रायगढ़: जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजात शिशु बदलने का मामला सामने आया है. परिजनों ने अस्पताल पर नवजात को बदलने का आरोप लगाया है, साथ ही ये भी कहा कि जन्म के समय बच्चा स्वस्थ था, लेकिन बाद में डॉक्टरों ने ये कह दिया कि उसकी आंखें नहीं हैं. परिवारवाले इस बात से परेशान हैं और उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल मनमानी कर रहा है.
परिजनों ने लगाया बच्चा बदलने का आरोप
बरमकेला स्वास्थ्य केंद्र में पीड़ित विनय पटेल की पत्नी को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था. जहां उसके जुड़वा बच्चे हुए थे, लेकिन जन्म के बाद ही एक बच्चे की मृत्यु हो गई और दूसरे बच्चे की हालत भी ठीक नहीं थी. जिसके बाद परिजनों ने नवजात को रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. मेडिकल कॉलेज में बच्चे को ICU में रखा गया जहां उसका इलाज भी होता रहा. परिजनों के मुताबिक बच्चे के ठीक होने के बाद डिस्चार्ज करने के दौरान डॉक्टरों ने बच्चे की आंख नहीं होने की बात कही.
'डॉक्टर मांग रहे आंख होने का सबूत'
परिजनों का आरोप है कि उनका बच्चा बदल दिया गया है. बच्चे के पिता विनय पटेल का कहना है कि जब गांव के स्वास्थ्य केंद्र से रायगढ़ मेडिकल कॉलेज लाया गया था उस समय बच्चे के सभी अंग सही थे, लेकिन अब उसकी आंखें खराब होने की बात कही जा रही है. नवजात के पिता का कहना है कि अस्पताल के डॉक्टर उनसे सबूत मांग रहे हैं. जिस पर बच्चे के पिता का कहना है कि उनके पास नवजात बच्चे की तस्वीर भी है. फिलहाल परिजनों का बुरा हाल है. वहीं जिम्मेदार इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.