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चुनौतियों, संघर्ष और उपलब्धियों भरा रहा पहला साल: रायगढ़ महापौर

शहर सरकार के 1 साल पूरे होने पर ETV भारत ने रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने साल भर के संघर्ष, उपलब्धि और चुनौतियों को लेकर विस्तृत चर्चा की.

raigarh mayor amrit katju
रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू
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Published : Jan 6, 2021, 2:29 PM IST

Updated : Jan 6, 2021, 4:22 PM IST

रायगढ़: नगर निगम में शहर सरकार बने एक साल पूरे हो चुके हैं. 6 जनवरी 2020 को जानकी अमृत काटजू ने 48 वार्ड वाले रायगढ़ नगर निगम महापौर पद की शपथ ली थी. वे निगम की पहली महिला महापौर बनीं. शहर सरकार के 1 साल पूरे होने पर ETV भारत ने महापौर जानकी अमृत काटजू से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने साल भर के संघर्ष, उपलब्धि और चुनौतियों को लेकर विस्तृत चर्चा की.

रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू से खास बातचीत

एक गृहिणी के लिए शहर के सबसे बड़े पद की जिम्मेदारी रही चुनौतीपूर्ण

जानकी अमृत काटजू बताती हैं कि वे एक संयुक्त परिवार में रहती हैं. वे इससे पहले पार्षद रहीं लेकिन विपक्ष में होने के नाते उन्हें कोई विशेष कार्यक्रम और सभाओं में जाने का मौका नहीं मिलता था. महापौर बनने के बाद उनकी जिंदगी में एक बड़ी जिम्मेदारी आ गई और वे अब इसे बखूबी निभा रही हैं. शुरुआत में थोड़ी समस्या आई थी. वे कहती हैं कि पक्ष और विपक्ष सभी से उनको सहयोग और प्यार मिल रहा है. इसीलिए वह बेहतर कार्य कर पा रही हैं.

पढ़ें: SPECIAL: छत्तीसगढ़ सरकार के 2 साल: धान, किसान, छत्तीसगढ़िया अस्मिता पर रहा फोकस

कोरोना काल में बढ़ गई थी जिम्मेदारी

जानकी अमृत काटजू बताती हैं कि कोरोना काल में उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई थी. लॉकडाउन की वजह से सभी क्षेत्र प्रभावित हुए थे. सब कुछ ठप पड़ गया था. ऐसे में उनके ऊपर पूरे शहर की जिम्मेदारी थी. कहीं कोई भूखा न रहे इसके लिए वे खुद सड़कों पर निकल कर जायजा लेती थी. अधिकारी-कर्मचारियों से लगातार फोन के माध्यम से या ऑफिस बुला करके हिदायतें देती थी. साथ ही हर मोहल्ले में हर घर तक राशन पहुंचाने, दवाओं के सही वितरण, साफ सफाई का जमीनी स्तर पर उतर कर काम करती थीं.

काटजू बताती हैं कि घरेलू जीवन में वे कभी घर से बाहर पैदल नहीं चलती थी. उन्होंने कोरोना में 48 वार्डों में पैदल घूमकर वार्डों का निरीक्षण किया और लोगों से उनकी समस्याएं सुनी. जो मौके पर समाधान योग्य थे, उनका मौके पर ही निर्णय करके लोगों का दिल भी जीता. स्वास्थ्य विभाग को सैनिटाइजर, मास्क बांटने के लिए महापौर निधि और अन्य कई फंड से आर्थिक मदद दिलाया गया. इसका नतीजा रहा कि रायगढ़ कोरोना काल में भी सुरक्षित रहा. लोग बीमार तो पड़े लेकिन व्यक्तिगत क्षति काफी कम हुई है.

साल भर के कार्यकाल में हुए कई विकास कार्य

महापौर जानकी अमृत काटजू काटजू बताती हैं कि साल भर के कार्यकाल में केवल एक महीने का समय सामान्य रहा. उसके बाद से लगातार कोरोना का कहर जारी रहा. फिर भी लगातार विकास कार्य किए गए. इसमें लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए अमृत मिशन, शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना, ड्रेनेज सिस्टम को संतुलित रखना कर वसूली, सड़कों के मरम्मत जैसे कई महत्वपूर्ण काम रहे जो महज साल भर के कार्यकाल में पूर्ण हुए. इसके अलावा कई ऐसे काम हैं जो अभी भी चल रहे हैं. कुछ महीनों के अंदर उसे भी पूरा कर लिया जाएगा. इस दौरान स्थानीय विधायक और नगरी प्रशासन से भी सहयोग मिला. इसलिए यह विकास कार्य हो पाया.

पढ़ें: ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर सिंहदेव के बयान ने चौंकाया, 'किसी का कार्यकाल तय नहीं, हाईकमान लेता है फैसला'

शेष 4 वर्षों में इन कार्यों पर रहेगा फोकस

बचे 4 साल के कार्यकाल को लेकर काटजू ने कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिए सर्व सुविधा युक्त हॉस्टल और असहाय लोगों के लिए भवन और शहर की सड़कों को व्यवस्थित करना उनके लिए महत्वपूर्ण काम बचा हुआ है. लगभग 50 करोड़ के विकास कार्य अभी करने बाकी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री, रायगढ़ विधायक से लगातार नए काम और फंड लाते रहेंगे. ताकि रायगढ़ शहर का विकास हो सके और लोगों को सुंदर सुरक्षित सुघ्घर रायगढ़ मिले.

