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SPECIAL: कोरोना ने फीकी की दिवाली की रौनक, पटाखा बाजारों में नहीं पहुंच रहे खरीदार

कोरोना वायरस ने हर व्यवसाय को प्रभावित किया है. दिवाली से जुड़े कई व्यापार इस साल बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. कोरोना और राज्य सरकार के आदेश के बाद पटाखा व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. रायगढ़ जिले में बहुत ही कम पटाखे के दुकान लगाए हैं. जो दुकानें लगी है, उसमें भी बहुत ही कम ग्राहक पटाखे खरीदने पहुंच रहे हैं.

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कोरोना ने फीकी की दिवाली की रौनक
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Published : Nov 12, 2020, 4:37 PM IST

Updated : Nov 12, 2020, 5:25 PM IST

रायगढ़: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हर त्योहार फीका हो गया है. हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्व दीपावली की जगमगाहट भी इस बार कोरोना के कारण फीकी होने वाली है. दिवाली के दौरान लोग बढ़-चढ़कर पटाखे खरीदते हैं, लेकिन इस साल राज्य सरकार के नियम और कोरोना संक्रमण की वजह से पटाखों का व्यापार मंदा पड़ गया है. जिले में पटाखे व्यापारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं. वहीं पटाखा दुकानों में भी ग्राहकों की कमी देखने को मिल रही है.

कोरोना ने फीकी की दिवाली की रौनक

छत्तीसगढ़ सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध न लगाते हुए इसकी समय सीमा तय कर दी है. दीपावली के दिन रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे. राज्य सरकार की तरफ से यह फैसला कोरोना संक्रमण और वायु प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा निर्देशों के बाद लिया गया है. ऐसे में लोग इस साल पटाखे की खरीददारी भी कम रहे हैं. लिहाजा इसका सीधा असकर पटाखा व्यापारियों पर पड़ रहा है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोनाकाल में प्रदूषण साबित हो सकता है जानलेवा, दीपावली पर पटाखे से रहें दूर

कोरोना काल ने देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ कर रख दी है. रायगढ़ शहर में हर साल 70 से 80 पटाखे दुकान लगते थे लेकिन इस साल बमुश्किल से 25 से 30 दुकानें ही लगी हैं. वहीं ग्राहकों की संख्या में भारी कमी आई है जिसके चलते दुकानदार 40 फीसदी बिक्री होने की आशंका जता रहे हैं. साल 2019 की दिवाली की बात करें तो रायगढ़ शहर के मिनी स्टेडियम, नटवर स्कूल मैदान, रामलीला मैदान में सैकड़ों छोटे-बड़े पटाखा बाजार लगते थे. यहां लोग खरीदारी के लिए बढ़-चढ़कर पहुंचते थे. छोटे पटाखे, रंग-बिरंगे कपड़े और लाइटिंग बच्चों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहता है लेकिन इस दिवाली न तो बच्चे घर से बाहर निकल पा रहे हैं और न ही बाजारों में रौनक दिख रही है.

पटाखों की कीमत में बढ़ोतरी

कोरोना के कारण लोगों से रोजगार छीन गया. वहीं जिनके पास रोजगार है उन्हें इस साल दीपावली बोनस भी नहीं मिला है. कोरोना काल में हर त्योहार साधारण तरीके से मनाया जा रहा है. ऐसे में लोग भी ज्यादा खर्च नहीं कर रहे हैं. वहीं पटाखा खरीदने आए ग्राहकों का कहना है कि बाजार में पटाखों की कीमत में वृद्धि हुई है. सभी पटाखों की कीमत डबल हो गई है. ऐसे में लोग पटाखे की कम खरीददारी कर रहे हैं. ऐसे में दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

फायर के साथ कोरोना की भी सेफ्टी

इस साल पटाखा दुकानों में फायर सेफ्टी के साथ-साथ कोरोना से बचाव का भी ध्यान रखा जा रहा है. सभी दुकानों में मास्क के बिना प्रवेश वर्जित है. दुकानों को अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है.साथ ही ग्राहकों से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करवाया जा रहा है. पटाखा व्यापारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पटाखे बेच रहे हैं.

आधे से भी कम दुकानदारों ने खोली दुकान

पटाखा विक्रेता संघ का कहना है कि आधे से भी कम दुकानदारों ने अपनी दुकान खोली है. पहले लाइसेंस रिन्यूअल उसके बाद पटाखा बिक्री की परमिशन लेना प्रशासनिक चुनौती बन गई थी. जब यह काम पूर्ण हुआ तो बाजारों में लोगों के रुचि को देखते हुए आधे से ज्यादा दुकानदारों ने दुकान लगाने से मना कर दिया. वहीं जितने भी दुकानदारों ने पटाखे की दुकान लगाई हैं, उन्होंने भी कम सामान रखा है. पहले दुकानदार 40 से 50 हजार रुपए कमा लेते थे लेकिन इस साल दुकानदारों ने 20 से 25 हजार तक की कमाई की संभावना जताई है.

