ETV Bharat / state

संकट में सरोवर: प्रशासन की अनदेखी, भगवान भरोसे रायगढ़ के तालाब - Water crisis raigarh

रायगढ़ में तालाबों के पास अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, साथ ही लगातार गंदगी का आलम है. जिस पर शासन-प्रशासन आंखे मूंदे हुए है. संकट में सरोवर के तहत हम रायगढ़ के तालाबों का जायजा ले रहे हैं और जिम्मेदारों से इस संबंध में बात कर रहे हैं. शहर के छोटे-बड़े लगभग 2 दर्जन से ज्यादा तालाब उपयोग के लायक नहीं बचे है.

spread-of-dirt-in-ponds-of-raigarh
भगवान भरोसे रायगढ़ के तालाब
author img

By

Published : May 25, 2020, 9:07 PM IST

रायगढ़: जिले के तालाबों की स्थिति बेहद खराब है. प्रशासन की अनदेखी और लोगों का तलाबों के प्रति खत्म होते मोह ने तलाबों की स्थिति को दयनीय बना दिया है. तालाबों में अवैध अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. लोगों की अनदेखी की वजह से जो तालाब बचे हैं वह भी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. शहर में छोटे-बड़े लगभग 2 दर्जन से भी ज्यादा तालाब हैं. लेकिन इनमें से अधिकतर तलाब आज उपयोग के लायक नहीं बचे हैं.

भगवान भरोसे रायगढ़ के तालाब

कुछ साल पहले इन तलाबों का इस्तेमाल पीने के पानी, नहाने सहित दूसरे कामों के लिए किया जाता था. लेकिन आज इन तालाबों की स्थिति बद से बदतर हो गई है. अब इन तालाबों का इस्तेमाल बहुत कम लोग ही करते हैं. इनका इस्तेमाल न के बराबर हो चुका है.

तालाबों के गंदे पानी से आती है बदबू

छोटी-छोटी नालियां मुख्य नालों में आकर मिलती है. जिसका डिस्पोजल तालाब या नदी में किया जाता है. इतना ही नहीं कई घरों के गंदे पानी और छोटे नालियों का डिस्पोजल सीधे तालाबों में किया जा रहा है. जिससे पूरा तालाब बर्बाद हो गया है. तालाब की स्थिति यह है कि इसके पानी से दूर से ही बदबू आती है.

ऐतिहासिक तलाब की अनदेखी
शहर में कई ऐसे तालाब हैं जिनकी ऐतिहासिक मान्यता है. लेकिन प्रशासन की अनदेखी की वजह से यह अपने अस्तित्व को खो रहे हैं. इन तालाबों में गणेश तालाब, भुज बंधान तलाब और बाघ तलाब शामिल हैं. सभी तालाबों की अपनी अलग-अलग मान्यता है. बाघ तलाब के नाम पर मान्यता है कि यहां रायगढ़ के राजा बाघ,शेर यहां पाला करते थे. उनके पानी पीने का यहां इंतजाम होता था. तलाब के पास ही बने भवनों में बाघों को रखा जाता था. लेकिन आज यह ऐतिहासिक बाघ तालाब बर्बादी की कगार पर है. लगातार इस पर अतिक्रमण चल रहा है. शहर के लोगों की माने तो इस तलाब के बहुत बड़े इलाके पर कब्जा किया जा चुका है. बता दें इस तालाब के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में मामला लंबित है.

प्रशासन से उम्मीद

तलाबों के हलातों पर जनप्रतिनिधियों का कहना है, कि इस साल कोरोना महामारी ने रोड़ा लगाया है. प्रशासन और शासन से जल्द बात करके इस पर काम शुरू किए जाने की बात कही जा रही है. लेकिन इन तलाबों की यह स्थिति कई सालों से ऐसी है और शासन-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

रायगढ़: जिले के तालाबों की स्थिति बेहद खराब है. प्रशासन की अनदेखी और लोगों का तलाबों के प्रति खत्म होते मोह ने तलाबों की स्थिति को दयनीय बना दिया है. तालाबों में अवैध अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. लोगों की अनदेखी की वजह से जो तालाब बचे हैं वह भी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. शहर में छोटे-बड़े लगभग 2 दर्जन से भी ज्यादा तालाब हैं. लेकिन इनमें से अधिकतर तलाब आज उपयोग के लायक नहीं बचे हैं.

भगवान भरोसे रायगढ़ के तालाब

कुछ साल पहले इन तलाबों का इस्तेमाल पीने के पानी, नहाने सहित दूसरे कामों के लिए किया जाता था. लेकिन आज इन तालाबों की स्थिति बद से बदतर हो गई है. अब इन तालाबों का इस्तेमाल बहुत कम लोग ही करते हैं. इनका इस्तेमाल न के बराबर हो चुका है.

तालाबों के गंदे पानी से आती है बदबू

छोटी-छोटी नालियां मुख्य नालों में आकर मिलती है. जिसका डिस्पोजल तालाब या नदी में किया जाता है. इतना ही नहीं कई घरों के गंदे पानी और छोटे नालियों का डिस्पोजल सीधे तालाबों में किया जा रहा है. जिससे पूरा तालाब बर्बाद हो गया है. तालाब की स्थिति यह है कि इसके पानी से दूर से ही बदबू आती है.

ऐतिहासिक तलाब की अनदेखी
शहर में कई ऐसे तालाब हैं जिनकी ऐतिहासिक मान्यता है. लेकिन प्रशासन की अनदेखी की वजह से यह अपने अस्तित्व को खो रहे हैं. इन तालाबों में गणेश तालाब, भुज बंधान तलाब और बाघ तलाब शामिल हैं. सभी तालाबों की अपनी अलग-अलग मान्यता है. बाघ तलाब के नाम पर मान्यता है कि यहां रायगढ़ के राजा बाघ,शेर यहां पाला करते थे. उनके पानी पीने का यहां इंतजाम होता था. तलाब के पास ही बने भवनों में बाघों को रखा जाता था. लेकिन आज यह ऐतिहासिक बाघ तालाब बर्बादी की कगार पर है. लगातार इस पर अतिक्रमण चल रहा है. शहर के लोगों की माने तो इस तलाब के बहुत बड़े इलाके पर कब्जा किया जा चुका है. बता दें इस तालाब के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में मामला लंबित है.

प्रशासन से उम्मीद

तलाबों के हलातों पर जनप्रतिनिधियों का कहना है, कि इस साल कोरोना महामारी ने रोड़ा लगाया है. प्रशासन और शासन से जल्द बात करके इस पर काम शुरू किए जाने की बात कही जा रही है. लेकिन इन तलाबों की यह स्थिति कई सालों से ऐसी है और शासन-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.