रायगढ़: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. बारिश और ओलावृष्टि के कारण आम, धनिया और गेहूं की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है, जिससे किसानों में चिंता दिख रही है. साल 2019-20 में धान खरीदी के लिए 81 हजार 673 पुराने किसानों का पंजीयन रिन्यू कराया गया, तो वहीं तीन हजार 22 किसानों का नया पंजीयन हुआ है. अब इन किसानों को बर्बादी का मुंह देखना पड़ रहा है.
बता दें कि रवि फसल के धान और गेहूं के खेतों को बारिश ने प्रभावित किया है. किसान बताते हैं कि जिले में इस समय आम के फल भी काफी अच्छे से लगे हुए थे, लेकिन ओला गिरने से वो भी खराब हो गए. सभी का कहना है कि शासन को मदद करना चाहिए और जो फसल खराब हुई है, उसका बीमा के तहत मुआवजा मिलना चाहिए. वहीं अगर गेहूं और धान के साथ धनिया की फसल की बात करें, तो बारिश और ओला ने तहस-नहस कर दिया है. वैसे जिले के कई जगहों पर स्थिति सामान्य है, लेकिन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि किसानों की समस्या बढ़ा सकता है.
ओलावृष्टि से फसल हुई बर्बाद
किसानों का मानना है कि इस बार 25 से 30 प्रतिशत फसल खराब हुई है. अभी आम और धान पके नहीं हैं. इस वजह से नुकसान कम हुआ है, लेकिन गेहूं की फसल पक कर तैयार थी. इस वजह से 40 से 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है. ETV भारत ने छोटे और बड़े किसान से बातचीत की, तो लगभग सभी ने फसल बर्बाद होने का कारण ओलावृष्टि को बताया.
फसल हो गई बर्बाद
धान की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि बारिश की वजह से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है, अगर फिर से बारिश नहीं होती है, तो 30 से 40 प्रतिशत नुकसान होगा. किसानों ने कहा कि अगर फिर बारिश होती है, तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी. इसके अलावा धनिया उगाने वाले किसान बताते हैं कि अभी बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में फसल खराब होगी तो जो पूंजी और मेहनत लगाई है, वो भी उन्हें नसीब नहीं होगा.