रायगढ़: नगर निगम में शहर सरकार बने एक साल पूरे हो चुके हैं. 6 जनवरी 2020 को जानकी अमृत काटजू ने 48 वार्ड वाले रायगढ़ नगर निगम महापौर पद की शपथ ली थी. वे निगम की पहली महिला महापौर बनीं. शहर सरकार के 1 साल पूरे होने पर ETV भारत ने महापौर जानकी अमृत काटजू से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने साल भर के संघर्ष, उपलब्धि और चुनौतियों को लेकर विस्तृत चर्चा की.

रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू से खास बातचीत

एक गृहिणी के लिए शहर के सबसे बड़े पद की जिम्मेदारी रही चुनौतीपूर्ण

जानकी अमृत काटजू बताती हैं कि वे एक संयुक्त परिवार में रहती हैं. वे इससे पहले पार्षद रहीं लेकिन विपक्ष में होने के नाते उन्हें कोई विशेष कार्यक्रम और सभाओं में जाने का मौका नहीं मिलता था. महापौर बनने के बाद उनकी जिंदगी में एक बड़ी जिम्मेदारी आ गई और वे अब इसे बखूबी निभा रही हैं. शुरुआत में थोड़ी समस्या आई थी. वे कहती हैं कि पक्ष और विपक्ष सभी से उनको सहयोग और प्यार मिल रहा है. इसीलिए वह बेहतर कार्य कर पा रही हैं.

पढ़ें: SPECIAL: छत्तीसगढ़ सरकार के 2 साल: धान, किसान, छत्तीसगढ़िया अस्मिता पर रहा फोकस

कोरोना काल में बढ़ गई थी जिम्मेदारी

जानकी अमृत काटजू बताती हैं कि कोरोना काल में उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई थी. लॉकडाउन की वजह से सभी क्षेत्र प्रभावित हुए थे. सब कुछ ठप पड़ गया था. ऐसे में उनके ऊपर पूरे शहर की जिम्मेदारी थी. कहीं कोई भूखा न रहे इसके लिए वे खुद सड़कों पर निकल कर जायजा लेती थी. अधिकारी-कर्मचारियों से लगातार फोन के माध्यम से या ऑफिस बुला करके हिदायतें देती थी. साथ ही हर मोहल्ले में हर घर तक राशन पहुंचाने, दवाओं के सही वितरण, साफ सफाई का जमीनी स्तर पर उतर कर काम करती थीं.

काटजू बताती हैं कि घरेलू जीवन में वे कभी घर से बाहर पैदल नहीं चलती थी. उन्होंने कोरोना में 48 वार्डों में पैदल घूमकर वार्डों का निरीक्षण किया और लोगों से उनकी समस्याएं सुनी. जो मौके पर समाधान योग्य थे, उनका मौके पर ही निर्णय करके लोगों का दिल भी जीता. स्वास्थ्य विभाग को सैनिटाइजर, मास्क बांटने के लिए महापौर निधि और अन्य कई फंड से आर्थिक मदद दिलाया गया. इसका नतीजा रहा कि रायगढ़ कोरोना काल में भी सुरक्षित रहा. लोग बीमार तो पड़े लेकिन व्यक्तिगत क्षति काफी कम हुई है.

साल भर के कार्यकाल में हुए कई विकास कार्य

महापौर जानकी अमृत काटजू काटजू बताती हैं कि साल भर के कार्यकाल में केवल एक महीने का समय सामान्य रहा. उसके बाद से लगातार कोरोना का कहर जारी रहा. फिर भी लगातार विकास कार्य किए गए. इसमें लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए अमृत मिशन, शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना, ड्रेनेज सिस्टम को संतुलित रखना कर वसूली, सड़कों के मरम्मत जैसे कई महत्वपूर्ण काम रहे जो महज साल भर के कार्यकाल में पूर्ण हुए. इसके अलावा कई ऐसे काम हैं जो अभी भी चल रहे हैं. कुछ महीनों के अंदर उसे भी पूरा कर लिया जाएगा. इस दौरान स्थानीय विधायक और नगरी प्रशासन से भी सहयोग मिला. इसलिए यह विकास कार्य हो पाया.

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शेष 4 वर्षों में इन कार्यों पर रहेगा फोकस

बचे 4 साल के कार्यकाल को लेकर काटजू ने कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिए सर्व सुविधा युक्त हॉस्टल और असहाय लोगों के लिए भवन और शहर की सड़कों को व्यवस्थित करना उनके लिए महत्वपूर्ण काम बचा हुआ है. लगभग 50 करोड़ के विकास कार्य अभी करने बाकी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री, रायगढ़ विधायक से लगातार नए काम और फंड लाते रहेंगे. ताकि रायगढ़ शहर का विकास हो सके और लोगों को सुंदर सुरक्षित सुघ्घर रायगढ़ मिले.

Last Updated : Jan 6, 2021, 4:22 PM IST
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