: जशपुर जिले के छोटे से गांव में पैदा हुए विष्णु देव साय लगातार 4 बार सांसद रहे लेकिन रायगढ़ से जशपुर रेल लाइन नहीं बिछा पाए। जबकि 2014 से 19 तक केंद्र में और लगातार 15 साल तक राज्य में भाजपा की सरकार रही। केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय अपने 2014 से 19 तक के कार्यकाल में लोगों के भरोसे पर फेल साबित हुए। रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र में ना ही केंद्र की योजनाओं का और ना ही राज्य सरकार की योजनाओं का उनके क्षेत्र में कोई खासा क्रियान्वयन हुआ।
Last Updated : Apr 2, 2019, 12:00 AM IST
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