रायगढ़: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हर त्योहार फीका हो गया है. हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्व दीपावली की जगमगाहट भी इस बार कोरोना के कारण फीकी होने वाली है. दिवाली के दौरान लोग बढ़-चढ़कर पटाखे खरीदते हैं, लेकिन इस साल राज्य सरकार के नियम और कोरोना संक्रमण की वजह से पटाखों का व्यापार मंदा पड़ गया है. जिले में पटाखे व्यापारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं. वहीं पटाखा दुकानों में भी ग्राहकों की कमी देखने को मिल रही है.

कोरोना ने फीकी की दिवाली की रौनक

छत्तीसगढ़ सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध न लगाते हुए इसकी समय सीमा तय कर दी है. दीपावली के दिन रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे. राज्य सरकार की तरफ से यह फैसला कोरोना संक्रमण और वायु प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा निर्देशों के बाद लिया गया है. ऐसे में लोग इस साल पटाखे की खरीददारी भी कम रहे हैं. लिहाजा इसका सीधा असकर पटाखा व्यापारियों पर पड़ रहा है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोनाकाल में प्रदूषण साबित हो सकता है जानलेवा, दीपावली पर पटाखे से रहें दूर

कोरोना काल ने देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ कर रख दी है. रायगढ़ शहर में हर साल 70 से 80 पटाखे दुकान लगते थे लेकिन इस साल बमुश्किल से 25 से 30 दुकानें ही लगी हैं. वहीं ग्राहकों की संख्या में भारी कमी आई है जिसके चलते दुकानदार 40 फीसदी बिक्री होने की आशंका जता रहे हैं. साल 2019 की दिवाली की बात करें तो रायगढ़ शहर के मिनी स्टेडियम, नटवर स्कूल मैदान, रामलीला मैदान में सैकड़ों छोटे-बड़े पटाखा बाजार लगते थे. यहां लोग खरीदारी के लिए बढ़-चढ़कर पहुंचते थे. छोटे पटाखे, रंग-बिरंगे कपड़े और लाइटिंग बच्चों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहता है लेकिन इस दिवाली न तो बच्चे घर से बाहर निकल पा रहे हैं और न ही बाजारों में रौनक दिख रही है.

पटाखों की कीमत में बढ़ोतरी

कोरोना के कारण लोगों से रोजगार छीन गया. वहीं जिनके पास रोजगार है उन्हें इस साल दीपावली बोनस भी नहीं मिला है. कोरोना काल में हर त्योहार साधारण तरीके से मनाया जा रहा है. ऐसे में लोग भी ज्यादा खर्च नहीं कर रहे हैं. वहीं पटाखा खरीदने आए ग्राहकों का कहना है कि बाजार में पटाखों की कीमत में वृद्धि हुई है. सभी पटाखों की कीमत डबल हो गई है. ऐसे में लोग पटाखे की कम खरीददारी कर रहे हैं. ऐसे में दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

फायर के साथ कोरोना की भी सेफ्टी

इस साल पटाखा दुकानों में फायर सेफ्टी के साथ-साथ कोरोना से बचाव का भी ध्यान रखा जा रहा है. सभी दुकानों में मास्क के बिना प्रवेश वर्जित है. दुकानों को अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है.साथ ही ग्राहकों से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करवाया जा रहा है. पटाखा व्यापारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पटाखे बेच रहे हैं.

आधे से भी कम दुकानदारों ने खोली दुकान

पटाखा विक्रेता संघ का कहना है कि आधे से भी कम दुकानदारों ने अपनी दुकान खोली है. पहले लाइसेंस रिन्यूअल उसके बाद पटाखा बिक्री की परमिशन लेना प्रशासनिक चुनौती बन गई थी. जब यह काम पूर्ण हुआ तो बाजारों में लोगों के रुचि को देखते हुए आधे से ज्यादा दुकानदारों ने दुकान लगाने से मना कर दिया. वहीं जितने भी दुकानदारों ने पटाखे की दुकान लगाई हैं, उन्होंने भी कम सामान रखा है. पहले दुकानदार 40 से 50 हजार रुपए कमा लेते थे लेकिन इस साल दुकानदारों ने 20 से 25 हजार तक की कमाई की संभावना जताई है.

Last Updated : Nov 12, 2020, 5:25 PM IST
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